पाँच देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे चरण में शुक्रवार (4 जुलाई 2025) की शाम में अर्जेंटीना पहुँचे। इससे पहले उन्होंने त्रिनिडाड और टोबैगो का दौरा किया, जहाँ दोनों देशों के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
यहाँ पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिडाड एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले विदेशी नेता बने। उनकी इस यात्रा की शुरुआत घाना से शुरु हुई थी।
Landed in Buenos Aires for a bilateral visit which will focus on augmenting relations with Argentina. I’m eager to be meeting President Javier Milei and holding detailed talks with him.@JMilei pic.twitter.com/ucdbQhgsUj
— Narendra Modi (@narendramodi) July 5, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुँचे, जहाँ ईजाइजा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें औपचारिक स्वागत मिला। यह उनकी दूसरी अर्जेंटीना यात्रा है। पहली बार वह 2018 में G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए थे। पिछले 57 वर्षों में यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है जिसमें कोई भारतीय प्रधानमंत्री अर्जेंटीना पहुँचा है। पीएम मोदी के होटल पहुँचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे से उनका भव्य स्वागत किया।
#WATCH | Argentina: Prime Minister Narendra Modi welcomed with chants of "Bharat Mata ki Jai", "Jai Shree Ram" and "Modi-Modi" as he reaches the hotel in Buenos Aires. Members of the Indian diaspora have gathered here.
(Source: ANI/DD News) pic.twitter.com/3LT85QD4Jb— ANI (@ANI) July 5, 2025
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अर्जेंटीना यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेता रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश जैसे कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।
– | Celebrating the enduring friendship between our nations.
PM @narendramodi has landed in the vibrant city of Buenos Aires, Argentina on an Official Visit. He was accorded a ceremonial welcome on arrival at the airport.
This is the first bilateral visit by an Indian PM to… pic.twitter.com/BtATiF4zTz— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 5, 2025
अर्जेंटीना के समृद्ध खनिज भंडार
अर्जेंटीना में लिथियम, कॉपर और शेल गैस जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के बड़े भंडार मौजूद हैं, जो उसे भारत के लिए एक संभावित ऊर्जा भागीदार बनाते हैं। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार वाला देश है।
साथ ही पारंपरिक तेल और गैस के भी अच्छे भंडार यहाँ मौजूद हैं। अर्जेंटीना, बोलिविया और चिली के साथ ‘लिथियम ट्रायएंगल’ का हिस्सा है, जो एंडीज पर्वत क्षेत्र में स्थित है और लिथियम के समृद्ध भंडार के लिए जाना जाता है।
लिथियम का इस्तेमाल मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और ऊर्जा भंडारण के लिए बनने वाली बैटरियों में होता है, इसलिए यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के लिए बहुत जरूरी माना जा रहा है।
भारत की सरकारी कंपनी खानिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) ने अर्जेंटीना के कातामार्का प्रांत में लिथियम खोज के अधिकार पहले से ही हासिल कर लिए हैं। इसके अलावा, अर्जेंटीना ‘वाका मुएर्ता’ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एलएनजी (LNG) परियोजना पर काम कर रहा है।
जिसका लक्ष्य 2030 तक सालाना 30 मिलियन टन (3 करोड़ टन) एलएनजी निर्यात करना है। अर्जेंटीना इस परियोजना में विदेशी निवेश चाहता है, जिसके कारण भारत को भी इसमें भागीदारी का मौका मिलने की उम्मीद है।
भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार
पिछले एक साल में भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5.2 अरब डॉलर (4.31 लाख करोड़ रुपए) से ऊपर पहुँच गया है। भारत अब अर्जेंटीना के छह बड़े व्यापारिक साझेदारों में शामिल है।
पहले दोनों देशों के बीच व्यापार मुख्य रूप से खाद्य तेलों तक सीमित था, लेकिन अब रक्षा, ऊर्जा, खनन और निवेश जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की कोशिश हो रही है। अर्जेंटीना भारत से दवाइयाँ, चिकित्सा उपकरण और आईटी सेवाएँ आयात करने में रुचि दिखा रहा है, जबकि भारत अर्जेंटीना के कृषि बाजार तक पहुँच बनाना चाहता है।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, जो दिसंबर 2023 में सत्ता में आए, वो पश्चिमी देशों के बाहर भी आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं भारत दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह मर्कोसुर के साथ अपने व्यापारिक संबंध फिर से मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके संस्थापक सदस्य अर्जेंटीना ने भी इस संगठन में सुधार की इच्छा जताई है।
भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार
पिछले एक साल में भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5.2 अरब डॉलर (4.31 लाख करोड़ रुपए) से ऊपर पहुँच गया है। भारत अब अर्जेंटीना के छह बड़े व्यापारिक साझेदारों में शामिल है।
पहले दोनों देशों के बीच व्यापार मुख्य रूप से खाद्य तेलों तक सीमित था, लेकिन अब रक्षा, ऊर्जा, खनन और निवेश जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की कोशिश हो रही है। अर्जेंटीना भारत से दवाइयाँ, चिकित्सा उपकरण और आईटी सेवाएँ आयात करने में रुचि दिखा रहा है, जबकि भारत अर्जेंटीना के कृषि बाजार तक पहुँच बनाना चाहता है।
दिसंबर 2023 में सत्ता में आए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई पश्चिमी देशों के बाहर भी आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं भारत दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह मर्कोसुर के साथ अपने व्यापारिक संबंध फिर से मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके संस्थापक सदस्य अर्जेंटीना ने भी इस संगठन में सुधार की इच्छा जताई है।
भारत-अर्जेंटीना रक्षा सहयोग
भारत और अर्जेंटीना के बीच रक्षा सहयोग, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीमेडिसिन पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। अर्जेंटीना ने भारत के तेजस लड़ाकू विमान में रुचि दिखाई है।
वह भारत के बड़े स्तर पर चलने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं से भी प्रभावित है। दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियाँ पहले भी साथ काम कर चुकी हैं और अब सस्ते सैटेलाइट लॉन्च के लिए भविष्य में नई साझेदारी की भी उम्मीद है।
आतंकवाद के मुद्दे पर भी दोनों देशों की सोच एक जैसी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की अर्जेंटीना ने सबसे पहले निंदा की थी। 1992 और 1994 में खुद आतंकवादी हमले झेल चुके अर्जेंटीना को इस खतरे की गंभीरता का भी अच्छा-खासा अनुभव है।
प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा का महत्व
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत अब अपनी ऊर्जा आपूर्ति को वहाँ से कम करने और नए विकल्प तलाशने की दिशा में काम कर रहा है। अर्जेंटीना समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाँच देशों की मौजूदा यात्रा भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
पिछले कुछ वर्षों में रूस-यूक्रेन युद्ध और हाल ही में इजराइल-ईरान संघर्ष जैसे बड़े घटनाक्रमों से भारत ने यह सीखा है कि ऊर्जा आपूर्ति के लिए कई विकल्प होना जरूरी है। रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने का भारत का फैसला भी इसी नीति के तहत लिया गया था, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता बनी रहे।
सरकार अब उन देशों के साथ व्यापार संबंध मजबूत करने पर काम कर रही है जो भारत के संभावित ऊर्जा साझेदार बन सकते हैं। अर्जेंटीना दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील जाएँगे, जहाँ वह 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और उसके बाद राजकीय यात्रा करेंगे। इस यात्रा के अंतिम चरण में वह नामीबिया जाएँगे। इससे पहले वह घाना, त्रिनिडाड और टोबैगो का दौरा कर चुके हैं।