सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 जून 2025) को वजाहत खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। वजाहत के खिलाफ पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में FIR दर्ज थी। उसे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
यह अंतरिम आदेश जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 14 जुलाई 2025 तक वजाहत के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
'Hate Speeches Get Us Nowhere; Wounds Inflicted By Fire May Heal, But Not Those Caused By Words': Justice KV Viswanathan @DebbyJain#SupremeCourt #HateSpeechhttps://t.co/ZwxKYyi1bp
— Live Law (@LiveLawIndia) June 23, 2025
सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा, “नफरत भरे भाषण हमें कहीं नहीं ले जाते।” उन्होंने आगे कहा कि आग की वजह से लगे घाव भर सकते हैं, लेकिन शब्दों से लगे घाव कभी नहीं भरते। वजाहत खान के वकील दामा शेषाद्रि नायडू ने दलील दी थी कि आरोपित ने जैसा बोया है, वैसा ही काट रहा है और सजा से उसने सबक भी सीखा है।
बता दें कि वजाहत खान की शिकायत पर ही ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट करने पर सोशल मीडिया इफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद बंगाल पुलिस ने वजाहत के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था।
जहाँ एक ओर शर्मिष्ठा को दो हफ्ते तक जेल में रखने के बाद भी उसकी बेल को नामंजूर कर दिया गया था। वहीं वजाहत ने उसकी गिरफ्तारी का जश्न मुस्लिम समुदाय के साथ मनाया था।
वजाहत के सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट दिखा थे। इसके बाद लोगों ने उसकी गिरफ्तारी की माँग की थी। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में वजाहत ने लिखा था “कामाख्या देवी मंदिर में ब्राह्मण को अन्य हिंदुओं से कटी हुई योनि की पूजा करवानी पड़ती है। इसमें अंतर करना बहुत मुश्किल है कि यह अंधभक्ति है या कोई मानसिक बीमारी।”

उसने ट्वीट किया था “एक हिंदू अपनी साली को अंग-अंग पर रंग लगाते हुए और अपने दोस्तों को भी उसके साथ ऐसा करने का निमंत्रण देते हुए…हिंदू.. यहीं है इनकी असलियत… बलात्कारी संस्कृति।”
एक अन्य पोस्ट में उसने लिखा था, “नहीं वो उसकी बात कर रहा है जिसकी 16108 रखैलों के साथ रंग रसिया मनाता था…या चुपके-चुपके लड़कियों को नहाते हुए देखता था..”
ऐसे ही उसने एक पोस्ट में लिखा था, “मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है… पहले अपने धर्म के बारे में पढ़ो। मूत्र पीने वाले बदमाश”

हिंदूओं को गाली देते हुए वजाहत ने एक पोस्ट में लिखा था “तुझ जैसी रं* पेट की औलाद रसूल के बारे में मेरी बात करे ये जेब नहीं देता…तू इसकी बात कर, तेरा कृष्णा कैसा रंगीला था देख…सच्चाई देख वहम में मत जी…झं$% सा&% तूने जो भी कहा वो सब तो झूठ और बहुत है लेकिन ये तेरे ही किताब का है सच पढ़, सु*& के पि*%$”
इंस्टाग्राम पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उसने लिखा “अबे भो**, ब**… अपनी बहन से जाकर सीख तेरा धर्म ला**, तेरा धर्म जो तेरी बहन कोठे में बैठ कर सिखाती है… या फिर वही धर्म तेरे घर पे आकर सिखाती है, चु** कर ब**… अपनी बीवी को तुझ जैसा संघी काम चो* है दूसरे के लिए चो* देता है और अपनी बहन चो* है… ब*… सुन रं* पेट का जाना… मेरे अबाओ अजदाद कन्वर्ट हुए भी ते ना तो हमें उनपर फक्र है…के गंदा धर्म शैतानों का पूजा करने वाला, लिंग का पूजा करने वाला धर्म चो* कर… पाक साफ धर्म अपना और हक धर्म अपना…फखर है उनपे…जा तू लिंगम पूजा कर…लौ*

वजाहत खान कोलकाता में रशीदी फाउंडेशन चलाता है। सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और दो धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में वजाहत के खिलाफ काफी साक्ष्यों और दस्तावेजों के होने के बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस ने उसे शुरउआत में गिरफ्तार नहीं किया था।
बाद में सोशल मीडिया पर लोगों के उसके खिलाफ आक्रोश को देखने और अन्य राज्यों में वजाहत के खिलाफ दर्ज हुई FIR के बाद जब दबाव बढ़ने लगा तो 9 जून 2025 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे 23 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ उसकी गंदी टिप्पणियों को देखने के बावजूद किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न करके और पश्चिम बंगाल के बाहर के राज्यों में दर्ज FIR के तहत उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से साफ समझा जा सकता है कि कोर्ट ने वजाहत के मामले में अनावश्यक नरमी दिखाई है।