चीन में SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती देख बौखलाए बैठे डोनाल्ड ट्रंप ने अब भारत पर लगाए 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर सफाई दी है तो वहीं अमेरिकी के ही पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के साथ ट्रंप के रिश्ते को लेकर झिड़की दी है।
अमेरिका में जो बाइडन सरकार के दौरान NSA रहे जेक सुलिवन ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने अपने परिवार पाकिस्तान के साथ फैमिली बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ दशकों पुराने रिश्तों को ठुकरा दिया है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को पूरी तरह से एकतरफा आपदा बताया था। ट्रंप ने यह भी दोहराया कि भारत ने जीरो टैरिफ की पेशकश की थी।
ट्रंप ने एक्स हैंडल ट्रुथ सोशल पर किए एक पोस्ट में लिखा, “वे (भारत) हमें भारी मात्रा में सामान बेचते हैं लेकिन हम उन्हें बहुत कम सामान बेचते हैं। अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है और यह कई दशकों से चला आ रहा है। इसकी वजह यह है कि भारत ने अब तक हमसे इतने ऊँचे टैरिफ वसूले हैं, जो किसी भी देश से ज्यादा हैं। हम भारत में सामान नहीं बेच पा रहे हैं। यह पूरी तरह से एकतरफा आपदा रही है।”
Donald Trump Truth Social Post 09:25 AM EST 09/01/25 pic.twitter.com/SAUSTIOrl4
— Fan Donald J. Trump Posts From Truth Social (@TrumpDailyPosts) September 1, 2025
इसके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर अपने उस दावे को दोहराया, जिसे नई दिल्ली पहले ही खारिज कर चुकी है। ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने अपने टैरिफ को ‘जीरो’ करने की पेशकश की थी लेकिन इसमें देर हो चुकी थी, जबकि भारत को सालों पहले ऐसा कर लेना चाहिए था।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका ने पिछले महीने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दी थी। ट्रंप ने अपने पोस्ट में फिर से दोहराया कि रूस से भारत तेल और हथियार खरीद रहा है। लेकिन अब भारत और रूस के बीच रिश्ते और भी बेहतर देखकर ट्रंप बौखला गए हैं।
चीन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच गहरी दोस्ती देखी गई थी। इसके कुछ घंटों बाद ही ट्रंप ने टैरिफ पर सफाई देनी शुरू कर दी। ट्रंप को यह परेशानी है कि उन्होंने भारत और रूस के रिश्ते खराब करने के लिए देश पर भारी भरकम टैरिफ लगाया जबकि नतीजा इससे उलट दिखने को मिला।
भारत को रूस से दूर करने के प्रयास ध्वस्त: अमेरिकी के पूर्व NSA
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन, जिन्होंने 2018 से 2019 तक डोनाल्ड ट्रंप के साथ काम किया। उन्होंने भी ट्रंप को भारत-रूस के रिश्ते खराब करने के कारण देश पर लगाए टैरिफ को लेकर घेरा। उन्होंने कहा कि अमेरिका की टैरिफ नीति ने भारत को रूस से दूर करने और चीन से बढ़ते खतरे से निपटने के प्रयासों को ध्वस्त कर दिया है।
जॉन बोल्टन ने डोनाल्ट ट्रंप की टैरिफ नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इससे भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के अमेरिका के दशकों के प्रयासों को झटका लगा है जबकि चीन को एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर मिल गया है।
पूर्व NSA ने कहा- पाकिस्तान से बिजनेस के लिए तोड़ा रिश्ता
इसके साथ ही अमेरिकी पूर्व NSA जेक सुलिवन ने भी डोनाल्ड ट्रंप की पोल खोली। जेक सुलिवन ने यूट्यूब चैनल मेदासटच (MeidasTouch) को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “भारत के साथ हमें तकनीक, टैलेंट, अर्थव्यवस्था और कई अन्य क्षेत्रों में साथ काम करना चाहिए, खासकर चीन से रणनीतिक खतरे का मुकाबला करने के लिए।”
सुलिवन कहते हैं कि लेकिन ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ अपने फैमिली बिजनेस को बढ़ाने के लिए भारत के साथ रिश्तों को ‘दरकिनार कर दिया।’ उन्होंने इसे अमेरिका के लिए ‘बड़ा रणनीतिक नुकसान’ बताया है।
भारत की दोस्ती 21वीं सदी की साझेदारी: अमेरिकी दूतावास
चीन में SCO सम्मेलन के बाद जहाँ डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर सफाई देने पर उतर आए। वहीं इससे पहले अमेरिकी दूतावास ने भी नरम लहजे में भारत के साथ दोस्ती को याद किया। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि भारत-अमेरिका की दोस्ती 21वीं सदी की ‘परिभाषित साझेदारी’ है।
The partnership between the United States and India continues to reach new heights — a defining relationship of the 21st century. This month, we’re spotlighting the people, progress, and possibilities driving us forward. From innovation and entrepreneurship to defense and… pic.twitter.com/tjd1tgxNXi
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) September 1, 2025
दूतावास ने कहा था कि दोनों देशों की साझेदारी लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है और इसकी असली वजह दोनों देशों के लोगों के बीच की दोस्ती है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी बयान जारी कर कहा था कि भारत और अमेरिका के लोगों के बीच की गहरी दोस्ती ही उनके संबंधों का आधार है। उन्होंने यह भी माना कि यही दोस्ती उन्हें आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।