भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर चल रहा विवाद अभी थमा नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप अपनी खुंदस निकालने के लिए मीडिया में कह रहे हैं कि वो भारत पर लगाए गए टैरिफ के बा रे में अभी बात नहीं करेंगे। वहीं दूसरी तरफ चीन है जो सामने से भारत के समर्थन में खड़ा दिखाई दे रहा है। चीन का प्रमुख मीडिया संस्थान ग्लोबल टाइम्स ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है।

अपने ट्वीट में ग्लोबल टाइम्स में हिंदू कहावत का जिक्र करते हुए हिंदी-चीनी को भाई-भाई बताया। ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक्स पर पोस्ट किया- “जैसा कि हिंदू कहावत है कि अगर आप अपने बंधु की सहायता करेंगे तो आपकी मदद अपने आप हो जाएगी… एक अच्छे भारतीय-चीन संबंध क्षेत्र में और विश्व में सकारात्मक प्रभाव लाएँगे।”

आगे पोस्ट में ये भी लिखा है- “हम शुभेच्छा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन में स्वागत करते हैं ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो और एक नया अध्याय शुरू हो जहाँ भारतीय और चीनी भाई-भाई बनकर साथ-साथ रहें।”

इस पोस्ट के साथ ग्लोबल टाइम्स ने एक संपादकीय शेयर किया है। जिसका शीर्षक है- आखिर क्यों पीएम मोदी की चीन आने की खबर ने खींचा वैश्विक ध्यान? इस आर्टिकल में भारत और चीन की प्राचीन सभ्यता, बढ़ती जनसंख्या, उभरती अर्थव्यवस्था की बात है। साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि दोनों ही देश इस समय उस पड़ाव पर हैं कि वे वैश्विक ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं।

संपादकीय में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के चीन दौरे की चर्चा है। साथ ही ये भी लिखा है कि अगर मोदी इस बार चीन आते हैं तो चीन-भारत के सकारात्मक संबंधों को धार मिलेगी।

दिलचस्प बात ये है कि चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स जो पिछले कुछ सालों से लगातार सिर्फ भारत विरोधी बात करने के लिए कुख्यात रहा, उसने अपने इस आर्टिकल में पश्चिमी मीडिया को भी घेरा है जो टैरिफ विरोध को अमेरिका के विरुद्ध दिखा रहे हैं। लेख में कहा गया है कि चीन और भारत के बीच सुधरते हालात अमेरिका अपनी ‘इंडो-पैसिफिक रणनीति’ के तहत भारत को चीन के विरुद्ध करना चाहता है।

किसानों के हित से नहीं करेंगे समझौता- पीएम मोदी

बता दें कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार डील को लेकर हो रहे विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को साफ बताया है कि वो अपने देश के किसानों के हित विरुद्ध नहीं जाएँगे। उनके लिए देश के किसानों का हित ही सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी कीमत पर भारत अपने देश के किसानों, मछुआरों और डेयर कृषकों के साथ समझौता नहीं करेगा।

पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि वो अच्छे से जानते हैं कि इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन वो इसके लिए तैयार हैं और कोई भी दबाव पड़ने पर पीछे नहीं हटेंगे।

जब तक नहीं सुलझेगा मामला नहीं होगी बात- डोनाल्ड ट्रंप

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पीसी के दौरान सवाल पूछे जाने पर कहा है कि वो अभी नए सिरे से बिलकुल बात नहीं करेंगे। कम से कम तब तक तो नहीं जब तक वो इस मामले को नहीं सुलझा लेते।

जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने चीन पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। वहीं पहले भारत पर 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया। बाद में घोषणा की 25% अतिरिक्त टैक्स लगेगा जिसके बाद ये टोटल 50% हो गया।

ऐसा क्यों हुआ? दरअसल, भारत रूस से तेल की खरीद करता है और ट्रंप के दिमाग में ये है कि इसी कमाई को रूस, यूक्रेन के विरुद्ध हथियार खरीदने में लगाता है।



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