बिहार रेलवे सड़क परियोजना

बिहार को केंद्रीय सरकार ने दो बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोकामा-मुंगेर 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से राज्य की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा और लाखों लोगों की सुविधा होगी।

पहली परियोजना के तहत 82.4 किलोमीटर लंबे मोकामा-मुंगेर सेक्शन का निर्माण किया जाएगा। यह हाई-स्पीड बक्सर-भागलपुर कॉरिडोर का अहम हिस्सा होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग ₹4,447.38 करोड़ खर्च किए जाएँगे और इसे हाइब्रिड एन्‍युटी मॉडल के तहत बनाया जाएगा।

इस सड़क के तैयार होने से दक्षिणी बिहार के लोगों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रा समय में लगभग डेढ़ घंटे की बचत होगी। साफ है कि इस प्रोजेक्ट से लोगों की आवाजाही आसान होगी और क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।

दूसरी बड़ी परियोजना रेलवे से जुड़ी है। मंत्रिमंडल ने भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। फिलहाल यह 177 किलोमीटर लंबी लाइन सिंगल ट्रैक पर चल रही है। अब इस पर करीब ₹3,169 करोड़ की लागत से डबल लाइन बिछाई जाएगी। इस परियोजना से बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तीनों राज्यों को फायदा पहुँचेगा।

इस रेलवे प्रोजेक्ट के पूरे होने पर लगभग 441 गाँव और करीब 28.72 लाख लोग बेहतर रेल सुविधा से जुड़ जाएँगे। खास बात यह है कि बांका, गोड्डा और दुमका जैसे आकांक्षी जिलों के लोगों को भी इससे बड़ा लाभ होगा। दोहरीकरण से रेल खंड पर भीड़भाड़ कम होगी और ट्रेन संचालन आसान और तेज हो जाएगा।

इसके अलावा यह रेलवे लाइन धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से भी अहम साबित होगी। देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम और पश्चिम बंगाल का तारापीठ जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल इस रूट से जुड़ेंगे, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी।

कुल मिलाकर, मोकामा-मुंगेर हाईवे और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन का दोहरीकरण, दोनों ही परियोजनाएँ बिहार और आसपास के राज्यों की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती हैं। इनसे न सिर्फ यात्रा समय और सुविधा बढ़ेगी बल्कि रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा सहारा मिलेगा।



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