लव जिहाद और इस्लामी धर्मांतरण की खबरें अब मीडिया में रोज की हो गई हैं। एक समय था जब दक्षिणपंथियों को इन समस्याओं के बारे मे बताने के लिए आलोचना सहनी पड़ती थी, मगर अब आए दिन सामने आ रही पीड़िताएँ और उनकी कहानियाँ इस बात की गवाह हैं कि ये कोई आभासी शब्द नहीं हैं।

समय के साथ इसे अंजाम देने के लिए इस्लामी कट्टरपंथी रोज नए पैंतरे खोज रहे हैं। हर माध्यम का इस्तेमाल करके हिंदू लड़कियों को इस्लाम कबूल कराने के प्रयास हो रहे हैं। पिछले दिनों मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स इस बात के प्रमाण हैं जिनसे साबित होता है कि अब लव जिहाद के लिए या धर्मांतरण से पहले ब्रेनवाश करने के लिए, सिर्फ पुरानी चालबाजी ही नहीं, बल्कि नई-नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।

आज इस लेख में हम आपके सामने उस हर तरीके पर चर्चा करेंगे जिनके जरिए इस्लामी कट्टरपंथी अपने मकसद की ओर धड़ल्ले से आगे बढ़ कर रहे हैं। ये लेख निराधार नहीं, बल्कि उन्हीं घटनाओं पर आधारित है जिन्हें मीडिया रिपोर्ट कर चुका है और कभी न कभी अलग-अलग जगह और दिन आप भी उन खबरों से होकर गुजरे हैं, लेकिन उन्हें कभी जोड़कर आगामी परिणाम सोचने का प्रयास नहीं किया।

ड्रग की लत और धर्मांतरण रिजल्ट

हालिया खबरों से शुरू करें तो हिंदुओं के लिए चिंताजनक बात ये है कि ये जिहादी हिंदू बच्चियों को बर्बाद करके उन्हें धर्मांतरण की राह पर धकेलने के लिए उन्हें ड्रग्स की लत लगावा रहे हैं। भोपाल, बिजनौर, इंदौर, नैनीताल से आए मामले इसके सबूत हैं।

  • सबसे पहले बात मध्यप्रदेश के भोपाल वाले मामले से करते हैं। इस केस का खुलासा पिछले महीने तब हुआ जब ड्रग गैंग चलाने वाले यासीन मछली और शाहवर मछली की गिरफ्तारी हुई। छानबीन में पता चला कि इनका मकसद सिर्फ ड्रग्स की तस्करी करना नहीं था बल्कि इनके निशाने पर हिंदू लड़कियाँ थीं। ये लोग ये लोग हिंदू युवतियों को एमडी (MD) ड्रग देकर शारीरिक शोषण करते थे और उनसे ड्रग भी बिकवाते थे। इनका मकसद लड़कियों को बर्बाद करते हुए धर्मांतरण करवाना था ताकि उनके पास और कोई विकल्प न बचे।
  • भोपाल-इंंदौर से ऐसी ही एक मुस्लिम गैंग का खुलासा हुआ था। गैंग का मास्टरमाइंड फरहान था। इस गैंग ने निजी कॉलेज में पढ़ने वाली हिंदू लड़कियों को निशाने पर लिया हुआ था। पीड़िताएँ इस मामले में लंबे समय तक चुप थीं, लेकिन बाद में जब ये केस खुला तो एक-एक करके कई लड़कियाँ सामने आईं, जिन्होंने बताया कि कैसे उन्हें नशा देकर उनसे बलात्कार होता था और इसके बाद उनपर धर्मांतरण का दबाव बनाया जाता था।
  • इंदौर के मूसाखेड़ी में भी जीशान खान ने ‘अभिषेक ठाकुर’ बनकर हिंदू युवती को फँसाया हुआ था। उसने लड़की को अपने जाल में उलझाए रखने के लिए उसको ड्रग्स की लत लगाई, फिर उसका यौन शोषण किया और उसे ब्लैकमेल करके उसपर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगा।
  • इसी तरह का केस नैनीताल से भी जुलाई को सामने आया था… यहाँ 11 वीं क्लास की हिंदू युवती को 30 साल के मुस्लिम युवक ने प्रेम जाल में फँसा रखा था। लड़की का परिवार इतना बेबस था कि उन्हें मदद के लिए हिंदू संगठनों का सहारा लेना पड़ा। परिवार ने गिड़गिड़ा कर बताया कि उनकी बेटी को नशा दिया जाता है, उसे लत लगवा दी गई है। घरवाले इसलिए मजबूर हो गए हैं क्योंकि बेटी परिवार के विरोध पर उतर आई है।
  • एक अन्य मामला इंदौर से… यहाँ सुल्तान रोशन नागोरी ने कोचिंग सेंटर में जाने वाली हिंदू युवतियों को टारगेट पर ले रखा था। सारी पोल तब खुली जब एक ब्राह्मण लड़की शिकायत लेकर सामने आई। युवती ने बताया कि सुल्तान ने उसके साथ शारीरिक शोषण तो किया ही था। साथ में उसे अश्लील फोटो-वीडियो वायरल की धमकी देकर धर्म परिवर्तन का दबाव भी बना रहा था।
    पीड़िता का कहना था कि सुल्तान उसके ऊपर झाड़-फूँक भी कराता था और उसे नशे भी देता था। इस मामले में पीड़िता ने कॉल सेंटर्स में एक्टिव धर्मांतरण सेल का भी खुलासा किया था। उसका दावा था कि इस सेल में हिंदू लड़कियों को फँसाने के लिए मुस्लिम लड़कों को रखा जाता था। उनका ब्रेनवॉश ये कहकर होता था- अल्लाह ने तुम्हें हमारे लिए बनाया है। बाद में उन लड़कियों को नशे का आदी बनाया जाता था और उनका शारीरिक शोषण होता था।
  • कर्नाटक के मंगलुरु से भी 2024 में एक हिंदू युवती के गायब होने का मामला सामने आया था। जाँच हुई तो पता चला कि पुत्तूर के ड्रग तस्कर शाहरुख ने उसे अपने जाल में फँसा रखा था और वही उससे मिलने पेइंग गेस्ट हाउस में भी आता-जाता था।

ऊपर दी गई ये खबरें चंद उदाहरण हैं कि कैसे हिंदू लड़कियों को ड्रग की लत लगाकर धर्मांतरण की ओर धकेला जा रहा है। इस दरमियाँ उनके साथ ऐसे कुकर्म होते हैं, उनकी तस्वीरें-वीडियो निकाली जाती हैं कि वो बाद में चाहकर भी पीछे नहीं हट पातीं और इस दलदल में धँसती जाती हैं। कुछ को नशे का आदी बनाकर इतना ब्रेनॉश कर दिया जाता है कि वो इस्लाम के अलावा किसी और बात को सत्य ही नहीं मानती।

हिरोइन तक फँसी ड्रग और इस्लाम के चंगुल में

हैरानी की बात ये है कि ड्रग और धर्मांतरण के चंगुल में केवल सामान्य हिंदू लड़कियाँ शिकार नहीं बनती बल्कि बड़ी हस्तियाँ भी इसमें फँसती हैं। साल 2020 में एक कन्नड़ अभिनेत्री के ड्रग केस में जेल में बंद होने की खबर आई थी। बाद में खुलासा हुआ कि उसे 10 साल से इस्लाम के बारे में पढ़ाया जा रहा था। इस केस के बाद सोशल मीडिया पर खूब माँग उठी थी कि अब लव जिहाद के साथ ड्रग एंगल की जाँच भी होनी चाहिए कि कहीं लड़कियों को फँसाने के लिए नशे का आदी बनाकर तो ब्रेनवॉश नहीं किया जाता!

लव के साथ नार्कोटिक जिहाद का भी शिकार हो रहीं हिंदू लड़कियाँ- जब बिशप ने दी चेतावनी

एक बार इस मामले पर केरल के कोट्टयम में सायरो मालाबार चर्च पाला धर्मप्रांत के ‘मार जोसेफ कल्लारंगट’ नामक एक बिशप ने चेतावनी भी दी थी। उन्होंने केरल में कैथोलिक और हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण पर चिंता जताते हुए कहा था कि लड़कियाँ लव के साथ नार्कोटिक जिहाद की शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि केरल में एक खास ग्रुप है जो विभिन्न इलाकों में कैथोलिक और हिंदू युवाओं को ड्रग व अन्य नशों का आदी बना रहे हैं। ऐसे लोगों का मकसद दूसरे धर्म को भ्रष्ट करने का है। लव जिहाद और नार्कोटिक्स जिहाद दो चीजें हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

एक तरफ हिंदू परिवार अपने बच्चों के नशे करने की आदत के लिए आधुनिक होते जमाने को कोसने में व्यस्त हैं और दूसरी तरफ इस्लामी कट्टरपंथी इसी ढिलाई का फायदा उठाते हुए अपने गजवा-ए-हिंद के मकसद की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

लव जिहाद से शुरुआत, नए माध्यम हथियार

याद दिला दें आज से दशक भर पहले जब लव जिहाद शब्द पर दक्षिणपंथियों ने आवाज उठानी शुरू की थी उस समय वामपंथी नैरैटिव चलाते थे कि कट्टर हिंदुओं द्वारा दी गई शब्दावली है जो सिर्फ इस्लामोफोबिया फैलाना चाहते हैं। इसका वास्तविकता से लेना-देना नहीं है। लेकिन आज अगर आप अखबार उठाकर देख लें तो आपको समझ आएगा कि एक भी दिन ऐसा नहीं होता जब किसी हिंदू पीड़िता की आपबीती मीडिया में खबर न बने। कई बार अपने साथ हुए अत्याचार को बताने के लिए लड़कियाँ जिंदा रहती हैं और कई बार सिर्फ उनकी लाश या फिर उसके टुकड़े मिलते हैं।

  • साल 2023 में उजागर हुआ दिल्ली का श्रद्धा वॉकर हत्याकांड याद है न आपको। आफताब के जाल में फँसी श्रद्धा ने अपने माता-पिता तक को छोड़ दिया था और उसके साथ लिव-इन में रहने लगी थी। हुआ क्या… 35 टुकड़े, जिन्हें दिल्ली के अलग-अलग जंगली इलाकों में फेंका गया ताकि जानवर उन्हें नोच लें। छानबीन में ये भी सामने आया था कि आफताब ने श्रद्धा को मारकर उसे काटा था, फिर फ्रिज में रखकर उन्हें धीरे-धीरे अलग-अलग जगह फेंकता था।
  • इसके बाद मेरठ का प्रिया-कशिश हत्याकांड। साल 2020 में प्रिया और उसकी बेटी कशिश की हत्या की गई थी। हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि वो शमशाद था जो प्रिया से ‘अमित गुर्जर’ बनकर मिला था। धीरे-धीरे शमशाद की पोल खुली तो प्रिया ने सवाल किए, लड़ाइयाँ बढ़ीं और अंत क्या हुआ… प्रिया और कशिश का कत्ल। शमशाद ने प्रिया को मारने के बाद उसे उसी के घर के बेडरूम में गड्ढा खोदकर गाड़ा था और पूरे तीन महीने बाद जब ये गुत्थी सुलझी तो वहाँ सिर्फ दोनों माँ-बेटी का कंकाल था।
  • गाजियाबाद की पिंकी गुप्ता का मामला याद करें तो पता चलेगा कि लव जिहाद का शिकार एक हिंदू युवती कैसे एक लव जिहादी के शाकिब के चंगुल में फँसी। शाकिब ने उसे मिलते समय उसे अपना नाम बन्नी बताया और बाद में पता चला कि एक तो वो शाकिब है और दूसरा वो शादीशुदा है। पिंकी को उसने उस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया कि उसने परेशान होकर खुद ही फाँसी लगा ली। ये सब उसके साथ तब हुआ जब वो शाकिब के प्रेम में पड़कर इस्लाम कबूलने को भी तैयार थी।

लव जिहाद के ये चर्चित मामले न पहले हैं और न ही आखिरी। अगर साजिश नहीं होती तो एक के बाद एक मामले सामने नहीं आते। आपको जानकार हैरानी होगी कि साल 2023 में ऑपइंडिया ने लव जिहाद से जुड़ी 153 खबरों को रिपोर्ट किया था और 2022 में भी ये लिस्ट 152+ थी। साल बदले हैं, लेकिन लव जिहाद और धर्मांतरण की खबरों ने आना अब भी बंद नहीं किया है। खबरों का विश्लेषण अगर करेंगे तो पता चलेगा कि हर बार हिंदू युवतियों को फँसाने का पैटर्न एक सा होता है।

पहले के लव जिहाद और अब के लव जिहाद में आ रहा क्या अंतर

मालूम हो कि इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए पहले हिंदू लड़कियों को फँसाने के लिए सीमित माध्यम थे। इनके निशाने पर घर के बगल में रहने वाली लड़कियाँ, स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएँ, कॉलेज या कोचिंग जाने वाली लड़कियाँ होती थीं। हालाँकि अब जैसे-जैसे सोशल मीडिया का विस्तार हुआ है, लव जिहादियों ने अपना दायरा बढ़ा लिया है। इंस्टा और फेसबुक के माध्यम से ये अलग-अलग राज्यों की हिंदू लड़कियों को फँसा रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया ने तो इनके इस काम को और सरल बना दिया है। सोशल मीडिया पर पहले ये लड़कियों के डीएम तक जाते हैं, उनसे मीठी बातें करके उन्हें बहलाते हैं, उन्हें प्रेम जाल में फँसाते हैं और फिर ब्रेनवॉश करके धर्मांतरण की कगार पर ले आते हैं

इंस्टाग्राम-फेकबुक और लव जिहाद

आप आज अखबारों या समाचार चैनलों में जब लव जिहाद की खबरें पढ़ते होंगे तो उनमें अधिकांश मामलों में एक एंगल कॉमन मिलता होगा- इंस्टाग्राम-फेसबुक से दोस्ती का। ड्रग्स की लत की तरह इस्लामी कट्टरपंथी आज युवाओं को लगी सोशल मीडिया की लत का भी फायदा उठा रहे हैं। कैसे? आइए समझते हैं।

दरअसल, हिंदू लड़कियों को फँसाने के लिए इंस्टाग्राम और फेसबुक का इसलिए भी इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि वहाँ पहचान, प्रमाण पत्र के साथ उजागर नहीं होती। एक आईडी बनाई, एडिट डीपी लगाई, फर्जी नाम लिखा और बन गई नई पहचान। आप इन प्लेटफॉर्म पर जो नाम लिख देते हैं, दुनिया उसी को सच मान लेती है। और, इस्लामी कट्टरपंथी इसी का फायदा उठाते हैं।

पहले सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें डालते हैं कि हिंदू लड़कियों को गुमराह करने में आसानी हो। अपने आपको सेकुलर दिखाते हैं। हाथ में कलावा, प्रोफाइल में मंदिर की तस्वीर होती है। इसके बाद हिंदू लड़कियों को मैसेज करके उनसे करीबी बढ़ाई जाती है, उनसे मुलाकात के लिए बोला जाता है, उन्हें प्रेम जाल में फँसाया जाता है, होटल या कमरे में बुलाकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं, उनकी फोटो-वीडियो ली जाती है और फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का असली काम।

इतना सब होने के बाद लड़की के पास सिर्फ दो रास्ते बचते हैं या तो बदनाम हो जाए या फिर धर्मांतरण कर ले।

सोशल मीडिया की यारी दोस्ती कितनी भयावह

  • साल 2023 में दिल्ली के शाहबाद डेयरी से एक बच्ची की निर्मम हत्या का मामला प्रकाश में आया था। आरोपित उसी का दोस्त मोहम्मद साहिल था, जिसने बीच गली में पत्थर से कूचकर लड़की को मार डाला था। बाद में साहिल गिरफ्तार हुआ। जब छानबीन बढ़ी तो पता चला दोनों की बातचीत इंस्टाग्राम पर हुई थी और साहिल उसके बाद से लड़की के पीछे था।
  • साल 2025 का मामला देखिए। मेरठ के गौतमबुद्धनगर में मुबस्सिर ने सचिन बनकर हिंदू युवती से इंस्टाग्राम पर दोस्ती की थी। उसके बाद उससे जाकर शादी भी रचाई। जब लड़की प्रेगनेंट हो गई तो वो उसपर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगा। बाद में सामने आया कि कट्टरपंथी मुबस्सिर ने ऐसा पहली लड़की के साथ नहीं किया था वो कई लड़कियों को इस तरह फँसाकर धर्मांतरण करवा चुका था। 
  • यूपी के मैनपुरी से भी ऐसा केस सामने आया था। एक दिन एक 17 साल की लड़की अपने घर से अचानक गायब हो गई। घरवालों ने परेशान होकर पुलिस में शिकायत दी। छानबीन हुई तो पता चला कि वो इंस्टाग्राम पर एक मुस्लिम लड़के से बात करती थी। लड़के का नाम अब्दुल्ला था। उसी ने उसे अगवा किया है। पुलिस जहा इसके बाद अब्दुल्ला और लड़की की तलाश में जुटी। वहीं परिवार केवल ये सोचता रहा कि उनकी बेटी के साथ ये सब हुआ क्या।
  • इनके अलावा ऊपर जो प्रिया-शमशाद के मामले का जिक्र किया था उसमें भी प्रिया को फेसबुक के जरिए ‘अमित गुर्जर’ नाम की आईडी से फँसाया गया था। ये दिखाकर कि गुर्जरों के साथ रहने वाला शमशाद गुर्जर ही है। हालाँकि सच्चाई खुली तो पैरों तले जमीन खिसक गई, लेकिन प्रिया करती भी क्या उस समय तक वो शमशाद से शादी कर चुकी थी और उसके पास लौटकर परिवार के पास जाने का विकल्प भी नहीं था।

आप इंस्टाग्राम और फेसबुक के जरिए ठगी गई हिंदू लड़कियों की स्थिति के बारे में पढ़ेंगे तो आपको उनपर दया और गुस्सा दोनों आएगा। समझ नहीं पाएँगे कि आखिर कैसे जिहादियों के ट्रैप में आपकी बच्चियाँ फँस रही हैं, लेकिन जिस समय आपके मन में ये बातें चल रही होंगी उसी वक्त कोई ‘अब्दुल्लाह’ अमित बनकर आपके आसपास रहने वाली किसी और हिंदू लड़की को निशाना बना रहा होगा।

हमारे लिए ये समझना भले ही मुश्किल हो कि आखिर इतने मामले खबरों में आने के बाद कैसे जिहादियों के चंगुल में लड़कियाँ फँस जाती है, लेकिन आप अगर गौर से देखेंगे तो समझ पाएँगे कि इस काम के लिए पूरा माहौल बनाया जाता है। ऐसा माहौल जिसके भीतर की साजिश को समझना एक 15-16 साल की लड़की के लिए मुश्किल होता है। उन्हें सिर्फ वो सुहानी तस्वीरें ही दिखती हैं जो उस लड़के ने अपने प्रोफाइल पर डाली हों, वो मीठी बातें ही अच्छी लगती हैं जो उसने डीएम में की हो। धीरे-धीरे उसे पता नहीं चलता कि हिंदू घर में पली-बढ़ी लड़की को बुर्का-हिजाब क्यों अच्छा लगने लगता है और मंदिर-भगवान से जुड़ी बातें उसे क्यों खटकती जाती हैं। कुछ दिन बाद उसके पोस्ट में एक सेकुलर झुकाव दिखाई देता है और एक समय आता है जब वो स्पष्ट तौर पर सिर्फ इस्लाम की बातों को प्रचारित-प्रसारित करना ही अपना उद्देश्य मान लेती है।

ऑनलाइन गेमिंग के बीच इस्लाम कबूलों की धुन

इस्लामी कट्टरपंथी इस बात को अच्छे से जानते हैं कि आज मॉर्डन होने की रेस में हिंदू परिवार बच्चों को धर्म से जोड़ने में उनके परिवारों से पीछे हैं। वो इसी लूपहोल का फायदा उठाकर अपने मजहब की बातें लड़कियों को पढ़ाते-समझाते हैं और अपने मकसद की ओर आगे बढ़ते हैं। हिंदुओं के लिए चिंताजनक बात ये है कि उनकी बेटियों को फँसाने के लिए ये कट्टरपंथी हर माध्यम पर अपनी पैठ बनाकर बैठे हैं। आप सोचते हैं कि बच्चे सोशल मीडिया नहीं चला रहे, फोन में सिर्फ गेम खेल रहे हैं और इससे वो जिहादी मानसिकता से बच्चे बच जाएँगे… तो आपकी ये गलतफहमी है।

आपको ये बता दें कि अब ‘ऑनलाइन गेमिंग’ भी जिहादियों के लिए धर्मांतरण के लिए एक मीडियम बन गया है। आज के युवाओं में एक ओर जहाँ ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज बढ़ रहा है और इसका असर उनके करियर, शिक्षा पर पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इस्लामी कट्टरपंथियों के लिए लव जिहाद और धर्मांतरण करने का एक हाईटेक माध्यम है। सोशल मीडिया की तरह यहाँ भी कट्टरपंथी नाम बदलकर हिंदू लड़कियों के साथ संपर्क में आते हैं। खेल खेलते-खेलते उनसे दोस्ती करते हैं और फिर शुरू होता है बातों-बातों में ब्रेनवॉश करने का सिलसिला। अचंभित करने वाली बात ये है इस हद तक हिंदू युवाओं को फाँसा जाता है कि बिन सामने वाले को जाने-पहचाने ही पीड़ित धर्म बदलने की बात को मान जाता है।

ऑनलाइन गेमिंग के जरिए किए जा रहे खेल को भी उदाहरण के साथ समझते हैं।

पिछले दिनों धर्मांतरण गिरोहों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू हुआ था। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया जो हाईटेकनॉलजी का इस्तेमाल करके युवाओं का ब्रेनवॉश करता था, फिर उन्हें धर्मांतरित कराता था। छानबीन में पता चला कि इस गैंग का कनेक्शन सिर्फ पाकिस्तान से नहीं बल्कि दुबई से भी है। विदेश में बैठे इस्लामी कट्टरपंथी हिंदू लड़कियों को रिझाने के लिए काम पर लगाए गए हैं जो उन्हें बहला-फुसलाकर मुस्लिम बनने को कहते हैं, उन्हें इस्लाम कबूल करने के फायदे गिनाते हैं। 
मामला तब खुला था जब दो लड़कियों ने आकर इस संबंध में शिकायत दी और इसमें जो उन्होंने बताया उससे पता चला कि इस्लामी गैंग पहले ऑनलाइन गेम्स के जरिए लड़कियों को फँसाते थे और उसके बाद उन्हें पाकिस्तान से सीधा कुरान की तालीम दिलवाई जाती थी। बाद में दिल्ली बुलाकर उनका आधार कार्ड बदला जाता था और फिर उनका निकाह कर उन्हें मुस्लिम समाज से जोड़ा जाता था।
पुलिस ने बताया कि जिस लड़की ने इस संबंध में शिकायत दी उसका धर्मांतरण करवाकर नाम सुमैया किया जा चुका था। उसका कनेक्शन पाकिस्तान और मिस्र के लड़कों से था। वो लड़के ही इसे धर्मांतरण के लिए बार-बार बोलते थे और तरह-तरह के लालच देते थे। इन लड़कों ने समुैया के अकॉउंट में भी बहुत सारे पैसे डलवाए थे। उसे लगातार अरबी का ज्ञान दिया जा रहा था। पुलिस का कहना था कि एक लड़की के ब्रेनवॉश और उसके धर्मांतरण के लिए पूरी एक टीम काम में लगी हुई थी।
देहरादून पुलिस ने यहाँ एक महत्वपूर्ण खुलासा और किया कि ये गैंग लड़कियों को फँसाने के लिए रिवर्ट मुस्लिमों का इस्तेमाल करती थी। इसका अर्थ होता है कि जो लोग हिंदू से मुस्लिम बनाए गए हों और वो ब्रेनवॉश में सहायता करें। सुमैया के मामले में अब्दुल रहमान को आधार बनाया गया था। अब्दुल रहमान उसे बताता था कि कैसे मुसलमान बनने के बाद उसके जीवन में परिवर्तन आए।
लड़की इस जाल में फँसी और जब होश आया तो शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुँची। लड़की ने देश के हिंदुओं से अनुरोध किया कि अपने बच्चों को धर्म से जुड़ी जानकारी दीजिए, उनसे जुड़े रहिए, उनकी अच्छी-बुरी आदतों पर नजर रखिए, माता-पिता अपने बच्चों से जितना क्लोज कनेक्शन रखें उतना बच्चों के लिए अच्छा है।

अगला मामला जबलपुर से है

मॉर्डन हिंदू परिवार बन रहे इस्लामी कट्टरपंथियों का शिकार

हिंदू आज ऐसी स्थिति में आ चुके हैं कि उनके सामने मॉर्डन होने और सेकुलर दिखने का एक सामाजिक दबाव ज्यादा है। शायद यही वजह है कि अपने बच्चों की एक्टिविटीज पर उनका ध्यान अब उतना नहीं रहा। नतीजा क्या है हम सब जानते हैं। ड्रग का लती बनाना हो, इंस्टाग्राम पर लड़कियों को फँसाना हो या ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ब्रेनवॉश करना… इस्लामी कट्टरपंथी सब अच्छे से कर पा रहे हैं।

हालाँकि, ये उनकी गलतफहमी है कि उनके ये हथकंडे और ये नए पैटर्न कोई डिकोड नहीं कर पा रहा। हिंदू धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और हिंदू संगठन सक्रिय। जगह-जगह जिहादियों के कुकर्मों की पोल इन्हीं कारणों से खुल रही है। आपको होटलों के कमरों और पार्क की झाड़ियों तक में किसी ऐसे मामले के बारे में यदि पता चलता है तो शुरू में शायद आपको ये किसी की निजता पर हमला करने का प्रयास तक लगे, लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि हिंदू लड़कियों को सोशल मीडिया पर फँसाकर मिलने के नाम पर जिहादी ऐसी ही जगहों पर लाते हैं। जहाँ कभी ड्रग्स देकर लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है या कभी बहला-फुसलाकर उनके साथ संबध बनाकर उनकी वीडियो-फोटो बना ली जाती है।

कैफे-क्लब- लव जिहाद के मॉर्डन अड्डे

प्रेम का झाँसा देकर लड़कियों के धर्म से लेकर उनकी अस्मत को सब छीन लिया जाता है और ऐसा तब से और धड़ल्ले से होता दिख रहा है जब से इस्लामी कट्टरपंथियों को ये सब करने के लिए जगह उपलब्ध होने लगीं। इन जगहों में होटल-कैफे-क्लब जैसे स्थान आते हैं। यहाँ हिंदू लड़कियों को दोस्त बनाकर लाया जाता है, उन्हें नशा देकर फिर उनका यौन शोषण होता है।

मुरादाबाद से लेकर देहरादून तक में ऐसे कई कैफेज का खुलासा हो चुका है, जो धंधे की आड़ में लव जिहाद करवा रहे थे। हिंदू संगठनों को इनकी जानकारी हुई तो इनसे जुड़ी खबरें मीडिया में आईं और सामने आया कि कैसे मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों को यहाँ लाते हैं और फिर उन्हें अलग से बैठकर गलत काम करने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान कुछ ऐसे भी कैफेज के बारे में भी पता चला जहाँ छोटे-छोटे केबिन बनाकर पर्दा लगा दिया जाता है। फिर उस स्पेस को 400-500 रुपए में आसानी से ऐसे लोगों को उपलब्ध करवाया जाता है

  • पिछले दिनों ऐसी घटना के लिए देहरादून के विकास मॉल में चल रहा ‘7th हेवन कैफे खूब बदनाम हुआ था। बताया गया था कि वहाँ हिंदू युवती के साथ लव जिहाद की कोशिश की जा रही थी। लड़की इतनी लाचार हो गई थी कि उसे बजरंग दल से इस मामले में मदद माँगनी पड़ी और बाद में ये मामला सामने आ पाया।
  • इसी तरह राजस्थान के भीलवाड़ा में मुस्लिम युवकों ने हिंदू लड़कियों को ब्लैकमेल और यौन शोषण के मामले में फँसाया था। घटना मार्च की है। पीड़िता का कहना था कि मार्च 2024 में वो अपनी सहेली के साथ कैफे गई थी। वहीं उसे कॉफी के नाम नशीला पदार्थ पिलाकर रेप किया गया, फिर आरोपितों ने यहाँ उसके अश्लील फोटो खींचे, वीडियो बनाए और बाद में उसे ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद अन्य साथियों ने भी युवती का शोषण किया था। इस केस में कुल 8 गिरफ्तारियाँ हुई थीं- इनमें अशरफ अली, सनवीर मोहम्मद, शाहरुख खान, सोयबनूर, फैजान, सोहेब, खालिद और आमिर का नाम था।
  • इसी प्रकार ‘कैफे जिहाद’ से जुड़ा मामला ब्यावर से भी सामने आया था। फरवरी 2025 में सामने आई इस घटना ने अजमेर कांड की याद दिला दी थी। इस मामले में मुस्लिम गैंग कैफे में ले जाकर हिंदू लड़कियों के साथ गलत काम करती थी। उनका यौन उत्पीड़न किया जाता था। फिर उन्हें लालच देकर, बरगलाकर, धर्मांतरित करने का प्रयास किया जाता था।
  • फिर, भोपाल का कैफे‑क्लब ‘क्लब‑90’ भी लव जिहादों के कारण सुर्खियों में। आरोप लगा था कि यहीं हिंदू छात्राओं से बलात्कार कर उनका वीडियो बनाया गया और फिर उन्हें परेशान किया गया। जब प्रशासन के पास ये मामला खुला तो प्रशासन ने एक्शन में आया। छानबीन हुई तो पता चला कैफे सरकारी जमीन पर गैर कानूनी तरीके चल रहा था। प्रशासन ने फौरन उसकी लीज रद्द करके वहाँ बुलडोजर चलाया।

अजीबोगरीब बात ये है कि कैफे-होटल और क्लबों में होती ऐसी गतिविधियों के बारे में तमाम खबरें आने के बावजूद इनपर एक्शन तब लिया जाता है जब कोई हिंदू संगठन आवाज उठाए। उससे पहले जिस समय ये कैफे खुलते हैं, इनका विज्ञापन शुरू होता है और इसमें दी जाने वाली सुविधाओं के विजुअल्स दिखाए जाते हैं, तब कोई आवाज नहीं उठाता। बड़े-बड़े इन्फ्लुएंसर यहाँ लोगों को आने के लिए रील बनाते हैं। ऐसे कमरों को खुलेआम दिखाया जाता है जहाँ सेक्स टॉय आदि रखे हों। प्राइवेट स्पेस के लिए कैबिन बने हों।

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग का पैटर्न और भारत में इस्लामी कट्टरपंथियों में क्या समानता है

गौरतलब है कि भारत में हिंदू लड़कियों को जिस तरह से फँसाने के लिए अलग-अलग पैटर्न अपनाए जा रहे हैं और इ्न्हें देखकर सतर्क रहने की जो चेतावनी दी जा रही है वो बेकार की नहीं है। एक तरफ इस्लामी कट्टरपंथी है जिनका 2047 तक उद्देश्य है कि भारत को इस्लामी मुल्क बनाएँ और दूसरी तरफ हिंदू हैं जिन्हें आधुनिक होने में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ना है। वही अंग्रेज जो खुद इस कट्टर मानसिकता से अपनी बच्चियों को नहीं बचा पाए।

जी हाँ! 1980 से लेकर 2011 के बीच ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग एक्टिव था। इस गैंग में अधिकांश सदस्य पाकिस्तानी मूल के थे जिनके लिए श्वेत लड़कियाँ सिर्फ यूज एंड थ्रो वाला सामान थीं। वो छोटी-छोटी मासूम लड़कियों को अपने जाल में फँसाते थे और फिर उनका ड्रग देकर उनसे रेप करते थे और दूसरों से भी रेप करवाते थे। इस गैंग का प्रभाव वहाँ इतना था कि अगर कोई पीड़ित शिकायत करने जाता था तो पुलिस उलटा उसे दोषी बताने में जुट जाती थी। न पीड़त परिजनों की सुनी जाती थी और न उस लड़की की जिसके साथ ग्रूमिंग गैंग ने अत्याचार पर अत्याचार किए हों। उन्हें सेक्स स्लेव बनकर जीने को मजबूर किया हो।

मीडिया में ही मौजूद पीड़िताओं के बयान को पढ़ेंगे तो आपकी रूह काँप जाएगी। पता चलेगा कि कैसे कट्टर मानसिकता वाले इन लोगों में ‘काफिर’ श्वेत युवतियों के लिए नफरत भरी थी। इन लड़कियों का ग्रूमिंग गैंग खुद तो रेप करती ही थी। साथ में दूसरों के आगे भी परोसती थी कि वो एक-एक कर बच्चियों को नोचें।

एमिली (बदला नाम) एक पीड़िता ने इस संबंध में मीडिया को बताया भी था। उसने खुलासा किया था कि कैसे एक उसे गैंग ने अपने चंगुल में तब फँसाया जब वो मात्र 14 साल की थी। एमिली ने खुलासा करते हुए बताया था कि ग्रूमिंग गैंग ने उसके साथ 1000 से अधिक बार रेप करवाया था। लड़के आते थे उसे गाली देते थे और दरिंदगी हद्द रोज पार होती थी। एमिली के मामले में और भारत में सामने आ रहे केसों में ज्यादा अंतर नहीं है। जितना आधुनिक हम दिखना चाह रहे हैं वहाँ लड़कियाँ एमिली वाली ही गलतियाँ कर रही हैं।

एमिली के केस में ग्रूमिंग गैंग ने उसे कबाब, शराब, फ्री सिगरेट और पार्टी के नाम पर अपने चंगुल में फँसाया था और भारत में लड़कियों को लक्जरी से भरी जिंदगी दिखाकर अपने वश में करने का काम हो रहा। एमिली को शराब-सिगरेट का लालच दिया गया था भारत में लड़कियों को MD जैसे ड्रग्स का लती बनाया जा रहा है। ब्रिटेन में रहकर वहाँ की मूल श्वेत लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा था और हिंदुस्तान में रहकर हिंदू लड़कियाँ निशाने पर हैं। आपके भीतर का सेकुलरिज्म चाहे स्वीकार करे या न करे लेकर जगह-जगह से आने वाली घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि इस्लामी कट्टरपंथियों का मकसद हर जगह एक ही है। चाहे वो भारत हो या ब्रिटेन। उन्हें नफरत हर उस शख्स से है जो उनके मजहब के अंतर्गत नहीं आता।

Source link



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search

Categories

Recent Posts

Tags

Gallery