उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से पूजा पाल विधायक थीं। वह समाजवादी पार्टी (सपा) से चुनी गई थीं। यूपी विधानसभा में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। पूजा पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाई। इससे उन्हें वर्षों बाद न्याय मिला। पूजा पाल का इशारा माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ओर था। दोनों पर पूजा के पति राजू पाल की हत्या का आरोप था। पूजा पाल के पति राजू पाल बसपा के विधायक थे।
पूजा के इस बयान से सपा में बवाल मच गया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई और तंज कसते हुए कहा कि पूजा को पहले ही बीजेपी से टिकट पक्का करा लेना चाहिए था। इसके कुछ ही घंटों बाद सपा ने कड़ा फैसला लिया। पार्टी ने पूजा पाल को ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी ठहराया और उन्हें ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
इसके बाद पूजा पाल ने मीडिया से बातचीत कर कहा, “शायद आप उन महिलाओं की बात नहीं सुन पाए जो मुझसे भी ज्यादा परेशान थीं। मैं उनकी आवाज हूँ। मुझे लोगों ने चुनकर विधानसभा में भेजा है। उन माताओं और बहनों ने मुझे यहाँ भेजा है, जिन्होंने अपनों को खोया है।”
#WATCH | Expelled SP MLA Pooja Pal says, "…Perhaps you could not hear the women in Prayagraj who were even more worried than me. But I am their voice, I have been elected as an MLA and sent to the Assembly. I am the voice of mothers and sisters who have lost their loved ones.… https://t.co/cnE7hzb0Pe pic.twitter.com/8MaF0iWtZR
— ANI (@ANI) August 14, 2025
पूजा पाल ने आगे कहा कि प्रयागराज में जितने भी लोग अतीक अहमद से परेशान थे, मुख्यमंत्री ने सिर्फ मुझे नहीं, बल्कि उन सभी को न्याय दिया है। 1 यह बात मैं पहले दिन से कह रही हूँ, जब मैं पार्टी में थी, तब भी। मुझे तो आज निकाला गया है। मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूँ। मैं विधायक बाद में बनी, लेकिन पहले एक पीड़ित महिला हूँ, एक पत्नी हूँ।
पूजा पाल के पति राजू पाल का कत्ल
साल 2004 में, फूलपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद बने अतीक अहमद ने अपनी इलाहाबाद पश्चिम की विधानसभा सीट खाली कर दी। इस सीट पर उपचुनाव हुआ। समाजवादी पार्टी ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया। उनके सामने थे बहुजन समाज पार्टी के युवा नेता राजू पाल।
उपचुनाव में राजू पाल ने अशरफ को हरा दिया और पहली बार विधायक बने। यह बात अतीक और अशरफ को बहुत बुरी लगी। विधायक बनने और पूजा पाल से शादी करने के 9 दिन बाद 16 जनवरी 2005 राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। राजू पाल की गाड़ी को GT रोड पर ओवरटेक करके रोका गया।
इसके बाद स्कॉर्पियो सवार 25 हमलावरों ने राजू पाल पर ताबड़तोड़ गोलियाँ बरसाईं। अंधाधुंध फायरिंग के दौरान राजू पाल को 19 गोलियाँ लगीं। हमलावरों ने राजू पाल का पीछा करते हुए 5 किलोमीटर तक दौड़ाकर उन्हें मारा था। इस हमले में उनके दो साथी संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हुई थी।
राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने अपने पति को न्याय दिलाने की लड़ाई शुरू की। इस मामले में एक अहम गवाह उमेश पाल थे, जो राजू पाल के फुफेरे भाई भी थे। उमेश पाल पर अतीक अहमद के गुर्गों ने कई बार हमला किया और अपहरण भी किया ताकि वो गवाही न दे सकें।
लेकिन उमेश पाल डटे रहे और अतीक के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे। उमेश पाल ने अतीक अहमद और उसके गिरोह के खिलाफ कई FIR दर्ज कराईं। पूजा पाल ने भी कई बार उमेश पाल की हत्या की आशंका जताई थी।
गवाह की हत्या और माफिया परिवार का अंत
24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल की भी गोली मारकर और बम फेंककर हत्या कर दी गई। यह सब कैमरे में कैद हो गया। इस हमले में उनके दो सरकारी गनर भी मारे गए। उमेश पाल की हत्या का आरोप भी अतीक अहमद और उसके बेटे असद पर लगा। उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी सरकार और पुलिस हरकत में आ गई और तेजी से कार्रवाई शुरू हुई।
इस हत्याकांड के बाद एक-एक करके सभी आरोपित मारे गए। सबसे पहले 13 अप्रैल 2023 को उमेश पाल की हत्या में शामिल अतीक अहमद का बेटा असद और उसका साथी झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए।
इसके दो दिन बाद, 15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ को पुलिस हिरासत में मेडिकल जाँच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी तीन लोगों ने उन पर हमला कर दिया और गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना लाइव टीवी पर हुई। इस तरह, जिस अतीक अहमद पर राजू पाल की हत्या का आरोप था, उसका भी अंत हो गया और यह चक्र पूरा हुआ।
पूजा पाल का सीएम योगी की तारीफ और पार्टी से निष्कासन
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद, पूजा पाल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो टॉलरेंस‘ (अपराध के प्रति बिलकुल बर्दाश्त न करना) की नीति की जमकर तारीफ की।
पूजा पाल ने कहा कि सीएम योगी ने ही उनके पति के हत्यारों को ‘मिट्टी में मिलाया’ और उन्हें न्याय दिलाया। पूजा ने कहा कि उन्होंने वो दर्द देखा है जो किसी ने नहीं देखा था और सीएम ने उनकी बात सुनी। उन्होंने सीएम को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की वजह से ही अतीक जैसे अपराधियों का सफाया हुआ है।
पूजा पाल की सीएम योगी की तारीफ समाजवादी पार्टी को पसंद नहीं आई। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उन पर सख्त कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर निकाल दिया। पार्टी की तरफ से जारी एक पत्र में ‘पार्टी विरोधी गतिविधियाँ’ बताई और चेतावनी के बावजूद उन्होंने पार्टी को नुकसान पहुँचाया है।
इसके साथ ही पूजा पाल को पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया। पत्र में यह भी कहा जाता है कि पूजा पाल ने राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिससे वह पहले से ही पार्टी में अलग-थलग चल रही थीं।













