मुंबई के पास कर्जत में बन रही ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस टाउनशिप का प्रचार वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही भारी आलोचना का शिकार हुआ, क्योंकि इसमें इसे सिर्फ मुसलमानों के लिए बताकर पेश किया गया था।

यह टाउनशिप सुकून एम्पायर के नाम से विकसित की जा रही है। विज्ञापन वीडियो के साथ-साथ मुंबई में कई जगहों पर इसके बड़े-बड़े बैनर भी लगाए गए थे, जिन्हें अब काली चादरों से ढक दिया गया है। सोशल मीडिया पर जब वीडियो पर आपत्ति जताई गई और आरोप लगे कि इस प्रोजेक्ट के जरिए सांप्रदायिक आधार पर बंटवारा करने की कोशिश की जा रही है, तो डेवलपर्स ने माफी माँग ली।

करीब 100 किलोमीटर दूर कर्जत स्थित इस टाउनशिप के वीडियो में बुर्का पहने एक महिला दिखती है, जो इसे ‘समान विचारधारा वाले मूल्यों’ वाले परिवारों के लिए सुरक्षित जगह बताती है, जहाँ बच्चों को ‘सुरक्षित और हलाल’ वातावरण मिलेगा। यही प्रचार विवाद का कारण बना और इसे लेकर राजनीतिक व सामाजिक विरोध शुरू हो गया।

महाराष्ट्र के कर्जत में बन रही ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।

एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने 1 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए इस टाउनशिप को ‘राष्ट्र के भीतर एक राष्ट्र’ करार दिया और कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार से जवाब माँगा गया है।

राजनीतिक स्तर पर भी विरोध तेज हो गया है। शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने डेवलपर्स की नीयत पर सवाल उठाते हुए विज्ञापन हटाने और परियोजना की जाँच की माँग की।

वहीं, भाजपा प्रवक्ता अजीत चव्हाण ने इस टाउनशिप को ‘ग़ज़वा-ए-हिंद की ओर कदम’ बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की परियोजनाओं का महाराष्ट्र या मुंबई में कोई स्थान नहीं है और यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने डेवलपर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की।

यह टाउनशिप ‘सुकून होम्स बिल्डर्स एंड डेवलपर्स’ द्वारा विकसित की जा रही है, जो छोटी कंपनी है। कंपनी ने ‘सुकून एम्पायर’ को अपनी प्रमुख परियोजना बताया है, जिसे अप्रैल 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।



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