शुद्धिकरण में शामिल 40 लोग युवती के परिवार के सदस्य या दूर के रिश्तेदार हैं। ये घटना 19 जून को राज्यगड़ा जिले के बैगानगोडा गाँव में हुई थी।
युवती ने अपने गाँव के एक अनुसूचित जाति के लड़के से शादी कर ली थी। इसके बाद गाँववालों ने पूरे परिवार को समाज से बाहर निकाल दिया। गाँव की पंचायत ने परिवार के 40 सदस्यों को सिर मुंडवाने का फरमान सुनाया। इस दौरान गाँव के देवता के सामने बकरे, सूअर और मुर्गियों की बलि दी गई। अनुष्ठान के बाद समाज को भोज खिलाया गया।
इस पूरे कार्यक्रम में जो खर्च आया वह परिवार को वहन करना पड़ा। सिर मुंडवाने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि परिवार के दर्जनों सदस्य सिर मुंडवाकर एक साथ खेत में बैठे हैं। इनलोगों ने अपने सिर झुका लिए हैं और कुछ लोग धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन ने जाँच के आदेश दिये हैं। स्थानीय बीडीओ बिजय सोई ने मीडियो को कहा कि ब्लॉक स्तर पर एक टीम बनाई गई है जो गाँव पहुँची है और मामले की जाँच कर रही है।
हालाँकि महिला के परिवारवालों ने सरकारी अधिकारियों को कहा है कि समाज के नियम तोड़ने की वजह से उन लोगों ने अपनी मर्जी से ये पूरा अनुष्ठान किया है। उनसे समाज ने कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की।
वायरल वीडियो में गलत दावा किया गया
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कई लोगों ने गलत प्रचार किया। कुछ लोगों ने ‘शुद्धिकरण’ को जाति-व्यवस्था से जोड़ा और सवर्णों पर आरोप लगाए।

एक ‘ट्राइबल आर्मी’ नाम की एक्स हैंडल ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यह मनुवादी वर्चस्व और भारतीय समाज में फैले जातिवाद की खौफनाक तस्वीर पेश करता है। इसमें लिखा गया है कि ये केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक समानतावदी मूल्य व्यवस्था पर हमला है। इसमें महिला को दूसरी जाति में शादी करने पर पूरे परिवार को ‘सजा’ देती है।
इस हैंडल ने यह आरोप लगाया कि शुद्धिकरण अनुष्ठान सवर्णों ने करवाया। जबकि यह अनुष्ठान परिवार ने अपने जनजातीय समुदाय को खुश करने के लिए किया था। परिवार को किसी जाति विशेष ने मजबूर नहीं किया था।
हैंडल ने जानबूझकर इसे उच्च जातियों द्वारा ‘उत्पीड़न’ के रूप में पेश किया है और जातिवाद के नाम पर जमकर सर्वर्णों को कोसा है।
कुछ अन्य हैंडलों ने जनजातीय समुदाय के ऐसे रीति-रिवाजों के लिए बीजेपी और आरएसएस को दोषी ठहराया है। घटना को लेकर हैंडल ने कहने की कोशिश की है कि यह भाजपा या संघ ही था जिसने परिवार के सदस्यों को शुद्धिकरण अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया।

कुछ मीडिया पोर्टल जैसे ललनटॉप ने अपने हेडलाइन से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की।

दरअसल जातियों का मामला आने पर अक्सर मीडिया, सोशल मीडिया मनुवादी कहते हुए सर्वर्णों को खरी-खोटी सुनाना शुरू कर देते हैं। वे ये तक जानने की जहमत नहीं उठाते है कि घटना में कौन शामिल है? किनके बीच हुई है? क्या वजह है?