एअर इंडिया क्रैश

एअर इंडिया हादसे को लेकर अमेरिकी विमानन जाँच एजेंसी नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने बयान जारी किया है। NTSB ने एअर इंडिया हादसे का जिम्मेदार पायलट को बताने पर मीडिया संस्थानों को लताड़ा है। अमेरिकी जाँच एजेंसी NTSB ने भारतीय विमानन जाँच एजेंसी AAIB का पूरा सहयोग देने की बात कही है।

NTSB ने WSJ को लताड़ा

एअर इंडिया हादसे को लेकर NTSB प्रमुख जेनिफर होमेंडी ने शनिवार (19 जुलाई, 2025) को यह बयान जारी किया है। NTSB प्रमुख ने कहा,”एअर इंडिया 171 दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्टें अपरिपक्व और कयास लगाने वाली हैं। भारत के विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो ने हाल ही में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है।”

NTSB प्रमुख ने आगे कहा,”इस तरह की जाँच में समय लगता है। हम AAIB की सार्वजनिक अपील का पूरा समर्थन करते हैं, जो गुरुवार को जारी की गई थी, और इसकी जाँच का सहयोग करते रहेंगे। इस मामले में जाँच सम्बन्धित सभी प्रश्न AAIB से पूछे जाने चाहिए।”

NTSB के इस बयान हाल ही में वह हालिया मीडिया रिपोर्ट्स खारिज हो गईं हैं, जिनमें हादसे का जिम्मेदार सीधे तौर पर दुर्घटनाग्रस्त विमान AI-171 के कैप्टन सुमीत सभरवाल को ठहराया गया था। ऐसी रिपोर्ट्स वॉल स्ट्रीट जनरल ने प्रकाशित की थी।

WSJ की रिपोर्ट में AAIB की प्रारम्भिक जाँच रिपोर्ट को तोड़ मरोड़ के पेश किया गया था। WSJ ने दावा किया था कि विमान के अहमदाबाद से उड़ने के बाद कॉकपिट में फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सभरवाल से फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद करने को लेकर पूछा था।

अपनी खबर में WSJ ने यह दिखाने का प्रयास किया था कि जैसे कैप्टन सभरवाल ने ही यह फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद किया था और इसी के चलते हादसा हुआ। WSJ ने दावा किया था कि अब पूरी जाँच का केंद्र बिंदु पायलट सुमीत सभरवाल ही हैं।

WSJ के ही सुर में सुर मिलाते हुए रायटर्स, CNN समेत तमाम विदेशी मीडिया संस्थानों ने यही बातें लिखी थीं। पायलटों को दोषी ठहराने वाली रिपोर्ट AAIB की जाँच रिपोर्ट सामने आने से पहले से आने लगी थीं। इसमें सबसे आगे WSJ रहा था।

पहले से तय कर ली थी कहानी

WSJ ने गुरुवार (10 जुलाई,2025) को इसी संबंध में एक खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में दावा किया गया था कि जाँचकर्ता अब एअर इंडिया हादसे की जाँच इंजन या अन्य फेलियर के एंगल से नहीं परंतु पायलटों की ‘भूल’ के एंगल से कर रहे हैं। 

यह खबर तब प्रकाशित की गई थी जब AAIB की जाँच रिपोर्ट सामने नहीं आई थी। बाद में जब AAIB की रिपोर्ट सामने आई तो इसमें पायलटों की भूल की बात तक नहीं की गई। यह प्रयास सिर्फ वॉल स्ट्रीट जनरल ने ही नहीं किया था। वॉल

स्ट्रीट जनरल के अलावा ब्लूमबर्ग, रॉयटर्स, ABC न्यूज और विमानन पर रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट एयर करेंट ने भी विमान हादसे का कारण इंजन को ईंधन पहुंचाने वाले फ्यूल स्विच के ‘गलती से बंद होना’ बताने का प्रयास किया था।

इन सभी मीडिया पोर्टल में यह खबरें 8 जुलाई से 10 जुलाई के बीच प्रकाशित हुई थी जबकि AAIB की जाँच रिपोर्ट 12 जुलाई को प्रकाशित हुई थी। यह प्रयास AAIB रिपोर्ट के बाद रुके नहीं थे। AAIB रिपोर्ट को भी विदेशी मीडिया संस्थानों जैसे रॉयटर्स, बीबीसी, डेली मेल आदि ने इस रिपोर्ट को जानबूझकर गलत तरीके पेश किया।

AAIB रिपोर्ट में पायलटों की गलती को लेकर कोई बात नहीं कही गई थी। फिर भी इन मीडिया संस्थानों ने पायलटों को ही को दोषी ठहराने की कोशिश की। इस कड़ी में FAA की वह नोटिफिकेशन भी सामने आई थी जिसमे बोइंग को क्लीन चिट दी गई।

इसी कहानी के अंतिम अध्याय में पायलटों को दोषी ठहराते हुए कैप्टन सुमीत सभरवाल को फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद करने का दोषी बता दिया गया। यह सब तब हुआ जब AAIB ने स्वयं कहा है कि इस हादसे की जाँच अभी पूरी नहीं हुई है और जो भी रिपोर्ट सामने आई है वह प्रारम्भिक है। अब NTSB ने भी WSJ समेत बाकी न्यूज संस्थानों की बात को झुठला दिया है।

पायलट यूनियन ने अब मीडिया से माँगा जवाब

NTSB के इस मामले में WSJ समेत बाकी रिपोर्ट्स को खारिज करने के बाद भारतीय पायलट फेडरेशन (FIP) ने भी जवाब माँगे हैं। FIP ने कैप्टन सुमीत सभरवाल को बिन जाँच पूरी हुए दोषी बताने पर WSJ और रायटर्स से जवाब माँगा है। उन्होंने इस सबंध में दोनों मीडिया संस्थानों को कानूनी नोटिस भेजी है। पायलट फेडरेशन ने कैप्टन सभरवाल को दोषी ठहराने वाली खबरों को वापस लिए जाने की बात नोटिस में कही है। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि कैप्टन सभरवाल की छवि ख़राब करने के लिए दोनों संस्थानों को माफी माँगनी चाहिए।



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