असम कैडर के आईपीएस अधिकारी गौरव उपाध्याय के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एक स्पेशल कोर्ट ने 6 साल पुराने यौन शोषण केस मामले में गौरव उपाध्याय के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि अब उन पर कानूनी रूप से मुकदमा चलेगा।
यह मामला दिसंबर 2019 का है। उस समय गौरव उपाध्याय कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) थे। गौरव उपाध्याय पर आरोप है कि उन्होंने एक 14 साल की नाबालिग लड़की को जबरदस्ती किस किया और प्राइवेट पार्ट को छूना था
जानें पूरा मामला
कोर्ट के आदेश के अनुसार यौन शोषण की दो घटनाएँ हुईं थीं। पहली दीफू में SP बंगले में और दूसरी उस होटल के कमरे में जहाँ पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ रुकी हुई थी।
आरोप पत्र में बताया गया है कि पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ IPS उपाध्याय के बेटे की जन्मदिन की पार्टी में गई थी। पार्टी के बाद उपाध्याय उन्हें अपना दफ्तर दिखाने ले गए। आरोप है कि जब लड़की की माँ वॉशरूम गई थीं, तो उपाध्याय ने लड़की के भाई के सामने ही लड़की को जबरन दो बार KISS किया था।
इसके बाद उपाध्याय ने तीनों (माँ, बेटे और लड़की) को एक होटल में छोड़ा, जहाँ उन्होंने उनके लिए एक सुइट बुक किया था। आरोप है कि होटल के कमरे में उपाध्याय ने अपने मोबाइल पर वीडियो दिखाने के बहाने लड़की के प्राइवेट पार्ट को छुआ और उसे चूमने की कोशिश की। लड़की किसी तरह बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद कर पाई।
जब अगले दिन लड़की की माँ को इस बारे में पता चला तो उन्होंने 3 जनवरी 2020 को गुवाहाटी के महिला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया। बाद में यह मामला अपराध जाँच विभाग (CID) को सौंप दिया गया। CID ने जाँच के बाद IPS अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें पर्याप्त सबूत होने की बात कही गई।
कोर्ट ने कहा है कि आरोपित ने नाबालिग लड़की को जबरन चूमा और उसके प्राइवेट पार्ट को हाथ लगाया जो कि एक आपराधिक कृत्य है। कोर्ट ने साइकोलॉजिस्ट की रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लड़की इस traumatic अनुभव के कारण डिप्रेशन और चिंता से जूझ रही थी।
बता दें कि गौरव उपाध्याय 2012 बैच के IPS अधिकारी हैं और वर्तमान में असम राज्य परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। अब इस मामले में उन पर मुकदमा चलेगा। अगली सुनवाई 10 जुलाई 2025 को होगी।