भारत में घुसपैठियों के नए-नए पैरोकार सामने आ रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सैयदा हमीद का कहना है कि बांग्लादेशियों को भारत में रहने का पूरा हक है। सैयदा इससे पहले मनमोहन सिंह सरकार के समय योजना आयोग की सदस्य रही थीं। सैयदा का यह बयान उनके असम दौरे के समय आया है। असम सरकार इन दिनों सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने और बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को वापस भेजने की कोशिशों में जुटी हुई है।
सैयदा हमीद पूरे वामपंथी गिरोह के साथ असम दौरे पर पहुँची हैं। इस दौरे पर उनके साथ जाने-माने वामपंथी प्रशांत भूषण, हर्ष मंदर, जवाहर सरकार और अन्य लोग शामिल हैं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि असम सरकार ने वहाँ के मुसलमानों पर आफत ला दी है और उन्हें बांग्लादेशी कहकर निशाना बनाया जा रहा है।
सैयदा ने कहा, “अगर वे (घुसपैठिए) बांग्लादेशी भी हैं तो इसमें गलत क्या है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं। धरती इतनी बड़ी है, बांग्लादेशी यहाँ भी रह सकते हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि यह कहना कि अवैध घुसपैठिए असली नागरिकों का हक छीन रहे हैं, बहुत ही परेशान करने वाली बात है। सैयदा ने इसे भ्रामक है और इंसानियत के लिए पूरी तरह नुकसानदायक बताया है।
This is Syeda Hameed, former member of the Planning Commission during congress era. Just look at the audacity! If she feels so strongly about the “rights” of illegal Bangladeshis in Assam, why doesn’t she accommodate them in her own home? Perhaps her like-minded friends can also… pic.twitter.com/7ZVdtx3uDc
— BJP Assam Pradesh (@BJP4Assam) August 24, 2025
सैयदा हमीद ने आगे कहा, “अल्लाह ने यह धरती इंसानों के लिए बनाई है, हैवानों के लिए नहीं। अगर कोई इंसान जमीन पर खड़ा है और उसे वहाँ से खदेड़ा जाता है, तो यह मुसलमानों के लिए कयामत जैसा है।” उन्होंने यह भी कहा कि सबको मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब और भारत की मिली-जुली संस्कृति के लिए खड़ा होना होगा।
सैयदा हमीद ने एक और जहाँ यह माना कि असम सरकार बांग्लादेश से आए अवैध लोगों को वापस भेज रही है। वहीं, प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि भारत के मुसलमानों को बांग्लादेश भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह साफ है कि हिमंता बिस्वा सरमा की अगुवाई वाली असम सरकार हर तरह की गैरकानूनी हरकत कर रही है। खासकर नागरिकों को जबरन बांग्लादेश और देश से बाहर धकेल रही है, उनको जमीन से बेदखल कर रही है और उनके घर गिरा रही है।”
यह टीम असम नागरिक सम्मेलन नामक एक मंच के निमंत्रण पर असम आई थी। इस मंच के सदस्य और राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां का कहना है कि वे बाहर से जानी-मानी हस्तियों को बुलाते हैं ताकि वे ताजा हालात पर अपनी राय दे सकें।
इस टीम के दौरे को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जमतीय द्वारा उनका इस्तीफा माँगे जाने के बाद दिल्ली से आई एक टीम असम में डेरा डाले हुए है। उन्होंने कहा, “इस टीम में हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्लाह, फैयाज शाहीन, प्रशांत भूषण और जवाहर सरकार शामिल हैं।”
After Jamaat-e-Hind’s outburst demanding my dismissal yesterday, a Delhi-based team — Harsh Mander, Wajahat Habibullah, Fayaz Shaheen, Prashant Bhushan, and Jawahar Sircar — is now camping in Assam.
Their sole aim is to paint the lawful evictions as so-called “humanitarian…— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 24, 2025
सरमा ने आगे कहा कि इस टीम एक ही मकसद है कि किसी तरह कानूनी तौर पर की जा रही बेदखली को तथाकथित ‘मानवीय संकट’ बताकर बदनाम किया जाए। उन्होंने कहा, “यह अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने की सोची-समझी कोशिश है। हम सतर्क हैं और मजबूती से खड़े हैं, कोई भी प्रोपेगेंडा या दबाव हमें अपनी जमीन और संस्कृति की रक्षा करने से रोक नहीं पाएगा।”