एक तरफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे गाय को ‘माता’ कहकर उसका सम्मान करते हैं और उसे सिर्फ़ जानवर मानने से मना करते हैं। वहीं दूसरी तरफ, समाज में ऐसे पाखंडी और ‘राक्षस’ भी मौजूद हैं, जो गाय को सिर्फ अपने स्वाद का हिस्सा मानते हैं, जबकि आवारा कुत्तों को वे ‘डॉग लवर्स’ बनकर पेश करते हैं।
दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे ही दोहरे रवैये वाले लोगों पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए ऐसी बात कह दी कि पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। चर्चा ‘आवारा कुत्तों’ और ‘डॉग लवर्स’ से शुरू हुई, लेकिन कब ‘गाय’ पर आ गई, किसी को पता ही नहीं चला।
पीएम मोदी ने कहा, “मैं हाल ही में कुछ ‘एनिमल लवर्स’ से मिला।” इतना सुनते ही हॉल में बैठे लोग हँसने लगे। इस पर पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “आप लोग तो हँसने लगे? हमारे देश में ऐसे बहुत लोग हैं, जिनकी खासियत है कि वे गाय को जानवर मानते हैं। गाय जानवर नहीं है।”
VIDEO | Delhi: Prime Minister Narendra Modi (@narendramodi) addressed the International Conference on Gyan Bharatam. He said, “Recently, I met some animal lovers… Our country has many animal lovers, and most of them do not consider the cow as an animal.”
(Full video available… pic.twitter.com/Qyy9xgDhFT
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
गाय से परहेज नहीं, प्लेट में परोसने तक का प्यार
बात सिर्फ़ जानवरों से प्यार की नहीं है, बात उस दोहरे मापदंड की है जहाँ एक तरफ कुछ लोग कुत्तों को लेकर कोर्ट-कचहरी तक पहुँच जाते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वही लोग बीफ़-फेस्टिवल मनाते दिखते हैं। कुछ समय पहले स्टैंड-अप कॉमेडियन वीर दास ने आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था। वीर दास ने लिखा, “क़ानूनी विशेषज्ञों, एक बात बताएँ। अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी होता है, तो क्या नागरिक इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर सकते?”
वीर दास जैसे लोग एक तरफ ट्वीट कर लिखते हैं, 15 अप्रैल को चिकन टिक्का उत्सव मना रहा हूँ, सब आमंत्रित हैं।” वीर दास जैसे लोग कुत्तों की आँखों में आँसू देख लेते हैं, लेकिन गाय की आँखों में दिखता है ‘सिर्फ़ स्वाद’। ये वही लोग हैं जो ‘डॉग स्क्वाड’ की टी-शर्ट पहनते हैं, लेकिन मेनू कार्ड पर ‘बीफ करी’ टिक करते वक़्त हिचकिचाते नहीं।

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने वीर दास के ट्विट का रिप्लाई देते हुए वार किया और लिखा, “कुत्तों को शुद्ध बता रहे हो, लेकिन गाय को नहीं? बीफ की गंध और उसे देखते ही तुम्हारा सारा पशु प्रेम कहाँ चला जाता है, पाखंडियों।”
Dogs are sacred but cows are not. All animal love melts away with the smell and sight of beef. Hypocrite https://t.co/0TpjJwZXoK pic.twitter.com/Fxc74kBIM2
— Monica Verma (@TrulyMonica) August 13, 2025
गाय माता से पीएम मोदी का रिश्ता
प्रधानमंत्री मोदी अक्सर गायों के साथ देखे जाते हैं, उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं, जहाँ वे गायों को खाना खिलाते और दुलारते दिखते हैं। हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और ‘गौ माता‘ के रूप में पूजा जाता है।
मोदी सरकार ने 2014 से गायों की सुरक्षा के लिए कई योजनाएँ भी शुरू की हैं। 2019 में ‘राष्ट्रीय कामधेनु आयोग’ (RKA) की स्थापना की गई थी। यह आयोग मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य गायों और उनकी नस्लों का संरक्षण, सुरक्षा और विकास करना है।
प्रधानमंत्री का यह बयान दिखाता है कि वे पशु प्रेम को लेकर कुछ लोगों के दोहरे रवैये पर कटाक्ष कर रहे थे। एक तरफ लोग कुत्तों के लिए आवाज उठाते हैं, लेकिन दूसरी तरफ वे अन्य जानवरों को उतनी अहमियत नहीं देते।
आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश और विवाद
कुछ समय पहले ही, दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 को एक आदेश जारी किया, जिसमें दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर स्थायी रूप से शेल्टरों में रखने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने यह आदेश कुत्तों के काटने और रेबीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिया था, जिसमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे।
इस आदेश का पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और कई मशहूर हस्तियों ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने इस आदेश को ‘अवैज्ञानिक’ बताया और कहा कि यह पशु जन्म नियंत्रण नियमों के खिलाफ है। इस विरोध को देखते हुए, चीफ जस्टिस ने मामले को तीन-न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया।
नई पीठ ने पुराने आदेश में बदलाव किया और निर्देश दिया कि कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी जगह वापस छोड़ा जाए, जहाँ से उन्हें पकड़ा गया था। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी, बल्कि इसके लिए नगर निगमों को विशेष ‘फीडिंग ज़ोन’ बनाने होंगे।