देशभर में ‘I Love Muhammad’ विवाद को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विवाद ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी कर दी है। इन प्रदर्शनों को हवा देने में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा जैसे मुस्लिम नेताओं की भूमिका सामने आई है। ये नेता कथित तौर पर शांतिपूर्ण विरोध के नाम पर सड़कों पर कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ उतारते हैं, जिसके बाद हिंसा, पथराव और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए जाते हैं।
कौन हैं तौकीर रजा?
तौकीर रजा खान उत्तर प्रदेश के बरेली का एक मुस्लिम नेता और मौलाना हैं। वह अहमद रजा खान के परपोता हैं, जो बरेलवी आंदोलन का संस्थापक था। तौकीर रजा खुद को मुस्लिमों का एक बड़ा पैरोकार मानता है।
तौकीर रजा इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) का अध्यक्ष है, जो एक राजनीतिक और मजहबी संगठन है। तौकीर रजा ज्यादातर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहता हैं, जो अक्सर विवादों का कारण बनता हैं। ‘I Love Muhammad’ मामले में तौकीर रजा ने कहा है कि सरकार के पास एक हफ्ते का समय है, एक हफ्ते के बाद हम सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतर आएँगे। इसके अलावा, तौकीर रजा ने कहा कि श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल की कुल आबाद मिला लें, तो भी भारत में मुस्लिमों की आबादी की तुलना नहीं कर पाएँगे। अगर मुसलमान सड़कों पर आ गया तो सरकार मानने को मजबूर हो जाएगी।
पहले के विवाद: ‘जेल भरो’ आंदोलन से ‘हिंदू राष्ट्र’ की चुनौती तक
तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता है। इससे पहले भी तौकीर रजा ने कई बार अपने समर्थकों को भड़काकर देश में विरोध प्रदर्शन करवाए हैं। ज्ञानव्यापी ढाँचे में पूजा शुरू होने के बाद तौकीर रजा ने ‘जेल भरो’ आंदोलन की घोषणा की थी। बरेली में तौकीर रजा के आह्वान पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिमों की भारी भीड़ सड़कों पर आई और हिंसा हुई। इस दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पुलिस पर पथराव किया और कुछ लोगों के साथ मारपीट भी हुई।
हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हुई हिंसा के बाद भी तौकीर रजा ने भड़काऊ बयान दिए थे। तौकीर रजा ने कहा था, “अगर कोर्ट संज्ञान नहीं ले रहा है, तो हम अपनी हिफाजत खुद करेंगे। हमें कानूनी अधिकार है कि अगर हमारे ऊपर हमला होता है तो हम उसको जान से मार दें।” तौकीर रजा ने हिंदू राष्ट्र की माँग को लेकर भी विवादित बयान दिया था। तौकीर रजा ने कहा था कि अगर हिंदू राष्ट्र की माँग करने वालों पर सख्ती नहीं की गई, तो कहीं मुस्लिम इस्लामिक मुल्क की माँग न करने लगें।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा
तौकीर रजा जैसा नेता अक्सर अपने विरोध प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण बताता हैं, लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल अलग होते हैं। ‘I Love Muhammad’ के मामले में भी यही हुआ। तौकीर रजा के भड़काऊ बयानों के बाद कानपुर, काशीपुर और उन्नाव में मुस्लिमों की भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किए। पुलिस पर हमला हुआ, वाहनों में तोड़फोड़ की गई और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नफरत भरे नारे लगाए गए।
यह दिखाता है कि इस तरह के आह्वान का मकसद केवल विरोध जताना नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना और कट्टरपंथ को बढ़ावा देना है। इस तरह की राजनीति देश की एकता और भाईचारे के लिए खतरा है।