पंजाब विश्वविद्यालय परिसर छात्र परिषद (PUCSC) चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पाँच दशकों में पहली बार अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर इतिहास रच दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (UILS) के शोध छात्र गौरव वीर सोहल ने अध्यक्ष पद पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुमित शर्मा (छात्र मोर्चा) को 500 से अधिक मतों से हराया। गौरव को 3,148 वोट मिले, जबकि सुमित को 2,660 वोट मिले।

हालांकि, गठबंधन के अन्य तीन उम्मीदवार उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज नहीं कर सके। कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा NSUI के उम्मीदवार प्रभजोत सिंह गिल 1,359 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई ASAP के मनकीरत मान चौथे स्थान पर रहे।

यह पहली बार है जब 1977 में प्रत्यक्ष मतदान व्यवस्था लागू होने के बाद ABVP ने अध्यक्ष पद अपने नाम किया है। पिछले साल ABVP के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि 2023 में जसविंदर राणा ने संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज की थी।

अन्य पदों के नतीजे

अध्यक्ष पद पर जीत के बावजूद उपाध्यक्ष पद साथ संगठन के उम्मीदवार अश्मीत सिंह ने अपने नाम किया। उन्होंने ABVP फ्रंट के नवीन कुमार को 650 मतों से हराया। महासचिव पद सोपू (PUSU) गुट के अभिषेक डागर ने जीता, जबकि संयुक्त सचिव पद स्वतंत्र उम्मीदवार मोहित मंडेराना ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आर्यन वर्मा को हराकर हासिल किया। दिलचस्प बात यह रही कि मोहित को NSUI का समर्थन प्राप्त था।

राजनीतिक महत्व

ABVP ने यह चुनाव भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (INSO) और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के साथ गठबंधन में लड़ा। दूसरी ओर छात्र मोर्चा ने ABVP से अलग हुए गुट, HIMSU, SOPU और PUSU के साथ गठबंधन किया था। भाजपा नेताओं ने ABVP की इस जीत को ऐतिहासिक बताते हुए इसे पंजाब की राजनीति में आने वाले बदलाव का संकेत माना।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जीत पर बधाई दी, जबकि वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने कहा कि यह 2027 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सकारात्मक संकेत है।



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