संसद का मानसून सत्र सोमवार (21 जुलाई 2025) से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वो ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े मुद्दों पर खुलकर बहस करने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार (20 जुलाई 2025) को ऑल-पार्टी मीटिंग के बाद मीडिया से बात की।
किरेन रिजिजू ने कहा, “हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर संसद में चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सरकार और विपक्ष को मिलकर सदन को सुचारू रूप से चलाना चाहिए।” रिजिजू ने भरोसा दिलाया कि केंद्र किसी भी मुद्दे से नहीं भागेगा और संसद को सुगमता से चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ऑल-पार्टी मीटिंग में 51 दलों के 54 सदस्य शामिल हुए। रिजिजू ने इसे सकारात्मक बताया और कहा कि एनडीए, यूपीए (इंडिया ब्लॉक) और निर्दलीयों ने अपने-अपने मुद्दे उठाए। सभी ने अलग-अलग टॉपिक्स पर बहस की माँग की, जिन्हें सरकार ने गंभीरता से लिया है।
रिजिजू ने कहा, “हमारी विचारधाराएँ अलग हो सकती हैं, लेकिन संसद को ठीक से चलाना सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है।” उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा अहम मुद्दों पर संसद में मौजूद रहते हैं और रचनात्मक बहस को बढ़ावा देते हैं।
विपक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर दावों को उठाने की बात कही, जिस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि सरकार बाहर नहीं, बल्कि संसद में सभी सवालों का जवाब देगी। उन्होंने कहा, “हम संसद में सही समय पर जवाब देंगे।” सरकार इस सत्र में 17 विधेयक पेश करने की तैयारी में है और हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। रिजिजू ने कहा, “हम खुले मन से बहस के लिए तैयार हैं। संसदीय परंपराओं और नियमों का पूरा सम्मान करेंगे।”
#WATCH | After the all-party meeting, Parliamentary Affairs Minister Kiren Rijiju says, "This is a very good opinion. The all-party delegations to different parties in the aftermath of Operation Sindoor had gone down very well, effectively and all those great experiences must be… pic.twitter.com/JzyhjPkULT
— ANI (@ANI) July 20, 2025
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भी बड़ा कदम उठने वाला है। रिजिजू ने बताया कि 100 से ज्यादा सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार इसे मौजूदा सत्र में पेश करेगी, लेकिन इसका समय अभी तय नहीं हुआ है। रिजिजू ने कहा, “हम जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएँगे। सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं, टाइमलाइन बाद में बताएँगे।”
रिजिजू ने छोटे दलों के सांसदों को कम बोलने का समय मिलने की शिकायत पर भी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा चेयरमैन के सामने उठाएगी। बिजनेस एडवाइजरी कमिटी (बीएसी) में इसे चर्चा के लिए लाया जाएगा ताकि सभी को उचित समय मिले।
कुल मिलाकर ये सत्र काफी गहमागहमी भरा होने वाला है। ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप के दावे और महाभियोग जैसे मुद्दे संसद में छाए रह सकते हैं। रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है ताकि संसद की गरिमा बनी रहे। सरकार का जोर रचनात्मक बहस और सदन के सुचारू संचालन पर है।