17 साल के लड़के वंश ने अमेरिका की स्पेस कंपनी NASA की वेबसाइट में कमी ढूँढ निकाली है। वंश की इस प्रतिभा की प्रशंसा खुद NASA ने भी की है। यहाँ तक की NASA ने अपने ‘हॉल ऑफ फेम’ में भी वंश का नाम दर्ज कर लिया है। वंश को बचपन से ही तकनीकी समझ में रुचि रही है। 14 साल की उम्र में वंश ने अपने पिता को कोरोना महामारी में खो दिया। वंश की माँ पूजा को अडानी समूह ने अपनी कंपनी में नौकरी दी। बिना पिता के वंश की जीवन अधूरा तो रहा, लेकिन उसने अपने हौसलों को नहीं खोया।
आइए वंश की पूरी कहानी शुरुआत से जानते हैं:
साल 2021 में जब पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में थी, उस वक्त दिल्ली की रहने वाली पूजा सक्सेना की जिंदगी भी एक झटके में बिखर गई। उनके पति विवेक कुमार, जो अडानी सीमेंट में 23 सालों तक हेड ऑफ एनवायरनमेंट एंड हॉर्टिकल्चर के पद पर कार्यरत थे, वे महामारी की लहर में चल बसे।
पति को खोने के बाद पूजा अब अकेली रह गईं। पूजा पूरी तरह टूट चुकी थीं। उन्हें भविष्य के लिए कोई राह नजर नहीं आ रही थी। तब भी वह किशोर बेटे की परवरिश की चिंता में लगी रहती थीं। बिना पिता एक बेटे की जिम्मेदारी उठा पाना उनके लिए काफी मुश्किल होता जा रहा था।
पूजा के इस कठिन समय में अडानी समूह ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। पूजा ने पर्यावरण विज्ञान में स्नातकोत्तर किया है। लेकिन परिवार की जिम्मेदारी के चलते वह व्यस्त थीं। तभी अडानी समूह ने उनके पति की कंपनी को दी गई सेवाओं का सम्मान किया और पूजा को उनकी शैक्षणिक क्षमता के अनुसार नौकरी ऑफर की।
पूजा को कंपनी में नई भूमिका दी गई। यह भूमिका पूजा के लिए नई जरूर थी, लेकिन इस मंच से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का हौसला दिया।
बेटे वंश को कंप्यूटर से हुआ गहरा लगाव
जिस समय पूजा जिंदगी की कठिनाइयों से जूझ रही थीं। तभी उनका 14 साल का बेटा वंश भी गुमसुम सा रहने लगा। वंश को बचपन से ही कंप्यूटर से गहरा लगाव था। वह घंटों कमरे में बंद रहकर कंप्यूटर को अपनी दुनिया समझ चुका था। वंश को कंप्यूटर की भाषा की अच्छी समझ हो चुकी थी। तभी उसकी रुचि एथिकल हैकिंग की ओर बढ़ने लगी।
एथिकल हैकिंग कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाए बिना सिस्टम और नेटवर्क में कमजोरियों को पता लगात है, ताकि सिस्टम को शातिर हैकरों के दुरुपयोग होने से पहले ठीक किया जा सके। वंश कहते हैं, “मैं मानता हूँ कि तकनीक का इस्तेमाल जिम्मेदारी से होना चाहिए। इसे सुरक्षा देने का माध्यम बनाना चाहिए, ना कि डर का।”
NASA के ‘हॉल ऑफ फेम’ में वंश का नाम
वंश जैसे प्रतिभाशाली छात्र को केवल 17 साल की उम्र में अमेरिका की स्पेस कंपनी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की वेबसाइट में तकनीकी खामी खोज निकाली। इस उपलब्धि पर NASA ने वंश की प्रशंका की। यहाँ तक की NASA ने वंश के सम्मान में उसका नाम अपने ‘हॉल ऑफ फेम’ में दर्ज कर लिया है।
इस बारे में बात करते हुए वंश कहते हैं, मैं कई दिनों से टेस्ट कर रहा था। एक दिन अचानक स्क्रीन पर वह बग नजर आया। कुछ देर तक मैं बस देखता रहा। यकीन नहीं हो रहा था कि मैं ये कर पाया।” वंश की माँ पूजा के लिए यह पल गौरवपूर्ण था।
पूजा ने बेटे की प्रतिभा को सराहा और तमाम संघर्षों को याद करते हुए भावुक हो गईं। वे कहतीं हैं, “ये सिर्फ नासा का सम्मान नहीं था। ये उस मेहनत और ईमानदारी की जीत थी, जो वंश ने बिना शोर किए दिखाई थी। मेरे लिए वह पल जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी।”
तो कुछ इस तरह अडानी समूह ने एक परिवार की मदद कर उनकी जिंदगी सँवार दी। आज पूजा और उनका बेटा वंश भविष्य की हर कसौटी पर उतरने के लिए तैयार हैं। अडानी समूह ने पूजा को आत्मनिर्भर और बेटे वंश को भविष्य का उजाला दिखा दिया है।