बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच दैनिक भास्कर ने एक खबर से सनसनी फैलाने की कोशिश की। भास्कर ने एक पते पर 269 वोटर होने की खबर दी। ‘पत्रकार’ कहे जाने वाले राजदीप सरदेसाई ने भी इस मुद्दे पर ‘आग में घी’ डाल दिया। हालाँकि, इस आग से कुछ नुकसान हो पाता, इससे पहले ही प्रशासन ने इसकी पोल खोल दी।

दैनिक भास्कर के दावे को राजदीप ने दी हवा

दैनिक भास्कर ने 10 अगस्त को बिहार के मतदाता सूची प्रारूप को लेकर खबर छापी। इसमें कहा गया, “मुजफ्फरपुर में एक ही पते पर 269 तो जमुई में 247 वोटर रहते हैं”। खबर में मुजफ्फरनगर में बूथ नंबर 370 के मकान नंबर 27 पर 269 मतदाता और जमुई के बूथ नंबर 86 पर मकान नंबर 3 पर 247 वोटर होने की बात कही गई।

विपक्ष लगातार SIR को लेकर हल्ला-हंगामा कर रहा है। TMC की राज्यसभा साँसद सागरिका घोष के पति राजदीप सरदेसाई ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाए हैं। राजदीप ने इस खबर को लेकर भास्कर की तारीफ की। उन्होंने X पर खबर शेयर करते हुए मतदाता सूची के रिवीजन को जल्दबाजी का काम बताया है।

प्रशासन ने दिया जवाब

मुजफ्फरपुर के जिला प्रशासन ने राजदीप को जवाब देते हुए इस खबर की असली कहानी खोल दी। प्रशासन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि निर्वाचक सूची में वोटरों को दिया जाने वाला मकान नंबर अस्थाई और प्रतीकात्मक (Notional) होता है। प्रशासन ने कहा, “इसका निर्वाचक के असली मकान नंबर या परिवार से कोई संबंध नहीं होता है।”

प्रशासन के मुताबिक, SIR में योग्य निर्वाचकों का केवल सत्यापन किया गया है। निर्वाचक सूची में यह मकान नंबर SIR के पहले से दर्ज है। 7 जनवरी 2025 को प्रकाशित मतदाता सूची में ही मकान नंबर इसी तरह दर्ज थे। SIR के दौरान भी किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की।

जिस बड़े खुलासे के सहारे भास्कर और राजदीप बिहार में सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे थे, प्रशासन और चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश कर रहे थे। वो बस एक भ्रामक दावा ही साबित हुआ है। चुनाव आयोग लगातार विपक्ष के निशाने पर है और ऐसे में कुछ खास राजनीतिक झुकाव वाले पत्रकार तथ्यों को परवाह किए बगैर बस हमलावर हैं।



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