पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करवा दिया गया। इस मामले को पाकिस्तानी मीडिया ने हल्के में दिखाते हुए पीड़ित पर ही आरोप लगाए। कहा गया कि हिंदुओं ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। साथ ही इस मामले को इस्लाम के हित में करार दिया।
मामला शाहदादपुर में चार भाई-बहन के जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़ा है। बच्चों के कंप्यूटर टीचर फरहान खासखेली ने अपहरण कर इस्लाम में धर्मांतरण करा दिया। बच्चों को कराची से रेस्क्यू किया गया। अब बच्चों के परिजन न्याय के लिए भटक रहे हैं। सिंध कोर्ट ने बच्चों को वापस हिंदू धर्म अपनाने के लिए एक करोड़ पाकिस्तानी रुपए देने के आदेश दिए हैं।
उधर, इन बच्चों की माँ का रो-रोकर बुरा हाल है। बेचारी माँ न्याय की माँग के लिए दर-दर भटक रही है। माँ ने रोते हुए कहा, “मेरी तीन बेटियाँ हैं और फरहान तीनों को ले गया।” वह कहती हैं कि उनका बेटा तो इतना नादान है उसे इतनी भी समझ नहीं कि धर्म परिवर्तन क्या होता है। बच्चों की माँ ने पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी से न्याय की आस लगाई है।
वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर बच्चों का धर्म परिवर्तन होते हुए दिखाया गया है। लोगों की नजर में ये वीडियो आने के बाद इसकी जमकर आलोचना की जा रही है। पाकिस्तान में हिंदू पंचायत के प्रमुख राजेश कुमार ने इस घटना को पारिवारिक त्रासदी और सामुदायिक आपदा बताया। साथ ही नाबालिगों की उम्र को देखते हुए उनकी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने की क्षमता पर भी सवाल उठाया।
सिंध कोर्ट ने आरोपित फरहान और जुल्फिकार को किया बरी
परिवार के विरोध के बीच धर्म परिवर्तन कर चुके भाई-बहनों को शाहदादपुर कोर्ट में पेश किया गया। यहाँ कोर्ट ने दोनों बड़ी बहनों, जिया और दिया को कराची के एक शेल्टर में भेज दिया। वहीं, दो नाबालिग दिशा और हरजीत को परिजनों के पास वापस भेजने के आदेश दिए।
हालाँकि बच्चों की कस्टडी के लिए माँ-बाप से ही 10-10 मिलियन पाकिस्तानी रूपए यानी 1-1 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का बॉन्ड भरवाया गया, ताकि दोनों बच्चों की घर वापसी न कराई जा सके और वो इस्लाम का पालन करते रहें। यानी हिंदू माँ-बाप अपने ही जबरन मुस्लिम बनाए गए बच्चों को इस्लामी तरीके से पालते रहें और इसकी गारंटी भी दें कि वो हिंदू नहीं बनेंगे।
इसके अलावा कोर्ट ने आरोपित फरहान और जुल्फिकार खासखेली को अपहरण के मामले से बरी कर क्लीन चिट दे दी।
पाकिस्तानी मीडिया ने धर्मांतरण पर फैलाया प्रोपेगेंडा
शाहदादपुर में हिंदू भाई-बहनों का जबरन इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने की खबर को पाकिस्तानी मीडिया चैनल ARY Network ने अलग ढंग से पेश किया। चैनल ने इसे ‘अपनी इच्छा से किया गया धर्म परिवर्तन’ करार दिया। इसके अलावा कोर्ट में मामला जाने के बाद इसे ऐसे पेश किया जैसे बच्चों पर सच बोलने के लिए भी दबाव डाला गया है।
This is how Pakistan’s ARY network has reported the recent shocking case of conversion of four Hindu siblings in Sindh, two of them less than 16 years of age – they have called it “willing embrace of Islam”
This is the same ARY group that partnered with Aamir Khan, Rajkumar… pic.twitter.com/24A5TGiUQx— Swati Goel Sharma (@swati_gs) June 30, 2025
यहाँ तक मीडिया में कहा गया कि पीड़ित बहनों के बयान के आधार पर ही आरोपित जुल्फिकार खासखेली और फरहान को अपहरण के मामले से बरी किया गया है। जबकि असल में तो पुलिस ने ही उनपर झूठ बोलने के लिए दबाव डाला।
ARY ग्रुप यूँ ही इस तरह की खबरों का रहनुमा नहीं है। इस चैनल के मालिक के पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी ISI के साथ ‘खास रिश्तों’ से हर कोई वाकिफ है। इसी मीडिया हाउस ने 2013 में एक प्रोपेगेंडा फिल्म ‘वार’ भी बनाई जिसमें हिंदुत्व का मजाक उड़ाने से लेकर पाकिस्तान में बमबारी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने जैसी कई बेतुकी बातें शामिल की गईं थी। इस फिल्म को 2019 में नेटफ्लिक्स पर भी स्ट्रीम किया गया था। हालाँकि भारतीयों के कड़े विरोध के बाद इसे वहाँ से हटा दिया गया।
भारत में भी ARY के पाँव जमे हुए हैं। ये वही मीडिया हाउस है जिसने बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान, फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी और विधु विनोद चोपड़ा के साथ मिलकर फिल्म PK का निर्माण किया। पाकिस्तान में इसे ‘हिंदू भगवानों पर एक व्यंग’ की टैगलाइन के साथ रिलीज किया गया।
पाकिस्तान में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार जारी
पाकिस्तान में हिंदूओं के धर्मांतरण का यह कोई पहला मामला नहीं है। कई वर्षों से पाकिस्तान में हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। हर साल 1000 से भी अधिक हिंदू लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के लिए अगवा किया जाता है। इन मामलों में अक्सर पुलिस की मिलीभगत भी होती है। एक रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान में पिछले 12 सालों में 14,000 हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और गैंगरेप की घटनाएँ सामने आई हैं।
रोजाना होने वाले धर्म परिवर्तन, बलात्कार, भेदभाव, मंदिरों को अपवित्र करने और हिंसा झेलने के कारण पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू किसी भी तरह से भारत आना चाहते हैं। हिन्दुओं की एक बड़ी जनसंख्या 1947 में पाकिस्तान के बनने के बाद से अपनी जान बचा कर भारत आ भी चुकी है।
पाकिस्तान के अधिकांश इलाकों में हिन्दुओं की जनसँख्या नगण्य हो चुकी है। हालाँकि, पाकिस्तान के सिंध में अब भी कुछ लाख हिन्दू बचे हैं। लेकिन यहाँ भी बीते कुछ वर्षों से हालात ऐसे हैं कि हिन्दू अपनी जमीन-घर और व्यापार छोड़ कर भारत में आ रहे हैं।
पाकिस्तान से हिन्दुओं का पलायन कितना तेज है, इसको साबित करती हुई एक रिपोर्ट भी सामने आई। खास बात ये है कि इस रिपोर्ट को खुद पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने 23 जनवरी 2025 को प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में सिंध के हिन्दुओं के सामने आने वाली समस्याएँ बताई गईं, जिसके चलते वह अब भी भारत भागने को मजबूर हैं।
HRCP की रिपोर्ट में बताया गया था कि सिंध में हिंदू महिलाओं को उत्पीड़न, अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की लगातार धमकियों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण हिंदू परिवार अपनी बेटियों की पढ़ाई छुड़वा कर उन्हें दूसरे शहर भेजते हैं। यहाँ तक कि उन्हें भारत भी भेज दिया जाता है।