जामनगर

गुजरात के जामनगर में अवैध निर्माण पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यहाँ लाखों स्क्वायर किलोमीटर में बनाए गए अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला है। मेगा डिमोलिशन के तहत 300 से अधिक मकान भी ध्वस्त कर दिए गए हैं। कुछ मजहबी ढाँचे भी ध्वस्त किए गए हैं। यहाँ एक दरगाह में ऐशोआराम की तमाम चीजें पाई गई हैं। यह कार्रवाई लगातार चालू है।

ऑपइंडिया ने जामनगर के एसपी प्रेमसुख डेलू से इस मामले मे बातचीत की है। एसपी प्रेमसुख डेलू ने बताया कि जामनगर सिटी A डिवीजन पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 7 लाख वर्ग फीट जमीन पर अवैध मजहबी ढाँचे बनाए गए थे।

उन्होंने बताया कि इस जमीन की कीमत ₹193.57 करोड़ है। एसपी डेलू ने कहा कि पिछले 25-30 वर्षों से धार्मिक ढाँचों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वाघेर वाडो और बच्चूनगर इलाके में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से दरगाहों और मस्जिदों का निर्माण किया गया है।

उन्होंने बताया हिया जामनगर नगर निगमऔर जामनगर पुलिस ने इन पर संयुक्त अभियान चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की है। पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि रंगमती नदी के किनारे 300 से अधिक अवैध मकान और 7 से 8 धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है।

दरगाह में मिला ऐशोआराम का सामान

ध्वस्तीकरण के दौरान सरकारी जमीन पर बनाए मजहबी ढांचों पर भी जाँच जारी है। एक मजहबी स्थल पर संदेह गहरा गया है। यह दरगाह बहुत विशाल क्षेत्र में फैली हुई थी और भव्य थी। इसके अंदर कई शानदार वस्तुएँ भी मिली हैं। पुलिस प्रशासन ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि दरगाह में आलीशान बाथटब लगे हुए हैं और शानदार कमरे भी बने हुए हैं। दरगाह को विदेशी फंडिंग का शक भी गहरा रहा है। दरगाह काफी भव्य तरीके से बनाई हुई है। यहाँ महलों जैसे बाथटब मिले हैं। एसपी डेलू ने बताया है कि इसकी जाँच चालू हो गई है।

जामनगर पुलिस ने आगे बताया कि बच्चूनगर इलाके में लगभग 11,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में एक दरगाह का निर्माण किया गया है, जिसके अंदर एसपी प्रेमसुख डेलू और उनकी टीम निरीक्षण करने गई थी। इस बीच पुलिस अंदर की आलीशान सुविधाएं आदि देखकर हैरान रह गई।

इस दरगाह में लिखित घोषणा की गई है जिसमें कहा गया है कि इस स्थान पर किसी भी प्रकार का पैसा स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुलिस अब इस बात की जाँच कर रही है कि जब पैसा नहीं लिया गया तो इतना आलीशान निर्माण कैसे किया गया।

इस दरगाह में किसी भी प्रकार का बक्सा या डिब्बा नहीं रखा जाता है तथा यहां धन रखना भी वर्जित है। इसके अलावा दरगाह में यह भी लिखा है कि, “बादशाह के दरबार में कोई भीख माँगने ही आता है, दान देने नहीं।”

इसके अतिरिक्त यह भी लिखा था कि यहाँ किसी भी प्रकार की धनराशि स्वीकार नहीं की जाएगी। जिला पुलिस प्रमुख प्रेमसुख डेलू और एक अन्य पुलिस टीम ने इसका जब निरीक्षण किया, इस दौरान दरगाह में कई आलीशान सुविधाएँ भी देखने को मिलीं। रंग-बिरंगे और आकर्षक टाइलों और संगमरमर जड़े हुए कई कमरे भी देखे गए।

दरगाह से अलग एक विशेष कमरा बनाया गया था, जिसमें बाथटब भी देखने को मिला। इस बाथटब रूम के दरवाजे पर एक अलग नोटिस भी चिपकाया गया था। इसमें कहा गया कि उस कमरे में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है।

दरगाह में एक विशेष सूचना भी लिख दी गई कि किसी को भी इस कमरे में प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसके अलावा एक नारा भी लिखा था, जिसमें कहा गया था, ”याद रखोगे तो बरकत पाओगे, भूल करोगे तो बर्बाद हो जाओगे।” फिलहाल दरगाह का चौकीदार फरार है, पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

ऑपइंडिया से बातचीत में हिंदू कार्यकर्ता युवराज सोलंकी ने कहा कि दरगाह में कई आलीशान चीजों की मौजूदगी संदेह पैदा करती है। उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह में बर्गलर बार और बाथटब आदि जैसे कमरों की कोई जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी, यह सब एक आलीशान ढाँचे में था। उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि क्या दरगाह को कोई बाहरी फंडिंग मिलती है और इसकी उचित जाँच की माँग की।



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