कनाडा लगातार खालिस्तानी तत्वों को पनाह और सहयोग देता रहा है। इसी कड़ी में ताजा मामला खालिस्तानी आतंकी इंद्रजीत गोसल का है। कनाडाई प्रशासन ने हाल ही में गोसल को उसकी जान पर मंडरा रहे कथित खतरे से बचाने के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराई है।

शुक्रवार (11 सितंबर 2025) को ग्लोबल न्यूज को दिए इंटरव्यू में गोसल ने दावा किया कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने औपचारिक तौर पर उसे चेतावनी दी है कि उसकी जान को गंभीर खतरा है। गोसल के अनुसार, पुलिस ने उसे बीते महीने भी चेताया था कि आने वाले हफ्तों में उसकी हत्या हो सकती है। 8 सितंबर को उसे फिर से ड्यूटी-टू-वार्न नोटिस जारी किया गया।

गोसल का कहना है कि वह खालिस्तान जनमत-संग्रह का आयोजक है और इसी कारण उसकी जान को भारत सरकार के एजेंटों और प्रॉक्सी से खतरा है। पुलिस ने उसे गवाह संरक्षण कार्यक्रम में शामिल होने की पेशकश की, लेकिन गोसल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे उसकी सक्रियता प्रभावित होगी।

भारत पर आरोप, कनाडाई पुलिस का संरक्षण

गोसल ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी जान को जो भी खतरा है, वह भारत सरकार से ही जुड़ा है। उसने कहा, “ये सब भारत सरकार से आता है। आदेश वहीं से दिए जाते हैं।” गोसल ने कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से माँग की कि भारत के राजनयिकों और खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 2022 से ही कनाडाई पुलिस खालिस्तानी तत्वों को इस तरह के ड्यूटी-टू-वार्न नोटिस जारी कर रही है। अक्टूबर 2024 में RCMP ने भारत पर आरोप लगाया था कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों पर हुए हमलों के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है। RCMP ने कहा था कि भारतीय राजनयिक जानकारी जुटाकर RAW को सौंपते हैं, जिसके जरिए संगठित अपराधियों से हमले करवाए जाते हैं।

कौन है इंद्रजीत गोसल?

इंद्रजीत गोसल कनाडा के ब्रैम्पटन में रहता है और खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख आयोजक है। भारत में यह संगठन प्रतिबंधित है। गोसल पर नवंबर 2024 में ग्रेटर टोरंटो एरिया के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हमले का आरोप लगा था। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया।

गोसल, 2023 में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का उत्तराधिकारी माना जाता है। निज्जर की हत्या को कनाडाई सरकार ने बिना सबूत भारत पर थोप दिया था, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई। गोसल, SFJ के जनरल काउंसल और भारत में घोषित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी माना जाता है। उसने पहले भी कहा था कि वह खालिस्तान की स्थापना के लिए जान देने से नहीं डरता।

भारत-कनाडा रिश्तों की पृष्ठभूमि

पिछली ट्रूडो सरकार के दौरान भारत-कनाडा रिश्ते बेहद खराब हुए थे। ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल दिया।

हालांकि, इस साल प्रधानमंत्री बने मार्क कार्नी ने आर्थिक और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश शुरू की है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि खालिस्तानी तत्वों को रोकने के लिए अब तक कनाडा ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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