राहुल गाँधी येलोबुक

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी की सुरक्षा को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। उनकी VVIP सुरक्षा संभालने वाली केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर ‘येलोबुक प्रोटोकॉल’ तोड़ने की शिकायत की है।

राहुल गाँधी पर आरोप है कि पिछले 9 महीनों में वे बिना जानकारी दिए 6 बार विदेश यात्रा पर गए। इसमें इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया जैसे देशों की यात्राएँ शामिल हैं।

CRPF ने राहुल गाँधी को अलग से पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि इस तरह की चूक उनकी Z+ कैटेगरी की सुरक्षा को कमजोर कर सकती है और उन्हें गंभीर खतरा हो सकता है। सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी पर प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप लगे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गाँधी ने साल 2020 से अब तक वे 113 बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर चुके हैं। इसमें उनकी भारत जोड़ो यात्रा का दिल्ली वाला हिस्सा भी शामिल है।

क्या है ‘येलोबुक प्रोटोकॉल’ ?

गृह मंत्रालय ने VVIP सुरक्षा के लिए एक खास गाइडलाइन बनाई है जिसे ‘येलोबुक’ कहा जाता है। इस किताब में साफ लिखा है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छोड़कर बाकी सभी बड़ी हस्तियों की सुरक्षा इन्हीं नियमों के आधार पर तय होगी।

जिन लोगों को Z+ या Z सुरक्षा दी गई है, उन्हें अपनी सभी गतिविधियों और यात्राओं की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है। ताकि खतरे का आकलन कर उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। अलग-अलग खतरे की स्थिति को देखते हुए X, Y, Z और Z+ श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है।

इतिहास गवाह है कि अगर सुरक्षा नियमों को गंभीरता से न लिया जाए तो इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने भी अपनी सुरक्षा एजेंसियों की सलाह और प्रोटोकॉल की अनदेखी की थी, जिसका नतीजा उनकी हत्या के रूप में सामने आया। यही वजह है कि CRPF बार-बार राहुल गाँधी को नियमों का पालन करने की सलाह दे रही है।

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