इजरायल ने किया ईरान पर अटैक

इजरायल ने शुक्रवार (13 जून 2025) सुबह ईरान पर एक बड़ा हमला किया है। इजरायली सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान पर बमबारी की है। इजरायल ने ईरानी सेना के ठिकानों के साथ-साथ उनके परमाणु ठिकानों को भी निशाना बनाया है। इजरायली मीडिया के अनुसार, तेहरान में बड़े धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं।

इजरायल ने जानकारी दी है कि 200 से ज़्यादा फाइटर जेट से ईरान में किए गए हमलों में ईरानी सेना के तीन बड़े कमांडर मारे गए हैं। इनमें ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर और ईरान के इमरजेंसी कमांड के कमांडर शामिल हैं।

इजरायल का कहना है कि ये तीनों बहुत ही क्रूर हत्यारे थे, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खून बहाया है। इजरायल के अनुसार, इनके बिना दुनिया अब ज़्यादा सुरक्षित है।

इजरायल हमले का दावा

इजरायल ने घोषणा की है कि उसने ईरान के दर्जनों परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। इस हमले में ईरान का नतांज स्थित मुख्य परमाणु संयंत्र, परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिक और ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के केंद्र शामिल हैं।

इस ऑपरेशन को ‘राइजिंग लॉयन’ (Rising Lion) नाम दिया गया है और यह कई दिनों तक जारी रह सकता है।

परमाणु बम वाले वैज्ञानिकों पर हमला- बेंजामिन नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की पुष्टि की है। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने ईरान के परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिकों पर भी हमला किया है। बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को उनके नेतृत्व और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सामना करने के लिए धन्यवाद दिया।

नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि अगर इजरायल अभी कार्रवाई नहीं करेगा, तो अगली पीढ़ी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। बेंजामिन नेतन्याहू ने यह भी कहा कि ईरान के पास अब 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम जमा हो गया है और इजरायल उसे ऐसा करने से रोकेगा।

इजरायल में आपातकाल और सुरक्षा

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने ईरान पर हमले के बाद पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की है। इजरायल कैट्ज ने चेतावनी दी है कि ईरान की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमले होने की आशंका है। पूरे इजरायल में सायरन बज रहे हैं और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने सुरक्षा मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई है।

इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी आक्रामकता के जवाब में यह हमला किया है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और प्रभाव

हमले में अमेरिका का रुख सामने आया है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने रॉयटर्स से पुष्टि की है कि इजरायल ने ईरान में हमला किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने साफ कहा कि इसमें अमेरिका की कोई भागीदारी या सहायता नहीं थी।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी कहा कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है और अमेरिका की सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा है।

इस हमले के बाद इराक ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, जिससे विमानों की आवाजाही रुक गई है।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम जमा होने की खबरें आ रही थीं, जिसे इजरायल अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है।



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