भारत के परमाणु क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार नया कानून बनाने की तैयारी में है। इसी क्रम में नाभिकीय ऊर्जा का सतत दोहन और उन्नयन विधेयक 2025 (SHANTI) बिल सोमवार (17 दिसंबर 2025) को संसद में पेश किया गया। यह विधेयक देश के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में 1962 के बाद सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।

क्या है SHANTI बिल?

SHANTI बिल भारत में परमाणु ऊर्जा से जुड़े नियमों को बदलने वाला विधेयक है। इस बिल का उद्देश्य 1962 के पुराने परमाणु ऊर्जा कानून और 2010 के परमाणु दायित्व कानून की जगह एक नया आधुनिक कानून लाना है, ताकि देश में परमाणु ऊर्जा का सुरक्षित और बड़े स्तर पर उपयोग किया जा सके। सरकार का कहना है कि इससे भारत को साफ और स्थायी ऊर्जा मिलेगी और बिजली उत्पादन बढ़ेगा।

निजी कंपनियों का परमाणु क्षेत्र में भाग लेने की अनुमति

इस विधेयक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब पहली बार निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा प्लांट लगाने, चलाने और बिजली बनाने की अनुमति मिल सकेगी, जबकि पहले यह काम सिर्फ सरकारी संस्थाएँ ही करती थीं।

साथ ही परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने, दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय करने और निवेश को आसान बनाने के प्रावधान भी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि SHANTI बिल से निजी निवेश बढ़ेगा और भारत 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 100 गीगावाट तक पहुँचाने के लक्ष्य के करीब पहुँचेगा।

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