भारत में पाकिस्तानी आतंकियों के घुसपैठ के रास्ते बदलते दिख रहे हैं। ताजी जानकारी के मुताबिक, 3 पाकिस्तानी आतंकियों के नेपाल के रास्ते बिहार में दाखिल होने की सूचना मिली है। ये आतंकी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। पुलिस मुख्यालय (PHQ) को मिली अहम खुफिया जानकारी के बाद पूरे बिहार में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनकी पहचान रावलपिंडी निवासी हसनैन अली, उमरकोट निवासी आदिल हुसैन और बहावलपुर का रहने वाला मोहम्मद उस्मान के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि ये तीनों अगस्त 2025 के दूसरे हफ्ते में नेपाल के काठमांडू पहुँचे और पिछले हफ्ते नेपाल-बिहार बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुए हैं।

इस इनपुट को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने आतंकियों के पासपोर्ट और दूसरी जानकारियाँ सीमावर्ती जिलों के प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर दी हैं। खास तौर पर नेपाल से सटे इलाकों में सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।

खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी देश के किसी भी हिस्से में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। चूँकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए आशंका है कि आतंकी किसी भीड़-भाड़ वाले या राजनीतिक कार्यक्रम को निशाना बना सकते हैं।

PHQ ने राज्य के सभी जिलों की पुलिस और खुफिया विभाग को सतर्क रहने का आदेश दिया है। सभी को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश दिया गया है।

फिलहाल बिहार पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है और सीमावर्ती इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि राज्य में किसी भी तरह की आतंकी घटना न होने पाए।

बता दें कि इससे पहले मई 2025 में सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि करीब 37 पाकिस्तानी और बांग्लादेशी आतंकी नेपाल में मौजूद हैं और भारत में घुसपैठ करने की ताक में हैं। जिसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बहराइच से बलरामपुर तक की नेपाल सीमा पर एसएसबी के 1500 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया था।

37 लोगों में 10 बांग्लादेशी और 27 पाकिस्तानी बताए गए थे। सूचना के बाद नेपाल से लगते उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, पीलीभीत व लखीमपुर खीरी में अलर्ट भी जारी कर दिया गया था।

वहीं उसके बाद जुलाई 2025 में पाकिस्तान में मौजूद हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों के नेपाल के रास्ते भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिशों का भी पता चला था।

इस खतरे की जानकारी खुद नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने दी थी। उन्होंने बताया था कि हाफिज सईद का संगठन लश्कर ए तैयबा और मसूद अजहर का जैश के मोहम्मद पाकिस्तान-भारत की सीमा को पार करने के बजाए अब नेपाल के रास्ते भारत में आने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा रेखा है। यहाँ चौकसी काफी कम होती है। आतंकवादियों के लिए दूसरी जगहों की तुलना में अपनी पहचान छिपा कर इससे आना आसान है। जम्मू कश्मीर में आतंकियों की एंट्री पर कड़ा पहरा होने के बाद आतंकी दूसरे दरवाजे की तलाश कर रहे हैं इसलिए हाल के वर्षों में नेपाल में आतंकी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं।



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