इजरायल के बेयर शेवा में स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर गुरुवार (19 जून 2025) को ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल से हमला हुआ। इस हमले से अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा और कई आम नागरिक घायल हो गए। इस घटना की दुनियाभर में कड़ी निंदा हुई।
इस बीच, इंडिया टुडे के ‘पत्रकार’ राजदीप सरदेसाई ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “देर रात की सोच, जब ईरान इजरायल में किसी अस्पताल पर हमला करता है, तो इसे ‘युद्ध अपराध’ कहा जाता है… लेकिन जब इजरायल गाजा में किसी अस्पताल पर हमला करता है, तो इसे जायज ठहराया जाता है…”
You are wrong. Under international law, when a humanitarian facility is used for military purposes, it looses its immunity.
Despite that, Israel has taken measures to clear civilians out of harm’s way even when the Hamas terrorists used hospitals to hide, before targeting.… https://t.co/XQpSw1tqiI—
Reuven Azar (@ReuvenAzar) June 20, 2025
उनका कहना था कि किसी भी अस्पताल पर हमला, चाहे वह बेयर शेवा में हो, गाजा में हो या तेहरान में, मानवता और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
इस पोस्ट के जवाब में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने तुरंत पलटवार किया। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुसार, “जब कोई मानवीय स्थान, जैसे अस्पताल, सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो वह अपनी इम्यूनिटी खो देता है।”
उन्होंने साफ किया कि इजरायल ने कभी अस्पतालों को सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया, जबकि हमास आतंकवादियों ने अस्पतालों को सैन्य ठिकानों के रूप में इस्तेमाल किया, जिसके कारण इजरायल की कार्रवाई वैध थी। अजार ने यह भी कहा, “इजरायल सैन्य गतिविधियों को छिपाने के लिए अस्पतालों का उपयोग नहीं करता, और इसलिए उन पर हमला युद्ध अपराध है।”
इसके बाद सोशल मीडिया पर राजदीप सरदेसाई की जमकर आलोचना हुई। लोगों ने उन पर सवाल उठाए कि उन्होंने बिना पुख्ता सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। कुछ यूजर्स ने कहा कि राजदीप ने बिना किसी सही तथ्य के ही इजरायल पर आरोप लगाए।

कुछ लोगों का मानना है कि राजदीप का यह बयान उनकी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित था और उन्होंने जानबूझकर इजरायल की कार्रवाइयों को गलत तरीके से पेश किया।