इजरायल ईरान युद्ध

पिछले 48 घंटों में, यानी शुक्रवार (13 जून 2025) और शनिवार (14 जून 2025) को इजरायल और ईरान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन जोरदार हमले किए हैं, जिसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइलें दागी हैं।

इजरायल ने शुक्रवार (13 जून 2025) सुबह 5:30 बजे ईरान पर अपना सबसे बड़ा हवाई हमला शुरू किया। इजरायली फाइटर जेट्स और ड्रोनों ने 100 से ज़्यादा ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया है।

वहीं, शुक्रवार (13 जून 2025) देर रात को भी इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को दोबारा निशाना बनाया। इन हमलों में अब तक 78 लोग मारे गए हैं और 350 से ज्यादा घायल हुए हैं।

प्रमुख ठिकाने और अधिकारियों की मौत

इजरायली हमले से ईरान के नतांज और फोर्डो जैसे महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचा है। इजरायल और अमेरिका नहीं चाहते कि ईरान परमाणु शक्ति बने, इसलिए ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ये हमले किए गए हैं।

वहीं ईरान के इस्फहान, तेहरान, तबरीज, अराक और करमनशाह जैसे शहरों में मौजूद सैन्य और मिसाइल ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है।

इजरायल ने पुष्टि की है कि उसके हमलों में 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और लगभग 6 शीर्ष IRGC कमांडर मारे गए हैं। इनमें ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, IRGC प्रमुख हुसैन सलामी, खतम-अल अंबिया सेंट्रल मुख्यालय के प्रमुख घोलम अली राशिद, IRGC वायु सेना प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह, IRGC वायु सेना ड्रोन यूनिट कमांडर ताहिर पोर और IRGC वायु सेना वायु रक्षा यूनिट कमांडर दावूद शेखियन शामिल हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के शीर्ष सलाहकार अली शमखानी को भी निशाना बनाया गया।

इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। मोसाद के एजेंटों ने महीनों पहले ही ईरान के अंदर ड्रोन और हथियार छिपा दिए थे। हमले के पहले चरण में, ईरान के रडार और हवाई सुरक्षा सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया ताकि इजरायली लड़ाकू विमानों को हमला करने में आसानी हो।

ईरान का जवाब: ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ का सीमित असर

जवाब में, ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री‘ नाम से ऑपरेशन चलाया और इजरायल पर 150 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जिसमें 1 महिला की मौत हो गई और 63 लोग घायल हो गए। ईरानी मीडिया ने दावा किया कि इजरायली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाया गया था।

जानकारी के मुताबिक, ईरान ने शनिवार (14 जून 2025) को सेंट्रल इजराइल में बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया, जिसके बाद कई घरों को नुकसान पहुँचा है। हमलों में कम से कम 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

हालाँकि, इजरायल ने अमेरिका के THAAD (टर्मिनल हाई-एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम की मदद से ज्यादातर मिसाइलों को आसमान में ही रोक दिया, जिससे ईरान का हमला उतना कामयाब नहीं हो पाया जितना वह चाहता था। अमेरिका ने अक्टूबर 2024 में इजरायल में THAAD को तैनात किया था।

नेतन्याहू की पीएम मोदी से बातचीत

ईरान की ओर से हमले की आशंका को देखते हुए इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया था। नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर उन्हें हालात की जानकारी दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “अभी भी वक्त है, समझौता करो वरना कुछ नहीं बचेगा।”

वहीं, संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के डिप्लोमैट फू कांग ने इजरायली हमले की निंदा की और सैन्य कार्रवाई रोकने की माँग की। फू कांग ने कहा कि चीन इजरायल की तरफ से ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा के उल्लंघन को लेकर बहुत चिंतित है।

संघर्ष निर्णायक मोड़ पर

‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ ने साफ कर दिया है कि इजरायल ईरान के परमाणु खतरे को लेकर चुप नहीं बैठेगा। इस ऑपरेशन ने न केवल ईरान की सैन्य ताकत को कमजोर किया है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

ईरान का जवाब भले ही तेज था, लेकिन वह इजरायल की मजबूत सुरक्षा दीवारों को भेदने में नाकाम रहा। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या यह लड़ाई किसी बड़े युद्ध में बदलती है या बातचीत से कोई रास्ता निकलता है।



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