उत्तर प्रदेश के बरेली में धर्मांतरण कराने वाले गिरोह को लेकर पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं। यह गिरोह हिंदू युवकों के धर्मांतरण के लिए आर्थिक मदद से लेकर मुस्लिम युवतियों से निकाह तक के लालच दे रहा था। गिरोह पहले किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढता जो आर्थिक तौर पर कमजोर होता और उसे आर्थिक मदद दी जाती।
इस गिरोह का षड्यंत्र था कि आर्थिक मदद के बाद शख्स को सुंदर मुस्लिम युवतियों से निकाह का लालच दिया जाए और फिर धीरे-धीरे उसका ब्रेनवाश करके इस्लाम कबूल करवाया जाए। इसके बाद उस शख्स के जरिए उसके परिवार को भी मुस्लिम बना दिया जाता था।
बृजपाल को बनाया अब्दुल्ला तो प्रभात को हामिद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुभाष नगर के बृजपाल के साथ भी इस गैंग ने यहीं किया था। वे करेली के रहने वाले हैं और एक प्राइवेट स्कूल में गणित के शिक्षक हैं। 2014 में उनका एक्सीडेंट हो गया था और इलाज के दौरान परिवार की आर्थिक हालत बिगड़ गई। इसी दौरान करेली के ही निवासी सलमान और आरिफ नाम के दो युवकों ने उनको मदद शुरू कर दी।
दोनों युवकों ने इलाज का खर्चा उठाया और आर्थिक मदद दी। फिर धीरे-धीरे बृजपाल को समझाना शुरू किया कि अगर वह इस्लाम धर्म अपना लेगा तो उसे और भी फायदे मिलेंगे, साथ ही एक मुस्लिम युवती से निकाह भी करा दिया जाएगा।
लगातार संपर्क और बहलाने-फुसलाने के बाद बृजपाल ने इस्लाम कबूल कर लिया और उसका नाम बदलकर अब्दुल्ला रख दिया गया। इसके बाद उसकी बहन का निकाह एक मुस्लिम युवक से करा दिया गया और माँ का नाम भी ऊषा रानी से बदलकर अमीना रख दिया गया।
एक अन्य शख्स प्रभात भी इस गिरोह का शिकार हुआ है। प्रभात मूल रूप से अलीगढ़ के महुआ खेड़ा का रहने वाला है। उसने एएमयू से एमफिल, बीएड किया और फिर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। साल 2019 में उसकी नौकरी राजकीय इंटर कॉलेज अलीगढ़ में लगी। शादी के कुछ समय बाद उसकी पत्नी ने तलाक की अर्जी डाल दी और उसके खिलाफ FIR भी कर दी।
इसके बाद उसका तबादला बरेली के इंटर कॉलेज में हो गया। यहाँ पर वह गिरोह के निशाने पर आया। गिरोह के लोगों ने उसका मानसिक रूप से शोषण करना शुरू कर दिया। उसे कहा गया कि अब तुम्हारे साथ कोई शादी नहीं करेगा लेकिन इस्लाम कबूल कर लोगे तो मुस्लिम युवती से निकाह हो जाएगा और तलाक भी आसान रहेगा। कई मुस्लिम लड़कियों की तस्वीरें दिखाकर उसे लालच दिया गया।
प्रभात ने जब धर्म परिवर्तन किया तो उसका नाम हामिद रख दिया गया। गिरोह उसका खतना करने की तैयारी कर रहा था लेकिन उसकी माँ को शक हुआ और उन्होंने समय रहते पुलिस को सूचना दे दी। इसी वजह से उसका खतना रुक गया।
नशा देकर भी बनाते थे दबाव
इज्जतनगर का रहने वाला एक किशोर बी-कॉम की पढ़ाई कर रहा था। वह भी गिरोह का शिकार बना। पहले गिरोह के लोगों ने उससे दोस्ती की और उसे नशे की लत लगा दी। शुरुआत में उसे नशा फ्री में दिया जाता था। जब वह इसकी लत में पूरी तरह फँस गया, तब उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाने लगा। अब उस किशोर की मानसिक और शारीरिक हालत बहुत खराब हो चुकी है।
पुलिस ने गिरोह के मोबाइल फोन से कई मुस्लिम युवतियों की तस्वीरें बरामद की हैं, जो लोगों को फँसाने के लिए इस्तेमाल की जाती थीं। इसके अलावा पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि जिस मदरसे में ये जबरन खतना कराते थे, उस मदरसे का संचालक अब्दुल मजीद था। ये दिव्यांग और पिछड़े वर्ग के लड़कों को खासतौर पर निशाना बनाते थे।
उसकी ट्रैवल हिस्ट्री पूरे देश के 27 से अधिक जिलों से जुड़ी है। वह जगह-जगह से चंदा इकट्ठा करता था। पुलिस को उसके बैंक अकाउंट से 13 लाख रुपए मिले हैं और 21 अलग-अलग बैंक खातों का खुलासा हुआ है। वहीं, गिरोह सोशल मीडिया पर भी लोगों का ब्रेनवॉश करता थे।
आरोपितों ने कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए थे, जिनमें जाकिर नाइक की वीडियो और पाकिस्तानी स्कॉलर्स के ऑडियो शेयर किए जाते थे। सलमान, आरिफ और फहीम अब्दुल मजीद के ही अंडर में काम करते थे। सलमान धर्मग्रंथ, सीडी और किताबें उपलब्ध कराता था और आरिफ उसकी मदद करता था।
दूसरी तरफ फहीम लोगों की जानकारी इकट्ठा कर गैंग तक पहुँचाता था। पुलिस को इनके विदेशी फंडिंग की भी आशंका है। फिलहाल पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।