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‘लैंड पूलिंग पॉलिसी जल्द वापस ले पंजाब सरकार, वरना करेंगे बड़ा आंदोलन’: भगवंत मान सरकार के खिलाफ सड़कों पर किसान, हाईकोर्ट पहले ही लगा चुका है फटकार


'लैंड पॉलिसी' को लेकर मान सरकार का विरोध

पंजाब में किसानों ने भगवंत मान सरकार को चेताया है कि अगर लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। किसानों ने इसको लेकर पंजाब के कई जिलों में बाइक रैली निकाली। ये रैली सोमवार (11 अगस्त 2025) को किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर की अगुआई में अमृतसर के जलियांवाला बाग से अटारी बॉर्डर तक गई। इस दौरान भगवंत मान सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया गया।

किसानों से जमीन छीनने की साजिश- पंधेर

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हम चाहते हैं कि भगवंत मान सरकार जल्द से जल्द लैंड पूलिंग नीति वापस ले, वरना हमें उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करना पड़ेगा। यह सिर्फ किसानों का मुद्दा नहीं है।”

किसान मोर्चा का कहना है कि राज्य के उपजाऊ कृषि भूमि को कॉर्पोरेट के हाथों में जाने से बचाना उनका मकसद है। उन्होंने प्रस्तावित लैंड पूलिंग नीति को ‘काला कानून’ करार दिया। किसान नेताओं का कहना है कि इसका मकसद 65000 एकड़ से ज्यादा जमीन निजी हाथों में सौंपना चाहती है राज्य सरकार।

हाईकोर्ट ने भगवंत सरकार को लगाई थी फटकार

इससे पहले भगवंत मान सरकार को ‘लैंड अर्बन डेवलपमेंट’ के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी और इस पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसा लगता है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी जल्दीबाजी में बनाया गया है । सरकार ने सामाजिक असर, पर्यावरण और दूसरी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। इन पर ध्यान देना चाहिए था।

क्या है लैंड पूलिंग पॉलिसी?

पंजाब की मान सरकार ने जमीन पर आवासीय कॉलोनी और फ्लैट बनाने के लिए जमीन किसानों से लेना चाहती है। इसमें कहा गया है कि किसानों की इच्छा के बिना ये नहीं हो सकता। किसानों का कहना है कि ये पॉलिसी किसानों की जमीन लेकर कॉरपोरेट को देने की साजिश है। किसान खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं।

किसानों का कहना है कि उनपर चारों ओर से हमले किए जा रहे हैं। एक तरफ जमीन छीनने की साजिश की जा रही है वहीं दूसरी तरफ भारत पर लगातार अमेरिका दबाव बना रहा है कि कृषि, डेयरी, पोल्ट्री, मछलीपालन जैसे क्षेत्र में उसे भारत में घुसने दिया जाए।



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