BBC गाजा डाक्यूमेंट्री

BBC की गाजा पर बनाई हुई डॉक्यूमेंट्री ‘गाजा हाउ टू सर्वाइव अ वारजोन’ पूरी तरह से प्रोपेगेंडा थी। यह बात BBC ने खुद मान ली है। BBC ने बताया है कि उसने इस डॉक्यूमेंट्री में हमास आतंकी के बेटे को इसमें दिखाया था। इसे BBC ने पीड़ित दिखाने का प्रयास किया था। यह डॉक्यूमेंट्री फरवरी, 2025 में प्रसारित हुई थी।

BBC ने सोमवार (14 जुलाई 2025) को अपनी गलती स्वीकार की है। BBC ने कहा है कि उसने डॉक्यूमेंट्री में संपादकीय नियमों का उल्लंघन किया है। BBC ने बताया है कि बाद में पता चला है कि डॉक्यूमेंट्री में जिस बच्चे ने नैरेशन किया है, वह हमास से जुड़े एक सीनियर आतंकी का बेटा है। यह जानकारी पहले दर्शकों से छुपाई गई।

यह डॉक्यूमेंट्री ‘होयो फिल्म्स’ नाम की एक कंपनी ने बनाई थी। फरवरी 2025 में डॉक्यूमेंट्री प्रसारित होने के बाद बच्चे को लेकर प्रश्न उठे थे। बच्चे को लेकर उठे सवालों के बाद इसे BBC के iPlayer से हटा लिया गया था। अब यह भी सामने आया है कि डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले 3 लोग हमास वाली बात जानते थे।

दावा है कि उन लोगों ने BBC से यह बात छुपाई कि जिस लड़के को वह पीड़ित दिखा रहे हैं वह असल में हमास आतंकी का बेटा है। BBC ने बताया है कि डायरेक्टर जनरल टिम डेवी द्वारा कराई गई समीक्षा में BBC की भारी लापरवाही की बात सामने आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री के निर्माण और मंजूरी के समय सही जाँच नहीं की गई।

BBC न्यूज की CEO डेबोरा टर्नेस ने कहा है कि बीबीसी अपनी गलती को स्वीकार करता है और अब इसे सुधारने का प्रयास करेगा। यहूदियों के खिलाफ घृणा से लड़ने वाले एक संगठन ने इस डॉक्यूमेंट्री को जनता के पैसों का दुरुपयोग कहा है और BBC पर सच छुपाने का आरोप लगाया है। अब इस मामले में मीडिया रेगुलेटर ऑफकॉम ने भी जाँच शुरू कर दी है।

HOYO फिल्मस पर उठे सवाल

BBC ने माना है कि डॉक्यूमेंट्री रिलीज करने से पहले तथ्यों की ठीक से जाँच नहीं की गई। वहीं पूर्व ITN CEO और ऑफकॉम के पूर्व कंटेंट रेगुलेटर स्टीवर्ट पर्बिस ने इस मामले में प्रोडक्शन कंपनी होयो फिल्म्स की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।

BBC Radio 4 के कार्यक्रम ‘वर्ल्ड ऐट वन’  में बात करते हुए पर्बिस ने बताया कि BBC ने कम से कम दो बार इस मामले में सीधे होयो फिल्म्स से सवाल किए थे। जिनके फिर भी होयो फिल्म्स ने बच्चे के पिता को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।

पर्बिस ने यह भी कहा कि जब BBC ने पूछा कि क्या किसी तरह का कोई दस्तावेज है जो हमास से संबंध दिखाता हो, तो होयो फिल्म्स ने भरोसा दिलाया कि सोशल मीडिया चेक में कुछ नहीं मिला। जवाब के अधूरे और अस्पष्ट होने के बावजूद BBC ने आगे जाँच नहीं की।

BBC की यही गलती आगे चलकर एक बड़ी संपादकीय चूक साबित हुई। पर्बिस ने साफ कहा है कि यह मामला सिर्फ BBC की गलती नहीं है, बल्कि प्रोडक्शन कंपनी की तरफ से जरूरी जानकारी छिपाने का गंभीर मामला है।

डॉक्यूमेंट्री में क्या दिखाया और क्या छिपाया

‘गाजा हाउ टू सर्वाइव अ वारजोन’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन जैमी रॉबर्ट्स और यूसुफ हम्माश ने किया था। यह फिल्म चार लड़कों की कहानी दिखाती है, जो इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच गाजा में रह रहे हैं। फिल्म को होयो फिल्म्स ने बनाया था।

इस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग गाजा में अंतरराष्ट्रीय मीडिया के प्रवेश पर लगे प्रतिबंधों के कारण लंदन से दूर बैठकर निर्देशित की गई। डॉक्यूमेंट्री की खास बात यह थी कि इसे एक 13 साल के बच्चे की आवाज में सुनाया गया था ताकि

लेकिन बाद में पता चला कि यह बच्चा एक हमास नेता का बेटा है। यह जानकारी डॉक्यूमेंट्री में नहीं बताई गई थी, जो BBC के संपादकीय नियमों का उल्लंघन है। इस खुलासे के बाद फिल्म की साख पर सवाल उठने लगे और BBC ने इसे फरवरी 2025 में हटा दिया था।

गाजा पर दूसरी डॉक्यूमेंट्री भी हटाई

BBC की CEO डेबोरा टर्नेस ने भी इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर बात की। उन्होंने इस दौरान दूसरी डॉक्यूमेंट्री ‘गाजा: डॉक्टर्स अंडर अटैक’ लेकर उठे विवाद पर बात की। उन्होंने बताया कि इस डॉक्यूमेंट्री पर भी प्रश्न उठे थे। इस लिए इसे प्रसारित करने से रोक दिया गया था।

उन्होंने बताया कि BBC के अंदर ही कुछ लोगों ने इस पर सवाल उठाए थे, क्योंकि इस डॉक्युमेंट्री से जुड़ी एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक बातें कही थीं। बाद में यह फिल्म Channel 4 ने प्रसारित की।

डेबोरा टर्नेस ने कहा कि इस डॉक्युमेंट्री की मुख्य पत्रकार रमिता नवई ने BBC Radio 4 के ‘Today’ कार्यक्रम में जो भाषा इस्तेमाल की, वह BBC की निष्पक्षता के मानकों के खिलाफ थी। उन्होंने कहा, “इसकी वजह से हमारे लिए इस प्रोजेक्ट को जारी रखना नामुमकिन हो गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा “BBC का कोई भी पत्रकार ऐसा बयान ऑन एयर नहीं दे सकता।”

गौरतलब है कि 4 जुलाई को रमिता नवई ने BBC रेडियो पर दावा किया था, “इजरायल एक ‘रफ स्टेट’ है, जो वार क्राइम्स, एथनिक क्लिंजिंग और मास मर्डर (फिलिस्तीनियों की सामूहिक हत्या) कर रहा है।”

टर्नेस ने माना- BBC हुआ फेल

BBC की CEO डेबोरा टर्नेस ने BBC Radio 4 से बातचीत में जवाबदेही पर जोर दिया। उन्होंने माना कि BBC कुछ जरूरी सवालों की सही तरह से जाँच नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि BBC ने मामले को गंभीरता से लिया और पूरी जाँच की।

उन्होंने दावा किया कि BBC में किसी को भी नरेटर के हमास से जुड़े उसके पिता के बारे में पता नहीं था। टर्नेस ने स्वीकार किया कि BBC को पता होना चाहिए था।

होयो फिल्म्स ने माँगी माफ़ी

डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली कंपनी होयो फिल्म्स ने अब एक बयान जारी कर माफ़ी माँगी है और BBC की बातों को सही माना है। उसने कहा है कि वह BBC की रिपोर्ट को गंभीरता से लेती है। हालाँकि, कंपनी ने BBC को गुमराह करने के किसी भी इरादे से इनकार किया है और कहा है कि वह सुधार करेगी। कंपनी ने आगे कहा कि वह iplayer के लिए डॉक्यूमेंट्री का एक संशोधित संस्करण जारी करने के लिए BBC के साथ काम कर रही है।

BBC महानिदेशक कार्रवाई का किया वादा

BBC के महानिदेशक ने इस गलती को स्वीकार करते हुए इसे एक बड़ी चूक बताया है। उन्होंने इस लापरवाही के लिए माफी माँगी है और कहा है कि BBC इस मामले में दो स्तरों पर कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और ऐसी गलती दोबारा न हो इसके लिए भी जरूरी कदम उठाए जाएँगे। BBC बोर्ड ने भी एक बयान में कहा,”हमारी पत्रकारिता में भरोसा और पारदर्शिता से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।”

इस साल मार्च में BBC के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने ‘कल्चर, मीडिया एंड स्पोर्ट सेलेक्ट कमेटी’ को बताया था कि उन्होंने डॉक्युमेंट्री को iPlayer से हटाने जैसा कठिन फैसला लिया था। डेवी ने बताया कि डॉक्युमेंट्री में नरेशन करने वाले लड़के के परिवार को लेकर बार-बार प्रोडक्शन कंपनी से सवाल पूछे गए लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।

उन्होंने बताया था कि इस डॉक्युमेंट्री को लेकर BBC को दो तरफ़ से शिकायतें मिलीं। इसमें इजरायल विरोधी लगभग 500 शिकायतें और इसे हटाने को लेकर 1,800 शिकायतें आईं थी।



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