काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। 40 साल के लंबे इंतजार के बाद, उन्हें अब राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलेगा, जिससे उनका वेतन तीन गुना तक बढ़ जाएगा।
गुरुवार (4 सितंबर 2025) को काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस फैसले से पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के साथ-साथ प्रमोशन और छुट्टी जैसी कई अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी।
पुजारियों के वेतन और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को 30000 रुपए वेतन मिलता था। नई नियमावली के तहत अब उन्हें 80000 से 90000 रुपए तक वेतन मिलेगा। इसके अलावा, नियमावली लागू होने के बाद उन्हें प्रमोशन, अवकाश और अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी। मंदिर न्यास परिषद ने पुजारियों, कर्मचारियों और सेवादारों के लिए चार श्रेणियाँ तय की हैं और उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह ग्रेड और मैट्रिक्स दिए जाएँगे।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अधिग्रहण 1983 में किया गया था, लेकिन इसके बाद से अब तक कोई कर्मचारी सेवा नियमावली लागू नहीं हो पाई थी। लंबे समय से इस मुद्दे पर काम हो रहा था, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था। अब जाकर यह सेवा नियमावली मंजूर हुई है।
मंदिर परिसर में और भी कई बड़े बदलाव
इस बैठक में सिर्फ पुजारियों के वेतन पर ही नहीं, बल्कि मंदिर के कई विकास कार्यों पर भी मुहर लगी। न्यास ने मिर्जापुर के ककरही में अपनी 46 बीघा जमीन पर एक वैदिक शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान बनाने का फैसला लिया है। भक्तों की सुविधा के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से शक्ति पीठ विशालाक्षी माता मंदिर तक एक कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।
इसके अलावा, एक डिजिटल संग्रहालय की स्थापना और मंदिर से जुड़े अन्य कार्य शामिल हैं। बेनीपुर-सारनाथ स्थित संकट हरण हनुमान मंदिर का विकास और गौशाला का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। धाम की सुरक्षा के लिए कंट्रोल रूम और कैमरों को आधुनिक बनाया जाएगा।
भक्तों को प्रसाद के रूप में लड्डू और रुद्राक्ष माला भी दी जाएगी और ‘संगम तीर्थ जल आदान-प्रदान योजना’ के तहत सभी ज्योतिर्लिंगों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
दंडी संन्यासियों को भी मिलेगा लाभ
बैठक में दंडी संन्यासियों के लिए भी एक अहम निर्णय लिया गया। उन्हें रोजाना प्रसाद, भोजन और 101 रुपए दक्षिणा दी जाएगी। इसके साथ ही, मंदिर में दैनिक दर्शनार्थियों के परिचय पत्रों का नवीनीकरण फिर से शुरू किया जाएगा। कुल मिलाकर, यह बैठक काशी विश्वनाथ मंदिर के कर्मचारियों और पुजारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है।