अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शनिवार (6 सितंबर 2025) को 3 सीरियाई नागरिकों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। ये लोग गाजा पीड़ितों के नाम पर अवैध तरीके से फंड जमा कर रहे थे। इनलोगों को भारत से भागने के फिराक में दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है। उसका एक साथी पिछले महीने क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा था।
गिरफ्तार किए गए जकारिया हैथम अलजार, अहमद ओहद अलहबाश और यूसुफ खालिद अलजहर की पुलिस को पहले से तलाश थी। तीनों आरोपितों को दिल्ली से दुबई होते हुए दमिश्क जाने वाली उड़ान में सवार होने की कोशिश करते समय रोका गया। पुलिस ने इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। ताकि वे भारत से भाग न सकें। इन लोगों ने गाजा पीड़ितों के नाम पर चंदा इकट्ठा किया और उस पैसे को अपनी ऐशो-आराम पर खर्च किया।
एक की गिरफ्तारी के बाद तीन अंडरग्राउंड हो गए थे
पुलिस ने इनमें से दमिश्क के रहने वाले अली मेघत अल-अजहर को अहमदाबाद के एलिसब्रिज इलाके के एक होटल से 23 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 3,600 अमेरिकी डॉलर और 25,000 रुपए नकद बरामद हुए थे। इस होटल में ये तीनों भी रुके थे।
पहले कोलकाता गए और फिर अहमदाबाद पहुँचे
क्राइम ब्रांच की जाँच में सामने आया था कि यह चारों टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। वे 22 जुलाई को कोलकाता उतरे और 2 अगस्त को अहमदाबाद पहुँच गए। यहाँ आरोपित ने मस्जिदों में जाकर गाजा में भूखे परिवारों के वीडियो दिखाकर चंदा इकट्ठा किया।
पुलिस को अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिले है कि यह पैसा गाजा भेजा गया हो। पीटीआई से बातचीत में शरद सिंघल ने कहा कि यह जाँच का विषय है कि वे पहले कोलकाता क्यों गए और फिर अहमदाबाद क्यों आए।
यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे वास्तव में चंदा इकट्ठा कर रहे थे या किसी और मकसद से भारत आए थे। उन्होंने बताया कि अमेरिकी डॉलर की बरामदगी और कुछ डिजिटल लेन-देन भी शक पैदा करते हैं। पुलिस अब उनकी गतिविधियों और संपर्कों को समझने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। शुरुआती जाँच में यह भी सामने आया है कि आरोपित कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में थे।
आतंकवाद विरोधी एजेंसियाँ जाँच में शामिल
गुजरात एंटी-टेररिज़्म स्क्वॉड (ATS) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने भी इस मामले की जाँच शुरू कर दी है, ताकि आरोपित के असली इरादों का पता लगाया जा सके और यह जाना जा सके कि इकट्ठा किया गया पैसा कहाँ भेजा गया।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि उनके नेटवर्क और संपर्कों का पता चल सके। पूछताछ में गिरफ्तार एक आरोपित ने माना था कि यह पैसा उन्होंने अपनी शानो-शौकत वाली जिंदगी पर खर्च किया। पुलिस के मुताबिक, दान इकट्ठा कर उन्होंने अपने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। सरकार ने अब उन्हें ब्लैकलिस्ट और डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है।