वह शहर के बाहरी इलाकों में रेव पार्टी आयोजित करता था। इन पार्टियों में एंट्री के लिए 10 से 25 हजार रुपए वसूले जाते थे। पार्टी में ड्रग्स के लिए अलग से रकम ऐंठी जाती थी। इस पूरे काले कारोबार में यासीन मछली और उसका परिवार शामिल था।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ड्रग तस्करी मामले में पकड़े गए यासीन मछली और उसके चाचा शाहवर मछली ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। क्राइम ब्रांच के एडिशनल DCP शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि रेव पार्टी में शामिल होने से पहले सभी लोग यासीन के बताए पब में इकट्ठा होते थे। यहाँ से पार्टी के लिए तय जगह पर रवाना होते थे।
रेव पार्टियों में नाच गाना, भारी शोर शराबा और ड्रग्स के नशे के बीच युवाओं को ‘एंजॉय’ करवाया जाता था। रात भर लाउड म्यूजिक होने के बाद भी शिकायत नहीं की जाती थी, क्योंकि पार्टी के लिए ऐसे फार्म हाउस चुने जाते थे, जो शहर की भीड़-भाड़ वाले इलाकों से काफी दूर हुआ करते थे।
क्राइम ब्रांच ने शहर के उन सभी पब, क्लब और लाउंज को नोटिस जारी किया है, जिसमें यासीन और उसके गिरोह के लोगों का आना-जाना लगा रहता था। अधिकारियों को शक है कि गिरोह में पब, क्लब और लाउंज के मालिक या स्टाफ भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए क्राइम ब्रांच ने उन सभी पब क्लब और लाउंज मालिकों को नोटिस जारी कर दिया है।
यासीन ने पब में मिली युवती का किया रेप
भोपाल के एमपी नगर थाने में यासीन मछली के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज हुआ है। यासीन पर 29 वर्षीय युवती के रेप का आरोप है। थाने की सब इंस्पेक्टर अर्चना तिवारी ने बताया कि प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली युवती ने रेप की शिकायत दर्ज कराई है।
युवती ने शिकायत में बताया कि करीब एक साल पहले एक पब में यासीन से मुलाकात हुई थी। यासीन ने युवती से दोस्ती की। दोनों के बीच बातचीत बढ़ने लग गईं। यासीन ने युवती को शादी का झाँसा देकर फाइव स्टार में बुलाया और रेप किया।
यासीन के परिवार ने 55 साल में अवैध काम कर खड़ा किया ‘साम्राज्य’
ड्रग तस्कर यासीन मछली के परिवार ने 55 साल में अवैध कारोबार के जरिए बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। यासीन का परिवार 1970 से पहले बुधवारा में रहता था और मछलियों की दलाली करता था। इसके बाद हथाईखेड़ा आया और यहाँ मछली पालने का ठेका लिया। 1980 में राजनीतिक पार्टियों की मदद कर इलाके में दबदबा बनाया। राजनीतिक मदद से ही मुस्लिमों की बस्ती बसा ली और पत्थर खदानों ने अवैध खनन शुरू किया।
साल 2000 में दुर्गा पंडाल के लिए चंदा और देवी जागरण के आयोजन के जरिए हिंदुओं का भरोसा जीतना शुरू किया। इसके बाद 2005 से 2010 के बीच हथाईखेड़ा के आसपास कई इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों का निर्माण हुआ। इन्हीं कॉलेजों के छात्रों के लिए फ्रेशर्स पार्टियाँ और क्रिकेट टीम बनाकर टूर्नामेंट कराए।
2015 के बाद इन पार्टियों में नशे का कारोबार चालू किया। छात्रों को नशे की लत लगा दी। मछली परिवार अवैध हथियारों की सप्लाई, ड्रग्स के अवैध कारोबार में पूरी तरह शामिल था। इस दौरान लड़कियों से रेप और ब्लैकमेलिंग का सिलसिला भी शुरू हुआ।
यासीन का गुर्गा अंशुल सिंह कॉन्ग्रेस नेत्री का बेटा निकला
यासीन के गुर्गे अंशुल सिंह उर्फ भूरी को 31 जुलाई 2025 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सोमवार (04 अगस्त 2025) को कोर्ट में पेशी के बाद अंशुल की रिमांड 07 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई। पूछताछ में अंशुल ने खुद को कॉन्ग्रेस की महिला नेता का बेटा बताया।
अंशुल पर शहर के अलग-अलग थानों में 20 से अधिक हत्या के प्रयास, मारपीट, आर्म्स एक्ट, शराब और तस्करी के केस दर्ज हैं। टीटी नगर थाने में उसको हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया है।
पुलिस ने अंशुल के बयान के आधार पर 32 वर्षीय तौफीक निजामी को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक पिस्टल और कारतूस जब्त किया गया है। तौफीक ने ही अंशुल को अवैध पिस्टल दी थी।
पुलिस की गिरफ्त में आया शाहवर मछली
18 जुलाई 2025 को भोपाल के गोविंदपुरा से सैफुद्दीन और आशू उर्फ शाहरुख को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से ₹3 लाख और बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की गई। इन्हीं की निशानदेही पर ड्रग तस्करी का सरगना शाहवर मछली और उसका भतीजा यासीन मछली को क्राइम ब्रांच ने दबोचा। दोनों के पास से 3 ग्राम एमडी ड्रग और एक देशी पिस्टल बरामद की गई थी।
जाँच में सामने आया कि यासीन और उसके चाचा शाहवर ड्रग्स तस्करी का धंधा करते थे। मुंबई, राजस्थान और पंजाब से चरस और अन्य ड्रग्स लाते थे। फिर इन्हें शहर के पब, लाउंज और क्लब में पार्टियों में बेचा करते थे। ड्रग्स की डिलीवरी के लिए हिंदू लड़कियों को इस्तेमाल किया जाता था। युवाओं के लिए रेव पार्टी आयोजित कर उन्हें नशे की लत लगाते थे। ये दोनों हिंदू लड़कियों का शारीरिक शोषण करते थे और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव भी बनाते थे।