मध्यप्रदेश के धार में बनने वाले पीएम मित्र पार्क यानी मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एपेरल पार्क का भूमिपूजन पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री इसका भूमिपूजन करने जा रहे हैं। ये योजना देश के 7 राज्यों के 7 जिलों में शुरू हो रहा है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलगा और बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे।

एमपी के धार के पीएम मित्र पार्क की खासियत

धार जिले के भैंसोला गाँव में प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एपेरल पार्क का भूमिपूजन हो रहा है। यह देश का सबसे बड़ा पीएम मित्र पार्क होगा, जिसमें कपास से परिधान तक की पूरी वैल्यू चेन विकसित होगी। ये करीब 2000 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इससे करीब 6 लाख किसान सीधे उद्योग से जुडेंगे। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, सागर समेत तमाम केन्द्रों में टेक्सटाइल सेक्टर बुस्ट और विस्तारित होगा।

भोपाल के सतगढ़ी में 61 हेक्टेयर पर रेडीमेड गारमेंट पार्क भी बनाया जा रहा है। एक गारमेंट कॉन्प्लेक्स इंदौर के परदेशीपुरा में बन रहा है। इसमें 4 ब्लॉक और 184 यूनिट होंगे। इससे मुरैना के मेगा फुटवियर और एक्ससेरीज कलस्टर को भी मदद मिलेगी

बिजली-पानी समेत विश्वस्तरीय सुविधाएँ मिलेगी

पार्क में विश्वस्तरीय सुविधाएँ होंगी। यहाँ पावर सप्लाई के लिए 220 केवी का बिजली सब स्टेशन बनेगा। 20 एमएलडी क्षमता वाली वाटर सप्लाई डोरस्टेप तक मिलेगी। स्काडा की मॉनिटरिंग होगी। हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। पानी, सौर ऊर्जा संयंत्र की खास व्यवस्था के साथ-साथ श्रमिकों और महिला कर्मचारियों को घर और सामाजिक सुविधाएँ दी जाएँगी। पार्क को इंडियन ग्रीन इंडस्ट्रियल टाउनशिप का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।

अब तक 27109 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव

अभी भूमिपूजन हो रहा है, लेकिन एमपी के पीएम मित्र पार्क को अब तक 27109 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव मिल चुका है। इससे हजारों रोजगार सृजित होने की उम्मीद बँधी है। दरअसल मध्यप्रदेश में टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए जरूरी कपास का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। राज्य 40 फीसदी जैविक कपास का उत्पादन करता है। इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा जैसे मालवा क्षेत्र के जिले कपास उत्पादन के लिए अहम हैं।

पीएम मित्र पार्क से जुडेंगे ये इंस्टीट्यूट

मध्यप्रदेश के पीएम मित्र पार्क से NIFT नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी , NID (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन) IITDM (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजाइन एंड मैन्युफेक्चरिंग) और ग्लोबल स्किल पार्क भी जुड़े होंगे।

कहाँ-कहाँ बन रहा पीएम मित्र पार्क

केन्द्र ने 7 राज्यों के 7 शहरों में पीएम मित्र पार्क स्थापित करने को मंजूरी दी है। इसमें एमपी का धार, उत्तर प्रदेश का लखनऊ, महाराष्ट्र का अमरावती, तमिलनाडु का विरुधनगर, तेलंगाना का वारंगल, गुजरात का नवसारी, कर्नाटक का कलबुर्गी शामिल है।

तमिलनाडु में हो चुका है पीएम पार्क का शुभारंभ

तमिलनाडु के पियोनियर में सबसे पहले पीएम मित्र पार्क योजना की शुरुआत 22 मार्च 2024 को हुई। ये विधुरनगर के ई कुमारालिंगापुरम गाँव के 1052 एकड़ में बना है। इसपर 2000 करोड़ रुपए लागत का अनुमान है। परियोजना से 19000 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। साथ ही 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ देश के विकास में ये योजना अहम साबित होगा। तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम यानी (SIPCOT) इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए मास्टर डेवलपर की भूमिका निभा रहा है।

5F विजन पर आधारित है योजना

पीएम मित्र पार्क वस्त्र उद्योग में कताई, बुनाई, प्रोसेसिंग, प्रिंटिंग से लेकर कपड़े बनाने तक की पूरी प्रक्रिया शामिल होगी। ये 5F विजन- ‘फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन और फैशन से फॉरेन’ पर आधारित है। इसका मतलब है खेत से कपास और धागा पैदा करना, धागे को कारखाने में ले जाना, कारखानों से फैशन ट्रेंड बनना और फिर से विदेश भेजना। इन सब से लाखों रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।

2023 में वस्त्र उद्योग को लेकर पीएम मोदी ने की थी घोषणा

पीएम मोदी ने 2023 में घोषणा की थी मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना,कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएँगे। इसके लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जाएगा और इसके माध्यम से करोड़ों का निवेश उद्योगपतियों से करवाया जाएगा।

‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ का बेहतरीन उदाहरण

केन्द्र सरकार ने 2021-22 से 2027-28 तक सात पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र यानी पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए 4445 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है। ये योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ का बेहतरीन उदाहरण है। ये देश को वस्त्र उद्योग के महाशक्ति बनने की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। इस योजना से वस्त्र उद्योग में क्रांति आएगा। पूँजी निवेश होगा और रोजगार के नए अवसर बड़ी संख्या में पैदा होंगे। ये महत्वाकांक्षी परियोजना देश के आर्थिक समृद्धि में योगदान देगा और वैश्विक मंच पर वस्त्र निर्माण के क्षेत्र में स्थिति को और मजबूत करेगा।

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