जेफरी एप्सटीन, डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक के बाद एक बेइज्जती हो रही है। भारत के खिलाफ उनके बिना सोचे-समझे टैरिफ वाले बयान पर अभी बवाल थमा भी नहीं है कि हाउस ओवरसाइट कमेटी ने 2003 में ट्रंप द्वारा जेफरी एप्सटीन को लिखा गया एक कथित अश्लील पत्र सबके सामने ला दिया।

सोमवार (9 सितंबर) को कमेटी के लोगों ने बताया कि उन्हें एक बर्थडे बुक मिली, जिसमें ट्रंप के हस्ताक्षर वाला पत्र है। इसमें एक और पत्र भी था, जिसमें एप्सटीन के किसी दोस्त ने एक औरत के बारे में भद्दा मजाक किया था, जिसमें ट्रंप का नाम था।

डेमोक्रेट्स ने X पर ट्रंप का वो पत्र शेयर किया और कहा, “हमें ट्रंप का वो बर्थडे नोट मिला, जिसके बारे में वो कहते थे कि वो है ही नहीं। ट्रंप इसमें एक ‘शानदार रहस्य’ की बात करते हैं, जो उन्होंने एप्सटीन के साथ बाँटा था। वो क्या छिपा रहे हैं? फाइलें बाहर लाओ!”

इस साल जुलाई में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस बर्थडे बुक और पत्र के बारे में बताया था। पत्र में टाइप किया हुआ टेक्स्ट था, जो एक नंगी औरत की लाइनिंग वाली आर्ट से घिरा था। पत्र में लिखा था, “हैप्पी बर्थडे, और हर दिन एक नया शानदार रहस्य हो।” हस्ताक्षर में ‘डोनाल्ड’ लिखा था, जो कमर के नीचे था और ऐसा लगता था जैसे प्यूबिक हेयर की नकल हो।

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने न तो ये पत्र लिखा और न ही उसमें कोई औरत की आकृति बनाई। इतना ही नहीं, उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल और उन पत्रकारों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोक दिया, जिन्होंने 2003 में एप्सटीन के 50वें जन्मदिन के लिए दी गई चिट्ठियों की कहानी लिखी थी, जिसमें ट्रंप का पत्र भी था। इस मुकदमे में कम से कम 20 बिलियन डॉलर माँगे गए। ट्रंप ने इस पत्र को ‘जाली’ बताया।

ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने पोस्ट किया कि उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ बड़ा मुकदमा दायर किया है। “ब्रेकिंग न्यूज: हमने उन सबके खिलाफ बड़ा मुकदमा ठोका है, जो उस झूठी, गंदी, बदनाम करने वाली, फेक न्यूज को छापने में शामिल थे, जो उस बेकार अखबार में छपी, जिसे वॉल स्ट्रीट जर्नल कहते हैं। ये बड़ा कानूनी कदम उन तथाकथित लेखकों, अब पूरी तरह बदनाम हो चुके WSJ, और इसके मालिकों और सहयोगियों के खिलाफ है, जिसमें रूपर्ट मर्डोक और रॉबर्ट थॉमसन सबसे ऊपर हैं…”

वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को कहा कि ये बर्थडे कार्ड की कहानी ‘झूठी’ है और ये ‘फेक न्यूज’ डेमोक्रेट्स के ‘एप्सटीन धोखे’ को बढ़ाने के लिए है।

उन्होंने X पर लिखा, “वॉल स्ट्रीट जर्नल का ताजा लेख दिखाता है कि ये पूरी ‘बर्थडे कार्ड’ कहानी झूठी है। जैसा मैं कहती आई हूँ, साफ है कि ट्रंप ने ये चित्र नहीं बनाया और न ही इस पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप की कानूनी टीम जोर-शोर से मुकदमा लड़ेगी। और ये ‘रिपोर्टर’ @joe_palazzolo ने जिसने ये गंदी कहानी लिखी, उसने टिप्पणी के लिए उसी वक्त संपर्क किया जब उसने अपनी कहानी छापी, हमें जवाब देने का समय ही नहीं दिया। ये डेमोक्रेट्स के एप्सटीन धोखे को बढ़ाने के लिए फेक न्यूज है!”

खास बात ये है कि एप्सटीन की फाइलें, जो उसकी गलत हरकतों की जाँच से जुड़े सीलबंद दस्तावेज हैं, उसने ट्रंप के समर्थकों समेत पूरे अमेरिका का ध्यान खींचा है।

इस साल जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद, अटॉर्नी जनरल बॉन्डी ने कहा था कि एप्सटीन के सारे दस्तावेज, जिनमें कई लोग एक ‘क्लाइंट लिस्ट’ मानते थे, जिसमें एप्सटीन के यौन तस्करी के रैकेट के बड़े लोग शामिल थे, सबके सामने लाए जाएँगे। लेकिन जनवरी में पद संभालने के बाद ट्रंप ने पलटी मार ली और अब एप्सटीन फाइलों और इन मामलों की जाँच को डेमोक्रेट्स का फैलाया धोखा बताते हैं।

जेफरी एप्सटीन कौन था?

जेफरी एप्सटीन एक अमेरिकी फाइनेंसर था, जिसे फ्लोरिडा की अदालत ने नाबालिग को वेश्यावृत्ति के लिए उकसाने और वेश्या माँगने के लिए दोषी ठहराया था। उसने 13 महीने जेल में बिताए और जुलाई 2019 में फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क में नाबालिगों की यौन तस्करी के आरोप में फिर से पकड़ा गया। एक महीने बाद अगस्त में मुकदमे के दौरान उसकी मौत हो गई।

एप्सटीन फाइलें जाँच के दस्तावेज हैं, जिनमें एप्सटीन की गलत हरकतों की जाँच के दौरान फेडरल एजेंसियों ने फाइलें, रिकॉर्ड, वीडियो और संपर्क जमा किए थे। इनमें एप्सटीन के प्राइवेट प्लेन के फ्लाइट लॉग, कॉन्टैक्ट लिस्ट, हिसाब-किताब के रिकॉर्ड और यहाँ तक कि गलत व्यवहार के वीडियो सबूत भी होने की बात कही जाती है।



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