आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने रविवार (22 जून 2025) को मदुरै में फर्जी सेकुलरों पर तीखा हमला किया। हिंदू मुन्नानी द्वारा आयोजित ‘मुरुगा भक्तरगल मानदु’ कार्यक्रम में बोलते हुए पवन कल्याण ने कहा कि ये लोग ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की आड़ में हिंदू देवताओं और आस्थाओं को जानबूझकर निशाना बना रहे हैं।
मुख्य रूप से तमिल भाषा में दिए गए अपने भाषण में पवन कल्याण ने खुद को ‘कट्टर हिंदू’ बताया और कहा कि उन्हें अपने धर्म के लिए वही सम्मान चाहिए जो दूसरों को मिलता है।
पवन कल्याण ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए, लेकिन आज इसे केवल हिंदू धर्म को छोड़कर बाकी सभी की रक्षा के रूप में पेश किया जा रहा है।
भाजपा नेता के. अन्नामलाई और AIADMK के प्रतिनिधियों समेत कई बड़े नेता और बड़ी संख्या में भक्त इस कार्यक्रम में मौजूद थे। पवन कल्याण ने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की चीजों से हिंदू धर्म की जड़ों को नुकसान पहुँच रहा है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता और अभिव्यक्ति की आजादी जैसे शब्द कुछ लोगों के लिए सुविधाजनक हथियार बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि आजकल अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंदू देवताओं को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, जो एक गंभीर समस्या है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह चलन नहीं रुका, तो हमारे धर्म और आस्था को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।
पवन कल्याण ने यह भी साफ किया कि वह कट्टरपंथी नहीं हैं, बल्कि एक प्रतिबद्ध हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि वह ईसाई और इस्लाम धर्म का भी सम्मान करते हैं और बस यही चाहते हैं कि उनके विश्वास का भी सम्मान किया जाए। उन्होंने भारत की ताकत को धर्म (या धार्मिक मूल्यों) में बताया और कहा कि तमिलनाडु में हिंदू सम्मेलनों पर उठाए जा रहे सवाल बहुत खतरनाक हैं और इससे समाज में बेवजह का विभाजन पैदा हो रहा है।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मदुरै में हिंदू मुन्नानी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए धर्मनिरपेक्षता के दोहरे मापदंडों पर तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “ईसाई को ईसाई और मुसलमान को मुसलमान होने की आजादी है, लेकिन जब कोई हिंदू अपने धर्म की बात करता है, तो उसे सांप्रदायिक कह दिया जाता है। यही नकली धर्मनिरपेक्षता है।”
पवन कल्याण ने कहा कि हिंदुओं के धैर्य को उसकी कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने कहा, “अगर आप मेरी आस्था का सम्मान नहीं कर सकते, तो कम से कम उसका अपमान भी न करें।” पारंपरिक मुरुगन भक्त की पोशाक में आए कल्याण ने कंद षष्ठी कवचम् जैसे पवित्र भजनों का मजाक उड़ाने पर दुख जताया और इसे गलत बताया। उन्होंने सभी से एकजुट होकर धर्म की रक्षा करने का आग्रह किया और विश्वास जताया कि बदलाव जरूर आएगा।
इस कार्यक्रम में भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने कहा कि यह सम्मेलन राजनीतिक नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य सवाल उठाना और अधिकारों की माँग करना है। उन्होंने कहा, “हम किसी के दुश्मन नहीं हैं, हम बस अपने धर्म के लिए न्याय चाहते हैं।” कार्यक्रम का समापन कंद षष्ठी कवचम् के सामूहिक पाठ के साथ हुआ, जिससे इसकी भक्ति भावना और सांस्कृतिक एकता का संदेश सामने आया।