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जैसलमेर में इस्लामी कट्टरपंथियों ने औरतों-बच्चों को आगे कर कराया पथराव, कॉन्स्टेबल समेत कई घायल: राजस्थान पुलिस ने 15 महिलाओं समेत 22 को दबोचा, राजपूत योद्धाओं के स्मारकों की मरम्मत में रोड़ा डाल रहे मुस्लिम


जैसलमेर में दो गुटों में पत्थराव

राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गाँव में ऐतिहासिक छतरियों (स्मारक) के निर्माण को लेकर तनाव बना हुआ है। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को इस्लामी कट्टरपंथी गुट ने निर्माण कार्य का विरोध करते हुए महिलाओं और बच्चों को आगे करके पत्थराव करवाया। शुक्रवार (11 जुलाई 2025) को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

विवाद पर बीजेपी विधायक छोटू सिंह भाटी ने कहा है कि जैसलमेर के गौरव का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ। वीडियों में देखा जा सकता है कि पुलिसबल निर्माण कार्य के पास मौजूद है और कुछ कट्टरपंथी लोग पत्थराव कर रहे हैं। पत्थराव करने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएँ शामिल है। इनके हाथों में पत्थर देखें जा सकते हैं। ये महिलाएँ पुलिस को कुछ कहती है और उन पर पत्थर फेंकना शुरू कर देती हैं।

क्या है छतरियों का इतिहास?

जानकारी के मुताबिक, जैसलमेर में बनी छतरियाँ दो बहादुर लोगों की याद में हैं: झुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और झुंझार पालीवाल जी।

झुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा एक बहादुर योद्धा थे। वे 1828 में जैसलमेर और बीकानेर के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी बहादुरी की याद में यह छतरी (स्मारक) बनाई गई थी।

हदूद जी पालीवाल ने गाँव में एक तालाब बनवाया था। लोगों को पानी मिल सके, इसलिए उन्होंने यह अच्छा काम किया। उनकी याद में दूसरी छतरी बनाई गई थी।

इन छतरियों को 1835 में महारावल गज सिंह ने बनवाया था। ये छतरियाँ गौरव का प्रतीक मानी जाती हैं।

छतरियों से जुड़ा विवाद- यह विवाद नया नहीं है, बल्कि 2019 से चला आ रहा है। 2019 में एक शिक्षक से सफाई के दौरान एक छतरी टूट गई थी। इसके बाद झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया।

जब प्रशासन ने इन छतरियों को दोबारा बनाने की मंजूरी दी, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। 2021 में प्रशासन की कोशिश से काम शुरू हुआ, लेकिन दो दिन बाद तनाव के कारण इसे फिर रोकना पड़ा था।

क्या हुआ था?

राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गाँव में दो ऐतिहासिक छतरियों को लेकर विवाद चल रहा है। यह विवाद इन छतरियों के दोबारा बनने को लेकर है। गुरुवार (10 जुलाई 2025) को निर्माण कार्य शुरू हुआ।

दूसरे समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया और पत्थरबाजी की। कुछ कट्टरपंथियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे करके लोगों पर और पुलिसबल पर पथराव करवाया। इसमें पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हो गए।

भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में 22 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 15 से ज्यादा महिलाएँ शामिल हैं।



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