नेपाल में GenZ प्रदर्शन ने देश की सरकार को गिरा दिया है। अब देश में अंतरिम सरकार की चर्चा तेज हो गई है। इस बीच नेपाल की पहली महिला पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम सामने आ रहा है। बुधवार (10 सितंबर 2025) को हुई वर्चुअल वोटिंग में GenZ ने सुशीला कार्की को समर्थन दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में तख्तापलट के बाद कमान संभाल रही सेना को सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की सहमति फोन कॉल पर दे दी है। इसके बाद अब GenZ सेना से मीटिंग कर अंतरिम सरकार के प्रमुख पर फैसला करेंगे। अगर मीटिंग में सब सही रहता है तो सुशीला कार्की नेपाल की अगली अंतरिम प्रधानमंत्री हो सकती हैं।
सुशीला कार्की को महाभियोग लाकर चीफ जस्टिस पद से हटाया
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस के रूप में जानी जाती हैं। लेकिन चीफ जस्टिस के रूप में कार्यकाल काफी छोटा रहा। कार्की 11 जुलाई 2016 से 06 जून 2017 तक नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं।
सुशीला कार्की को उनके पक्षपातपूर्ण फैसले देने के आरोप में चीफ जस्टिस पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। यह प्रस्ताव उनकी अदालत द्वारा सरकार के फैसले को पलटने के फैसले के बाद लाया गया था।
जाँच में कार्की के खिलाफ आरोप साबित भी हुए और 2017 में रिटायरमेंट से पहले ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। हालाँकि, अपने चीफ जस्टिस के कार्यकाल के दौरान सुशीला कार्की ने नेपाल में ट्रांजिशनल जस्टिस और चुनावी विवादों से जुड़े अहम फैसले सुनाए।
सुशीला कार्की के चीफ जस्टिस के रूप में ऐतिहासिक फैसले सुनाने के चलते ही उन्हें नेपाल में भ्रष्टाचार के विरुद्ध योद्धा के रूप में देखा जाता है। इसीलिए शायद भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे GenZ ने अपने नेता के रूप में उन्हें चुना है।
सुशीला कार्की का भारत कनेक्शन
सुशीला कार्की का का भारत कनेक्शन भी सामने आया है। 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में जन्मी सुशीला ने भारत से स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से सुशीला कार्की ने राजनीति शास्त्र में परा-स्नातक डिग्री हासिल की है।
एक इंटरव्यू में सुशीला कार्की ने कहा कि वो भारतीय नेताओं से प्रभावित हैं, भारतीय उन्हें बहन मानते हैं। कार्की ने कहा, “मैं मोदी जी को नमस्कार करती हूँ। मेरे लिए मोदी जी काफी प्रभावशाली नेता हैं।” BHU में पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए कहा, “मैंने BHU में पढ़ाई की है… भारत में मेरे कई दोस्त हैं। मुझे आज भी BHU के अपने शिक्षक याद हैं। भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं और ये रिश्ते कई सालों से हैं। भारत ने नेपाल की बहुत मदद की है। भारतीय हमेशा नेपाल का भला चाहते हैं।”
BHU की पूर्व छात्र के तौर पर सुशीला कार्की की पहचान निश्चित ही भारत और नेपाल के संबंधों में काफी गति देगी।