राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गाँव में ऐतिहासिक छतरियों (स्मारक) के निर्माण को लेकर तनाव बना हुआ है। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को इस्लामी कट्टरपंथी गुट ने निर्माण कार्य का विरोध करते हुए महिलाओं और बच्चों को आगे करके पत्थराव करवाया। शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
विवाद पर बीजेपी विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा है कि जैसलमेर के गौरव का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
— Chhotu Singh Bhati (@mla_chhotusingh) July 10, 2025
इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ। वीडियों में देखा जा सकता है कि पुलिसबल निर्माण कार्य के पास मौजूद है और कुछ कट्टरपंथी लोग पत्थराव कर रहे हैं। पत्थराव करने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएँ शामिल है। इनके हाथों में पत्थर देखें जा सकते हैं। ये महिलाएँ पुलिस को कुछ कहती है और उन पर पत्थर फेंकना शुरू कर देती हैं।
#WATCH | Rajasthan | Two groups clashed over the construction of a 'chhatri' (cenotaph) in a pond in Basantpeer village of Jaisalmer today. During the clash, stones were pelted at police personnel and construction workers. Case registered against those involved in stone pelting.… https://t.co/XGNNavfE3F pic.twitter.com/3vEm4sc93L
— ANI (@ANI) July 10, 2025
क्या है छतरियों का इतिहास?
जानकारी के मुताबिक, जैसलमेर में बनी छतरियाँ दो बहादुर लोगों की याद में हैं: झुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और झुंझार पालीवाल जी।
झुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा एक बहादुर योद्धा थे। वे 1828 में जैसलमेर और बीकानेर के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी बहादुरी की याद में यह छतरी (स्मारक) बनाई गई थी।
हदूद जी पालीवाल ने गाँव में एक तालाब बनवाया था। लोगों को पानी मिल सके, इसलिए उन्होंने यह अच्छा काम किया। उनकी याद में दूसरी छतरी बनाई गई थी।
इन छतरियों को 1835 में महारावल गज सिंह ने बनवाया था। ये छतरियाँ गौरव का प्रतीक मानी जाती हैं।
छतरियों से जुड़ा विवाद- यह विवाद नया नहीं है, बल्कि 2019 से चला आ रहा है। 2019 में एक शिक्षक से सफाई के दौरान एक छतरी टूट गई थी। इसके बाद झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया।
जब प्रशासन ने इन छतरियों को दोबारा बनाने की मंजूरी दी, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। 2021 में प्रशासन की कोशिश से काम शुरू हुआ, लेकिन दो दिन बाद तनाव के कारण इसे फिर रोकना पड़ा था।
क्या हुआ था?
राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गाँव में दो ऐतिहासिक छतरियों को लेकर विवाद चल रहा है। यह विवाद इन छतरियों के दोबारा बनने को लेकर है। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को निर्माण कार्य शुरू हुआ।
दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया और पत्थरबाजी की। कुछ कट्टरपंथियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे करके लोगों पर और पुलिसबल पर पथराव करवाया। इसमें पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हो गए।
Jaisalmer, Rajasthan: A clash over chhatri construction in Basanpeer turned violent as a community allegedly pelted stones, injuring activist Ganpat Singh and a police officer. Several vehicles were damaged. Heavy police deployment followed
An injured person says, "This conflict… pic.twitter.com/XRCTMZdYrE— IANS (@ians_india) July 10, 2025
भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में 22 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 15 से ज्यादा महिलाएँ शामिल हैं।