बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा (SIR) पर INDI गठबंधन की नौटंकी के बीच चुनाव आयोग ने हर नागरिक से 5 सवाल पूछे हैं। ये वही सवाल हैं जिस तरह के स्वर ऑपइंडिया को बिहार में अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान सुनने को मिले।
बिहार के लोगों ने राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव के ‘वोट चोरी’ कैंपेन को नकारते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट से मृत, डुप्लीकेट और बांग्लादेश से आए लोगों को बाहर किया जाना चाहिए। ऑपइंडिया के संवाददाता ने इनलोगों से भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार और अररिया के उन्हीं इलाकों में बात की, जहाँ से राहुल गाँधी अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ लेकर गुजरे हैं।
मतदाता सूची शुद्धिकरण के लिए सहयोग माँगते हुए चुनाव आयोग ने जो सवाल पूछे हैं, वे हैं;
- क्या मतदाता सूची की गहन जाँच होनी चाहिए या नहीं?
- क्या दिवंगत लोगों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
- अगर किसी का नाम मतदाता सूची में दो या अधिक स्थानों पर है तो क्या उसे केवल एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए या नहीं?
- क्या उन लोगों के नाम हटाए जाने चाहिए, जो दूसरी जगह चले गए हैं?
- क्या विदेशियों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
जनता ने भी ‘वोट चोरी’ को नकारा, कॉन्ग्रेस पर लगाए आरोप
बिहार की जनता से जब वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने का सवाल किया तो हर किसी ने कहा कि उनका नाम जुड़ चुका है। जनता ने बताया कि ऑनलाइन वोट जुड़वा रहे हैं और BLO भी खुद घर पर आकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा रहे हैं। भागलपुर जिला, जहाँ के लोगों का मुद्दा विकास है, उन लोगों पर ‘वोट चोरी’ का मुद्दा थोपा जा रहा है। कटिहार के लोगों में राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव के लिए गुस्सा दिखा।
पूर्णिया के विपिन कहते हैं, “मैंने अपने बेटा-बेटी का ऑनलाइन ही वोटर लिस्ट में नाम जोड़ दिया।” वोट काटे जाने पर उन्होंने कहा, “मरे हुए लोगों का नाम तो कटेगा ही। अगर नाम रहेगा तो कोई भी उसका आधार कार्ड लेकर वोट डाल देगा।”
भागलपुर में चाय की टपरी लगाने वाले राकेश रंजन कहते हैं, “आप (कॉन्ग्रेस) कर्नाटक जीत गए, तेलंगाना जीत गए, तब चुनाव आयोग खराब नहीं था। तब आयोग स्वच्छता से काम कर रहा था। अब बिहार में ऐसा क्या हुआ जो मतगणना चोरी हो रही है। तुम जहाँ जीतते हो वहाँ वोट सही होते हैं और जहाँ हार जाते हो वोट चोरी हो जाती है। बिहार की जनता अंधी नहीं है। नीतीश-मोदी की सरकार अच्छी है।”
भागलपुर में ही जीरो माइल निवासी मिधुरंजन कहते हैं, “इससे पहले भी वोट चोरी करवाने वाले यही (कॉन्ग्रेस) होते थे। पेटी से पेटी नदी में बहा दी जाती थी। एक पंचायत में एक वोटर 10 बार वोट डालते थे। अब मोदी सरकार के बाद EVM से वोट चोरी बंद हुई है। अब काफी कुछ बदला है। SIR अच्छी प्रक्रिया है, हर जगह होनी चाहिए।”
वे आगे कहते हैं, “BLO घर-घर घूमकर वोट में करेक्शन करवा रहे हैं। आंगनबाड़ी की सेविकाएँ पूरा दिन काम करती हैं। कहीं वोट चोरी नहीं हो रही है। तेजस्वी यादव गोद में पले हुए लोग हैं। गरीब लोगों की पीड़ा नहीं समझ सकते। हमने नीतीश सरकार में बिहार को बदलते देखा है।”
कटिहार जिले के कुमड़ी प्रखंड निवासी भीम कुमार शाह बताते हैं, “राहुल गाँधी की वोट अधिकार यात्रा की वजह से चाय की दुकान तोड़ दी गई। मैंने राहुल गाँधी को काला झंडा दिखाया है। राहुल गाँधी ने गरीबों का नुकसान किया है। तेजस्वी यादव जीवन में कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। जिसका बाप चारा घोटाला करता है वो मुख्यमंत्री कैसे बनेगा।”
शाह आगे कहते हैं, “मोदी 5 किलो राशन दे रहा है। हिंदू राष्ट्र के लिए अच्छा काम कर रहा है। पहले मृतक व्यक्ति का भी वोट हुआ करता था। मैं पूर्व वार्ड सदस्य हूँ, मेरे समय में भी ऐसा होता था। मैंने इसकी शिकायत करने के लिए अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी।”
जब ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में पहुँचे कार्यकर्ता तक नहीं दे सके हिसाब
राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने कार्यकर्ता जब आए तो उन्होंने कहा कि हमारा नाम तो है लेकिन बाकी का नहीं है। यहाँ बाकी क्या है ये किसी को नहीं मालूम। रैली में पहुँचे बूढ़े आदमी जो ठीक से सुन भी नहीं सकते वे कहते हैं कि राशन 5 किलो मिलता है लेकिन मोदी-नीतीश गरीबों को परेशान कर रहा है।
हाथ में RJD का झंडा लिए इस्लामुद्दीन कहते हैं, “मेरा नाम जुड़ा हुआ है लेकिन हजारों आदमी का नाम कट गया है।” जब उनसे पूछा कि कितने लोगों का कटा और वो कौन हैं तो वह बता नहीं सके। उन्ही के पास में खड़े शहजाद आलम को तो ‘वोट चोरी’ के बारे में कुछ मालूम ही नहीं। शहजाद ने कहा, “परिवर्तन और विकास के लिए यात्रा में आए हैं। वोट चोरी के बारे में कुछ नहीं जानते।”
उधर विक्टर यादव जो राहुल गाँधी का नाम भी सही से ना ले सके उन्होंने आरोप लगाया कि BLO गड़बड़ी कर रहा है। लेकिन उनका भी कहना वही सेम- ‘मेरा नाम जुड़ गया है।’ पास में खड़े एक व्यक्ति बोलते हैं कि लालू यादव के नाम पर झंडा लेकर आए हैं। वे इस उम्मीद में बैठे हैं कि जब तेजस्वी सरकार आएगी तो उनकी सुनेगी।
कुछ तो रैली में ऐसे भी लोग पहुँचे जिन्हें पता तक नहीं कि आखिर किस मुद्दे पर रैली की जा रही है। ऐसे ही व्यक्ति विपिन सैनी बोलते हैं, “अगली पार्टी ने जाने के लिए बोला तो हम चले गए। हमें नहीं पता वोट चोरी क्या है।”
हैरानी तो तब हुई जब वोटर अधिकार यात्रा में पहुँचे एक व्यक्ति ने बताया कि वे ‘मोदी सपोर्टर’ हैं। रैली पर ही सवाल उठाते हुए बोले- “वोट चोरी कहीं नहीं होती है। जहाँ हुई है उसका हिसाब दो। चुनाव आयोग जब सच बता रहा है तो वोट चोरी के आरोपों का क्या मतलब है।”
बिहार की डबल इंजन सरकार से खुश दिखी महिलाएँ
जब महिलाओं से ‘वोट चोरी’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “जो चोर है, वहीं तो चोरी की बात करेगा।” महिलाओं ने बिहार की डबल इंजन सरकार से खुशी जताई। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार गरीबों के मसीहा हैं।
कटिहार की नित्या देवी कहती हैं, “हमारा नाम जुड़ गया है, कोई दिक्कत नहीं हुआ। जिसका मन में हर%$ है तो वो बोलता है। मोदी-नीतीश हमको सब देता है। पेंशन बढ़ा दिया। 400 से 1100 कर दी पेंशन। मोदी-नीतीश ने महिलाओं के लिए काम किया है।”
माला देवी कहती हैं, “जो चोर है वही तो चोरी की बात करेगा। राहुल गाँधी वोट खिलाफ करना चाहते हैं। मोदी-नीतीश सरकार विकास के लिए काम करते हैं। राशन-पानी देते हैं। फ्री में गैस, बिजली दी है।”
हलदरपुर निवासी झुगिया देवी कहती हैं, “BLO ने घर पर आकर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा है। मोदी-नीतीश अच्छे से काम कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में उन्हें ही वोट देंगे।”
अररिया निवासी महिला कहती हैं, “राशन, बिजली, गैस सिलंडर मिल रहा मोदी-नीतीश सरकार में। वोटर लिस्ट में नाम जुड़ने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई। मोदी-नीतीश वोट चोर नहीं है।”
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने छीना अधिकार
बिहार के सीमावर्ती जिले भागलपुर, पूर्णिया में लोगों का मुद्दा बांग्लादेशी घुसपैठ है। लगातार घुसपैठिए सीमावर्ती जिलों में आकर बस रहे हैं। लोग बताते हैं कि इसके कारण उनका अधिकार छीना जा रहा है।
भागलपुर के मिधुरंजन बताते हैं, “हमारी परेशानी बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, वोट चोरी का मुद्दा बताकर बरगलाया जा रहा है। घुसपैठिए कटिहार-पूर्णिया होते हुए भागलपुर फिर दिल्ली में बसते हैं। इनका (तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी) का मुद्दा होना चाहिए कि घुसपैठियों को कैसे रोके।”
कटिहार के रहने वाले एक व्यक्ति कहते हैं, “जो बाहर से आकर बस गए हैं वो यहाँ के लोगों का अधिकार छीन रहे हैं। SIR से उन्हें छाँट लिया जाएगा। बंगाल से आकर बांग्लादेशी बस गए। मोदी-नीतीश जबसे आए हैं तब से सुधार हुआ है। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। डुप्लीकेट वोटर का तो नाम छटना चाहिए। दोगुना पैसा देकर बांग्लादेशियों ने घर बना लिया। हमारी 2000 की दिहाड़ी को उन्होंने 10 हजार में छीन लिया।”
भीम कुमार शाह कहते हैं, “बाहर से आने वाले लोग पूरा राशन खा रहे हैं। हमारे हिस्से के अधिकार इन लोगों को मिल रहे हैं। हमारी जमीनों पर घर बसाकर कमा-खा रहे हैं। बांग्लादेशी की संख्या ज्यादा हो गई है।”
बिहार की जनता ने एक बात तो साफ कर दी कि जो शायद तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी ना समझ पाए कि जनता बेवकूफ नहीं है। जनता को ‘वोट चोरी’ का मुद्दा देकर विकास और बाकी मुद्दों को दबाया नहीं जा सकता है। जनता 20 साल पहले चलने वाले गुंडाराज को भी नहीं भूली, जिसे मोदी-नीतीश की डबल इंजन सरकार ने खत्म किया है। बिहार के लोगों को SIR के नाम पर विपक्ष अब बरगलाना बंद करे।