पश्चिम बंगाल इन दिनों कई कारणों से लेफ्ट लॉबी का सबसे पसंदीदा राज्य बना हुआ है। कारण- वहाँ उनकी मर्जी का वो सब हो रहा है जो वो देश में देखना चाहते हैं। जैसे SIR का विरोध, घुसपैठियों का समर्थन, हिंदुओं का उत्पीड़न, भाजपा से खुलकर घृणा आदि-आदि।

खास बात ये है कि ये वामपंथी धड़ा इन खबरों के आने पर भीतर से खुश जरूर होता है, लेकिन बाहर से ऐसा दिखाता है कि इन्हें कुछ पता ही नहीं। ऐसे मुद्दों पर ये लोग कोई प्रतिक्रिया देना भी जरूरी नहीं समझते। इन्हें चर्चा उस मुद्दे पर करनी है, जिसमें हिंदुओं को ‘अत्याचारी’ दिखाने में ये सफल हो सकें। उदाहरण दो ताजा घटनाएँ हैं।

बंगाल में पिछले 2 दिन में 2 वाकये हुए। एक कोलकाता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ के दौरान और दूसरा नॉर्थ 24 परगना जिले में संदेशखाली के गवाह के साथ। कोलकाता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘गीता पाठ’ कार्यक्रम के बीच एक चिकन पैटीज बेचने वाले की पिटाई की वीडियो सामने आई, वहीं नॉर्थ परगना में संदेशखाली के गवाह का ‘एक्सीडेंट’ हुआ जिसमें 2 लोगों की जान चली गईं।।

दोनों खबरें सोशल मीडिया पर जोरों शोरों से चलाई गईं। लेकिन लेफ्ट लॉबी को अपने सोशल मीडिया पर शेयर करने लायक खबर वो लगी, जिसमें ‘रियाजुल’ नाम के शख्स को मजलूम दिखाया गया और भगवा पहने हिंदुओं को क्रूर।

इन्होंने उस खबर पर नजर तक नहीं मारी, जहाँ संदेशखाली के गवाह पर तेजी से आता ट्रक चढ़ गया, गवाह के बेटे की मौत हो गई, वो खुद घायल हो गया। लेफ्ट लॉबी ने इस बात को हर सिरे से नकारे रखा कि एक पीड़ित परिवार चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि इसके पीछे शेख शहाजहाँ हो सकता है। खबर चारों ओर होने पर भी वामपंथियों के कान में जू तक नहीं रेंग री

वामपंथी प्रोपेगेंडाबाज मोहम्मद जुबैर को देखिए। खबर लिखने तक जुबैर के सोशल मीडिया पर एक भी ट्वीट संदेशखाली के गवाह के साथ हुई घटना को लेकर नही था, मगर ऐसा नहीं है कि वो बंगाल से आ रही खबरों से अनभिज्ञ है। आपको उसके सोशल मीडिया पर SIR के विरोध वाले अपडेट से लेकर चिकन पैटीज वाले के साथ क्या हुआ, इन सब मामलों पर सब मिलेगा। मगर, संदेशखाली के गवाह भोला नाथ घोष पर कुछ नहीं।

यही हाल पूरे इकोसिस्टम का है। अन्य वामपंथी भी रियाजुल की वायरल वीडियो को साझा करके एक रोना रो रहे हैं। उसके दर्द को महसूस कर रहे हैं। उसके लिए आवाज उठाने के लिए, इंसाफ दिलाने के लिए लोगों से अपील कर रहे हैं।

अपनी गुट में ‘बुद्धिजीवी’ कहलाए जाने वाले अपूर्वानंद का कहना है कि ये भारत में रोज की घटना हो गई है। इस तरह के अपराधों को देख हिंदुओं को चिंता होनी चाहिए, लेकिन वो मुस्लिम और ईसाइयों के खिलाफ इस अमानवीयता पर मजे लेते हैं, जिससे इन लोगों को ताकत मिलती है।

इसी तरह एक वामपंथी यूजर सरदश्री घोष का ट्वीट देखिए। ऐसा लगता है कि वीडियो सिर्फ बहाना था, इन लोगों को गीता पाठ कार्यक्रम और हिंदुओं क को निशाना बनाना था। ये यूजर अपने पोस्ट में चिकन पैटीज बेचने वाले शख्स की पिटाई पर ट्वीट करने वालों को ‘भगवा छपरी’ लिख रही हैं। और गीता के पाठ को ‘सो कॉल्ड’ कहते हुए उसका अपमान भी करती है।

इसके बाद तन्मय नाम के TMC समर्थक का ट्वीट देखिए। उसके मुताबिक ये मामला सिर्फ मांसाहारी खाने को बेचने को लेकर है। ये कहाँ बेचा जा रहा था। ग्राहकों को कैसे झूठ बोला जा रहा था इस पर कोई चर्चा नहीं है। उसके ट्वीट का मकसद सिर्फ मोदी आलोचना है और ये दिखाना है कि पहले बंगाल कितना शांतिपूर्ण था।

ये दोगलई नहीं तो और क्या है कि वामपंथी संदेशखाली के गवाह की न बात उठा पा रहे हैं, न बेटे या गाड़ी के ड्राइवर की मौत पर दुख जता पा रहे हैं। जाहिर उनकी विचारधारा है जो कि इस खबर को खबर नहीं मानती। उन्हें स्वीकारना ही नहीं है कि संदेशखाली में बीते समय कैसे महिलाओं ने सामने आकर शेख शाहजहाँ की ज्यादती का खुलासा किया। उन्हें ये खबरें पढ़नी ही नहीं है कि शेख शाहजहाँ पर कोई आरोप लगे, वो गिरफ्तार हुआ। उन्हें जानना ही नहीं है कि नॉर्थ 24 परगना में सिर्फ एक ट्रक ने कार को नहीं कुचला, उसमें दो लोगों की जान चली गई।

अभी इसी मामले में यदि कहीं से ये झूठी खबर या उड़ती अफवाह भी मिल जाए कि शेख शाहजहाँ निर्दोष है तो शायद लेफ्ट लॉबी के लिए संदेशखाली चर्चा का मुद्दा बने। वो दिखाना शुरू करें कि कैसे ‘बेचारे’ एक नेता को झूठे आरोपों में फँसाया गया, पर अभी चूँकि ऐसा हो नहीं पा रहा तो उन्हें न महिलाओं के दर्द से सरोकार है न पीड़ित के साथ हुए ‘हादसे’ से। संदेशखाली में गवाह के साथ जो हुआ वो दुर्घटना है या साजिश… ये हो सकता है जाँच के बाद सामने आ जाए, लेकिन ये बात सुनिश्चित है कि उस समय भी वामपंथी धड़े के लिए वो खबर चर्चा करने वाली नहीं होगी।

उनके लिए चिंता का केंद्र तब भी ‘रियाजुल’ रहेगा। वो रियाजुल जिसपर हिंदू इसलिए नहीं भड़के कि वो चिकन पैटीज बेच रहा था। हिंदुओं को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वो गीता पाठ कार्यक्रम के आसपास ऐसा करता मिला और जब उससे सवाल पूछा गया तो उसने बताया कि इसमें सिर्फ सब्जी है। इस वाकये के बाद जब पैटीज में मांस मिला तब वहाँ बैठे हिंदुओं को गुस्सा भड़के।

ये सारी जानकारी भले सोशल मीडिया पर साझा हो रही है, लेकिन सच ये है कि इस मामले में एक पक्ष ये भी है जो हिंदू कह रहे हैं। इसके बावजूद हम किसी को मारने पीटने का समर्थन नहीं करते, न उसपर कोई मजे लेते हैं…।

आज जिन लोगों ने रियाजुल के साथ मारपीट की उन लोगों पर पुलिस कार्रवाई कर चुकी है, मामला दर्ज हो चुका है। लेकिन संदेशखाली के गवाह का दर्द कैसे कम होगा ये अब भी सवाल है। भोला घोष ने उस ‘एक्सीडेंट… दुर्घटना… हादसे…’ में अपने बेटे को खो दिया है!



Source link