प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (11 सितंबर 2025) को उत्तराखंड के देहरादून का दौरा किया, जहाँ भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही का जायजा लिया। पीएम वाराणसी से सीधे जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुँचे, जहाँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल ने उनका स्वागत किया।
सीएम धामी ने कहा, ‘आपदा की इस कठिन घड़ी में पीएम की प्रदेशवासियों के बीच उपस्थिति प्रभावितों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता दिखाती है।’ एयरपोर्ट पर ही पीएम ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ राहत और पुनर्वास कार्यों की प्रगति पर चर्चा हुई।
उत्तराखंड में बाढ़ की स्थिति को लेकर एक समीक्षा बैठक की। राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान को देखकर बहुत पीड़ा हुई है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों की… pic.twitter.com/iag1JI34q0
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
हालाँकि मौसम खराब होने की वजह से धराली और थराली जैसे प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण टल गया, लेकिन पीएम ने मीटिंग में प्रेजेंटेशन के जरिए पूरे राज्य की बाढ़ स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्ण सहयोग देगी और बहुआयामी तरीके से पूरे क्षेत्र को पटरी पर लाने का काम होगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, उनका दर्द सुना और सांत्वना दी। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
उत्तराखंड में बाढ़ और लैंडस्लाइड से प्रभावित लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना। हम उनके साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं और उनकी हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं। pic.twitter.com/eYjXo05F55
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
पीएम ने तत्काल राहत के तौर पर उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता का ऐलान किया। इसके अलावा, बाढ़ और संबंधित आपदाओं में मरने वालों के परिवारों को 2 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
हाल की बाढ़ और भूस्खलन से अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत व्यापक समर्थन देने का भरोसा दिलाया, जिसमें उनकी लंबी अवधि की देखभाल और कल्याण शामिल होगा। पीएम ने कहा कि यह सहायता आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अस्थायी है, लेकिन राज्य की माँग पर और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की मदद पर विचार होगा।
बता दें कि उत्तराखंड में इस साल अप्रैल से अब तक प्राकृतिक आपदाओं से 85 लोगों की जान चली गई, 128 घायल हुए और 94 लापता हैं। भारी बारिश ने उत्तरकाशी के धराली-हरसिल, चमोली के थराली, रुद्रप्रयाग के चेनागढ़, पौड़ी के सैंजी, बागेश्वर के कपकोट और नैनीताल के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया। करोड़ों रुपए की संपत्ति नष्ट हुई, सड़कें, स्कूल, घर और पशुधन को भारी नुकसान पहुंचा। राज्य सरकार ने केंद्र से 5700 करोड़ रुपये की विशेष सहायता माँगी है, जिस पर पीएम के दौरे से सकारात्मक फैसला की उम्मीद है।
पीएम ने पुनर्निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत ‘विशेष परियोजना’ के जरिए क्षतिग्रस्त ग्रामीण घरों के लिए वित्तीय मदद देने का ऐलान किया। राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता और पशुधनों के लिए मिनी किट वितरण जैसे कदमों पर जोर दिया। उन्होंने NDRF, SDRF, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा संगठनों के जवानों की तारीफ की, जो तुरंत राहत पहुँचाने में जुटे हैं।
पीएम ने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस मुश्किल वक्त में हर संभव मदद करेंगी।’ दौरे के बाद पीएम दिल्ली रवाना हो गए। यह दौरा न केवल राहत का संदेश देता है, बल्कि भविष्य की तैयारी पर भी फोकस करता है।