कर्नाटक में गौरक्ष पुनीथ केरहल्ली की बिना अपराध गिरफ्तारी

कर्नाटक में कॉन्ग्रेस सरकार ने हिंदू कार्यकर्ता पुनीथ केरहल्ली को बिना किसी ताजा अपराध के सीधे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उन्हें 10 सितंबर 2025 को ‘आगे होने वाले अपराध रोकने’ के नाम पर गिरफ्तार किया। वहीं, मोहम्मद जुबैर ने इस गिरफ्तारी को ‘एहतियाती कार्रवाई’ बताया है।

इसके अलावा, बेंगलुरु पुलिस हिंदू कार्यकर्ता पुनीथ केरहल्ली से जबरन एक ऐसा बॉन्ड साइन करवा रही थी, जिसमें लिखा हो कि वे आगे किसी भी ‘आपराधिक गतिविधि’ नहीं करेंगे। लेकिन हिंदू कार्यकर्ता पुनीथ ने इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताते हुए साइन करने से मना कर दिया। फिर कोर्ट में पेश करके 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

वहीं, हिंदू संगठनों और बीजेपी का आरोप है कि यह कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ‘हिंदू विरोधी’ नीति का हिस्सा है और सरकार जानबूझकर हिंदूवादी आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही है। मोहम्मद जुबैर के ट्विट पर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें लिखा कि क्या होगा अगर भाजपा तुझे किसी भी बड़े या छोटे आयोजन से पहले एहतियात के तौर पर गिरफ्तार करना शुरू कर दें?? तु भी एक कथित अपराधी हैं और आतंकियों से कनेक्शन भी है।

मोहम्मद जुबैर के ट्विट पर लोगों की प्रतिक्रिया

पुलिस की ‘एहतियात’ या कॉन्ग्रेस की हिंदू विरोधी चाल?

पुनीथ केरहल्ली पर पहले से कुछ केस दर्ज हैं, जो ज्यादातक गौ-तस्करी रोकने और हिंदू हितों की आवाज उठाने से जुड़े हैं। लेकिन इस बार कोई नई शिकायत नहीं थी। न कोई हिंसा हुई थी और ना ही कोई बयानबाजी। फिर भी उन्हें ‘BNS की धारा 127’ के तहत गिरफ्तार किया गया। यह धारा आमतौर पर तब लगाई जाती है जब किसी को समाज के लिए ‘खतरा’ माना जाए।

जब पुलिस ने पुनीथ को कोर्ट में पेश किया, तो उनसे कहा गया कि एक ‘अंडरटेकिंग‘ दें, जिसमें यह स्वीकार करें कि वे आगे से कोई आपराधिक काम नहीं करेंगे और शांति भंग नहीं करेंगे। पुनीथ ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध किया ही नहीं, तो ऐसा बॉन्ड क्यों साइन करें। पुनीत ने इसे नकारा और उसी वजह से उन्हें सीधे जेल भेज दिया गया।

ये वही कॉन्ग्रेस सरकार है, जो खुलेआम हिंदू त्योहारों और भावनाओं पर रोक लगाने की कोशिश करती रही है। लेकिन अब वह एक कदम आगे बढ़ गई है, अगर कोई हिंदू आवाज उठाता है, तो उसे बिना अपराध किए भी जेल भेजा जा सकता है।

मुस्लिम नेता का भड़काऊ बयान, लेकिन सरकार खामोश

इसी दौरान एक और मामला सामने आया। बीजेपी नेता सीटी रवि ने एक गणेश विसर्जन कार्यक्रम में मंच से जोश में बयान दिया, जिस पर तुरंत FIR दर्ज हो गई। जबकि कई कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं के भड़काऊ बयान आज तक बिना एक्शन के लटक रहे हैं।

कर्नाटक में कॉन्ग्रेस की सरकार अब साफ तौर पर हिन्दू कार्यकर्ताओं को दबाने की नीति पर काम कर रही है। पुनीथ केरहल्ली का मामला उसी का ताजा उदाहरण है, न कोई नया केस, न वारंट। और जब कोई हिंदू सिर उठाकर बोलता है, तो उसे कॉन्ग्रेस सरकार ‘एहतियातन’ जेल भेज देती है।



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