गुजरात की मुस्लिम लड़की रुकसाना ने परिवार के जुल्म और जबरन चचेरे भाई से निकाह के दबाव से तंग आकर अपनी जिंदगी का बड़ा फैसला लिया। उसने अपने प्रेमी भारत के साथ भागकर दिल्ली में घर वापसी कर ली और हिंदू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया। अब वह समृद्धि नाम से नई पहचान के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही है।
यह मामला एक तरफ जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता और महिला आजादी का मिसाल बन रहा है, वहीं दूसरी ओर यह ‘परिवारों में जबरन निकाह’ जैसे मामलों और घर वापसी के मुद्दे पर भी समाज में चर्चा का केंद्र बन गया है।
सनातन की ओर झुकाव
रुकसाना का बचपन से हिंदू धर्म की ओर खास झुकाव था। उसे हिंदू पूजा-पाठ, आरती और सनातन संस्कृति बहुत पसंद थी। लेकिन मुस्लिम परिवार में पलने की वजह से उस पर तमाम पाबंदियाँ थीं। उसके अब्बू-अम्मी की मौत हो चुकी थी और वो चाचा, भाई-भाभी और बहनों के साथ रहती थी।
रुकसाना ने बताया कि उसके तीनों भाई और चाचा उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। उसकी बड़ी बहन का भी निकाह जबरदस्ती ही किया गया था और अब उसके साथ मारपीट होती थी। अब परिवार रुकसाना की शादी चचेरे भाई से करवाना चाहता था, जिसके लिए उसे धमकियाँ और मारपीट का सामना करना पड़ रहा था।
प्रेम और सुरक्षा की तलाश में भागकर पहुँची दिल्ली
इन अत्याचारों से तंग आकर रुकसाना ने अपने प्रेमी भारत से मदद माँगी। दोनों पहले से एक-दूसरे से प्यार करते थे। जब हालात बेकाबू हो गए, तो रुकसाना और भारत ने गुजरात छोड़कर दिल्ली का रुख किया। यहाँ उन्होंने मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। रुकसाना ने हिंदू धर्म को पूरे दिल से अपनाया और समृद्धि नाम रखा। उसने साफ कहा कि वह मुस्लिम धर्म में कभी वापस नहीं जाएगी, क्योंकि हिंदू धर्म की शांति और खुलापन उसे हमेशा से आकर्षित करता था।
रुकसाना का यह फैसला उसकी मर्जी से लिया गया है, और वह अपनी नई जिंदगी से खुश है। यह मामला सोशल मीडिया और समाज में चर्चा का केंद्र बन गया है। कुछ लोग इसे महिला सशक्तिकरण और धार्मिक स्वतंत्रता की जीत मान रहे हैं, तो कुछ इसे मुस्लिम परिवारों में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के मामलों की खिलाफत का संदेश भी मान रहे हैं। बहरहाल, रुकसाना और भारत अब दिल्ली में नई शुरुआत कर चुके हैं।