आगरा धर्मांतरण पास्टर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के आगरा के शाहगंज इलाके में ईसाई बनाने कराने वाले पादरी राजकुमार लालवानी समेत 8 लोगों को पुलिस ने मंगलवार (2 सितंबर 2025) को हिरासत में लिया था। पादरी और उसकी गैंग के कारनामों का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन से हुआ है। उसके जो वीडियोज सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं। वीडियो में वह महिलाओं से कह रहा है कि फायदा चाहिए तो वे सिंदूर लगाना छोड़ दें।

राजकुमार लालवानी हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करता था और लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालता था। वह कहता था, “अपने घर से देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हटा दो। तुम शैतानों की पूजा कर रहे हो। इस स्वर्ग का मालिक केवल ईसा मसीह हैं।” वह महिलाओं से कहता था, “अगर तुमको फायदा चाहिए तो बिछुए, मंगलसूत्र और सिंदूर छोड़ दो।”

कैसे हुआ खुलासा?

आरोपित पादरी राजकुमार लालवानी के घर के पास रहने वाले घनश्याम हेमलानी नामक व्यक्ति ने राजकुमार का स्टिंग ऑपरेशन किया। उनकी पत्नी राधा पेट दर्द से परेशान थी, जिसे कुछ महिलाएँ सत्संग के बहाने राजकुमार के घर ले गईं। वहाँ राजकुमार ने उससे हिंदू धर्म से जुड़ी चीजें छुड़वा दीं और कहा, “तुम्हारी परेशानी की वजह तुम्हारे देवी-देवता हैं। ईसा मसीह को मानोगी तो सब ठीक होगा।”

घनश्याम का कहना है, “इसके बाद उसने पत्नी का सिर पकड़कर उसने घुमाना शुरू कर दिया। पत्नी से पूछा कि किन-किन धार्मिक स्थलों पर होकर आई हो। उन्होंने बताया कि उज्जैन, वैष्णो माता होकर आए हैं। इसके बाद राजकुमार ने पत्नी के हाथ से कलावा और गले से मंगलसूत्र उतरवा दिया।”

घनश्याम हेमलानी ने बताया, “उसने पूछा कि तुम्हारे घर में किस-किस की पूजा होती है? पत्नी ने राजकुमार को बताया कि हम हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। इस पर उसने कहा कि अपने घर से देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हटा देना। इन्हीं वजह से तुम परेशान हो।” राजकुमार ने घनश्याम की पत्नी से कहा कि प्रभु ईसा मसीह को माना करो और उनकी प्रार्थना किया करो।

घनश्याम की पत्नी ने इसकी जानकारी पति को दी। इसके बाद एक रविवार को वह भी राजकुमार लालवानी के घर के बाहर जा कर खड़ा हो गया। अंदर जाने से पहले उनकी तलाशी ली गई। घनश्याम ने कहा, “मेरे पास मोबाइल था, उन्होंने इसे घर पर रखकर आने के लिए कहा। थोड़ी देर बाद मैं फिर लौटकर आया। इस बार मैंने मोबाइल फोन छुपा लिया था। देखा तो अंदर धर्मांतरण के लिए लोगों पर दबाव बनाया जा रहा था।”

घनश्याम ने मोबाइल से चुपचाप कुछ तस्वीरें लीं। इसके बाद वह वहाँ से चले गए। कुछ दिन बाद उन्होंने यह तस्वीरें कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को दिखाईं तो उन्होंने इस मामले में और सबूत इकट्ठा करने के लिए कहा।

घनश्याम ने बताया “वे बोलते थे कि ये जो तुम कलावा बाँध रहे। टीका लगा रहे हो, ये सब शैतानों की पूजा है। घर से मूर्ति हटाओ, मंदिर हटाओ। इस स्वर्ग का मालिक ईसा मसीह है। ईसा मसीह को जो माने वह खुश रहेगा, उसे सारी सुविधाएँ मिलेंगी।”

पुलिस की कार्रवाई

घनश्याम ने ये सारे सबूत कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को दिखाए। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई। शाहगंज पुलिस ने एक महीने तक जाँच की और दो महिला पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में धर्मसभा में भेजा, जहाँ उन पर भी धर्म बदलवाने का दबाव बनाया गया।

इसके बाद मंगलवार (2 सितंबर 2025) को पुलिस ने रेड मारकर 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों में राजकुमार लालवानी, अनूप कुमार, कमल कुंडलानी, जयकुमार, अरुण और 3 महिलाएँ शामिल हैं।

खुलासे में पता चला कि राजकुमार को विदेश से फंडिंग मिल रही थी। उसने अब तक 500 से ज्यादा लोगों को हिंदू धर्म छोड़ने पर मजबूर किया था। उसने 5 साल पहले मुंबई के उल्लासनगर में ईसाई धर्म अपनाया था और वहाँ से लौटकर आगरा में यह काम शुरू किया।

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