प्रदर्शन नेपाल अंतरिम पीएम

नेपाल में GenZ प्रदर्शन के बाद अब हालात समान होने लगे हैं। देश में अंतरिम सरकार बन गई है, जिसकी प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को बनाया गया है। कार्यभार संभालने के दूसरे दिन रविवार (14 सितंबर 2025) को प्रधानमंत्री ने हिंसा में जान गवाने वाले 72 लोगों को ‘शहीद’ का दर्जा दिया और उनके परिवार को ₹10 लाख मुआवजे का ऐलान किया है।

अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा, “8 सितंबर 2025 की घटना में मारे गए सभी लोगों को शहीद घोषित किया गया है और उन्हें दस-दस लाख रुपए दिए जाएँगे। घायलों का खर्च सरकार उठाएगी और उन्हें मुआवजा भी दिया जाएगा। शवों को काठमांडू से दूसरे जिलों में भेजने की व्यवस्था सरकार करेगी।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आर्थिक संकट में हैं। हमें पुनर्निर्माण पर चर्चा और काम करना चाहिए। निजी संपत्तियाँ भी जला दी गईं। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। सरकार उन्हें कुछ मुआवजा देने के उपायों पर काम करेगी। यह आसान ऋण या किसी अन्य उपाय के माध्यम से हो सकता है।”

इसके अलावा अंतरिम पीएम ने देश के युवाओं की माँग को ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार मिटाने को लेकर भी अपनी सरकार को सजग होकर काम करने के आदेश दिए हैं।

GenZ प्रदर्शन में हुई हिंसा की होगी जाँच

प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने GenZ प्रदर्शन को नेपाल के इतिहास में सबसे दुर्भाग्य घटना बताया। उन्होंने कहा कि इसकी पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है। अंतरिम पीएम ने इस हिंसा के पीछे की साजिश को उजागर करने के लिए जाँच के भी आदेश दिए हैं।

सुशीला कार्की ने कहा, “अगर इसके पीछे नेपाली लोग हैं तो हमें शर्म आनी चाहिए। यह किसी बड़ी साजिश का नतीजा हो सकता है। तोड़फोड़ की घटना में शामिल लोगों की जाँच की जाएगी। मैं और मेरी टीम यहाँ सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे। आपके सहयोग के बिना हम सफल नहीं हो पाएँगे…।”

नेपाली सरकार ने माना हिंसा में हुई 72 मौत

नेपाल की सरकार ने पुष्टि की कि GenZ प्रदर्शन के दौरान 72 लोगों की मौत हुई हैं। मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल ने देश की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यह आँकड़ा पेश किया।

आर्यल ने यह भी कहा कि प्रदर्शन में घायल 191 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

हिंसा में ₹3 लाख करोड़ का हुआ नुकसान

नेपाल में हुए GenZ प्रदर्शन की हिंसा में देश को ₹3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। नेपाली अर्थशास्त्री ने बताया कि यह आँकड़ा देश के 1.5 साल के बजट के बराबर है। नेपाल के अर्थशास्त्री चंद्र मणि अधिकार ने कहा, “हमारे मोटे अनुमान के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 1 प्रतिशत से कम रहेगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह नुकसान नेपाल में हाल ही में पड़े ‘सूखे’ से भी कहीं ज्यादा है। इसके अलावा मार्च 2026 में होने वाले चुनावों समय से दो साल पहले होने जा रहे हैं, इसमें भी ₹3000 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है।



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