कर्नाटक के एक धर्मस्थल में सामूहिक दफन मामले के बाद अपनी बेटी के गायब होने का दावा करने वाली महिला ने अपनी कहानी को झूठा बताया है। सुजाता भट्ट नामक महिला ने दावा किया था कि उनकी बेटी अनन्या भट्ट 2003 में धर्मस्थल यात्रा के दौरान लापता हो गई थी।
एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए सुजाता ने कहा कि उसे यह झूठा दावा करने के लिए गिरीश मत्तणावर और टी जयन्ती ने उकसाया था। उन्होंने बताया, “यह सच नहीं है। कभी कोई अनन्या भट्ट नाम की बेटी थी ही नहीं। तस्वीरें भी नकली थीं। सबकुछ पूरी तरह से फर्जी था।”
It has now come to light that Sujatha Bhat, who had earlier claimed to be the mother of a fictitious person named Ananya Bhat and alleged that her daughter was subjected to abuse and murder in Dharmasthala, has admitted that her statements were false. She revealed that she was… pic.twitter.com/YyeKu3KCaJ
— Girish Bharadwaj (@Girishvhp) August 22, 2025
जब पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो सुजाता ने कहा, “कुछ लोगों ने मुझे ऐसा कहने को कहा। यह सब जमीन के विवाद की वजह से हुआ। यही एक कारण था।”
सुजाता के मुताबिक, यह विवाद उनके नाना की जमीन को लेकर था, जो कथित रूप से धर्मस्थल मंदिर प्रशासन ने ले ली थी। उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ यह पूछा था कि मेरे नाना की जमीन मेरी मंजूरी के बिना कैसे दे दी गई।” उन्होंने यह भी साफ किया कि इस पूरे मामले में किसी ने उनसे पैसे नहीं माँगे और न ही उन्होंने किसी से पैसे लिए।
यह बयान पहले के दावे से बिल्कुल उलटा है। इससे पहले पुलिस को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा था कि उनकी 18 साल की बेटी अनन्या मेडिकल की छात्रा थी, वह मई 2003 में धर्मस्थल गई थी और वहीं से गायब हो गई।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि जब उन्होंने बेटी की खोज शुरू की तो उन्हें अगवा कर लिया गया और धर्मस्थल न लौटने या सार्वजनिक रूप से घटना के बारे में कुछ न कहने की चेतावनी दी गई। उनका कहना था कि अगवा करने के बाद उन्हें बेरहमी से पीटा गया, जिससे वह कोमा में चली गई थी। बाद में उन्हें बेंगलुरु के एक अस्पताल में इलाज के बाद होश आया।
अब वह इन सभी बातों से पीछे हट गई हैं और जनता से माफी माँग रही हैं। उनका कहना है, “मैं कर्नाटक की जनता से, धर्मस्थल के भक्तों और पूरे देश से माफी माँगती हूँ।” मामले की जाँच कर रही विशेष जाँच टीम (SIT) ने उन्हें शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को बेल्थंगडी कार्यालय में पेश होने का नोटिस भेजा था।
बता दें कि यह मामला तब सामने आया था जब एक सफाईकर्मी ने चौंकाने वाला दावा किया कि उसे 1998 से 2014 के बीच धर्मस्थल में कई जगहों पर सैकड़ों शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। यह सफाईकर्मी भगवान मंजूनाथ मंदिर में काम करता था और उसने 3 जून 2025 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
सफाईकर्मी ने अपनी शिकायत में बताया था कि जिन शवों को वह दफनाता था, उनमें कई महिलाएँ और नाबालिग लड़कियाँ थीं, जिनका यौन शोषण किया गया था। हालाँकि, इसके बाद कई जगहों पर खुदाई की गई लेकिन ज्यादातर जगहों से कोई मानव अवशेष नहीं मिले थे। सिर्फ नेत्रवती नदी के पास एक जगह से कुछ हड्डियाँ मिलीं थीं जो पुरुषों की बताया गई थीं।
इसी के बाद सुजाता भट्ट का भी बयान आया था कि उनकी बेटी भी धर्मस्थल से ही लापता हुई है। हालाँकि, उनके हालिया बयान ने पूरे केस को ही उलट-पलट दिया है।













