किसानों से जमीन छीनने की साजिश- पंधेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हम चाहते हैं कि भगवंत मान सरकार जल्द से जल्द लैंड पूलिंग नीति वापस ले, वरना हमें उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करना पड़ेगा। यह सिर्फ किसानों का मुद्दा नहीं है।”
Amritsar, Punjab: Kisan Mazdoor Morcha leader Sarvan Singh Pandher says, "… We want the Bhagwant Mann government to withdraw the land pooling policy at the earliest, otherwise we will be forced to make them do so. This is not just an issue for farmers…" pic.twitter.com/PQXp80qMYQ
— IANS (@ians_india) August 11, 2025
किसान मोर्चा का कहना है कि राज्य के उपजाऊ कृषि भूमि को कॉर्पोरेट के हाथों में जाने से बचाना उनका मकसद है। उन्होंने प्रस्तावित लैंड पूलिंग नीति को ‘काला कानून’ करार दिया। किसान नेताओं का कहना है कि इसका मकसद 65000 एकड़ से ज्यादा जमीन निजी हाथों में सौंपना चाहती है राज्य सरकार।
हाईकोर्ट ने भगवंत सरकार को लगाई थी फटकार
इससे पहले भगवंत मान सरकार को ‘लैंड अर्बन डेवलपमेंट’ के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी और इस पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसा लगता है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी जल्दीबाजी में बनाया गया है । सरकार ने सामाजिक असर, पर्यावरण और दूसरी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। इन पर ध्यान देना चाहिए था।
क्या है लैंड पूलिंग पॉलिसी?
पंजाब की मान सरकार ने जमीन पर आवासीय कॉलोनी और फ्लैट बनाने के लिए जमीन किसानों से लेना चाहती है। इसमें कहा गया है कि किसानों की इच्छा के बिना ये नहीं हो सकता। किसानों का कहना है कि ये पॉलिसी किसानों की जमीन लेकर कॉरपोरेट को देने की साजिश है। किसान खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि उनपर चारों ओर से हमले किए जा रहे हैं। एक तरफ जमीन छीनने की साजिश की जा रही है वहीं दूसरी तरफ भारत पर लगातार अमेरिका दबाव बना रहा है कि कृषि, डेयरी, पोल्ट्री, मछलीपालन जैसे क्षेत्र में उसे भारत में घुसने दिया जाए।