बिहार के सीतामढ़ी में पुनौरा धाम पर भव्य जानकी मंदिर के शिलान्यास का कार्य शुक्रवार (8 अगस्त 2025) को संपन्न हुआ। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत असंख्य साधु-संतों की उपस्थिति रही। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि सभी को इसके लिए गृहमंत्री को बधाई देना चाहिए।

अमित शाह ने भूमिपूजन करने के बाद कहा, “भारत की संस्कृति में माँ सीता का स्थान अनन्य है। माँ सीता ने एक ही जन्म में आदर्श माँ, पत्नी और बेटी का स्वरूप दिखाया है। आज बिहार ही नहीं पूरे देश के लिए खुशी का दिन है।”

गृहमंत्री ने कहा, “पहले जब लालू जी रेल मंत्री थे, तब बिहार के रेल के विकास के लिए हर साल 1132 करोड़ रुपए खर्च करते थे, और मोदी जी ने सिर्फ 2025-26 में 10066 करोड़ रुपए का खर्च रेल के लिए किया। मैं मिथिलांचल के लोगों से कह रहा हूँ कि यह सिर्फ मंदिर नहीं है, बल्कि मिथिलांचल और बिहार के भाग्योदय की शुरुआत है।”

उन्होंने आगे कहा,”नीतीश जी ने सैकड़ों करोड़ रुपये से इसका विकास करने का जो कार्य शुरू किया है, यह न केवल मिथिलांचल और बिहार, बल्कि पूरे देश के भक्तों के लिए आनंद की बात है। यहां वर्षों पहले रामायण काल में अकाल के निवारण के लिए राजा जनक ने भूमि में सोने का हल चलाया था, और वहीं से माँ जानकी प्रकट हुई थीं। बारिश के लिए हल चलाया गया था, और आज भूमि पूजन में भी माँ जानकी ने बारिश भेजकर आशीर्वाद देने का कार्य किया।”

इस मौके पर तिरुपति से आए हलवाइयों ने लड्डू का महाप्रसाद बनाया है। जानकारी के अनुसार, 11 पवित्र नदियों के जल का उपयोग कर 11 हजार लोगों के लिए लड्डू बनाया गया है। माता सीता के मंदिर के शिलान्यास में काशी और मिथिला के आचार्य ने 21 तीर्थों की मिट्टी, चाँदी के विशेष कलश और बर्तन और 11 नदियों के जल के साथ भूमि पूजन कराया।

अमित शाह ने अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर 67 एकड़ में करीब 882 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भव्य मंदिर की नींव रखी। रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जुलाई 2025 को बिहार कैबिनेट ने पुनौरा धाम में मंदिर निर्माण के लिए 882.87 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी थी।

इसमें से 137 करोड़ रुपए से जानकी मंदिर का निर्माण किया जाएगा, वहीं 728 करोड़ रुपए से पर्यटन से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास होना है। सबसे बड़ी बात ये है कि 10 वर्षों तक इसके रख-रखाव पर 16.62 करोड़ रुपए खर्च करने का भी प्रावधान किया गया है।

शिलान्यास से पूर्व माँ जानकी की जन्मस्थली को फूलों और दीपों से सजा दिया गया था। बता दें कि कोलकाता से आए कलाकारों ने मंदिर और परिसर में फूलों की सजावट की है।   भूमिपूजन कार्यक्रम से पहले प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए केवल 200 लोगों को ही भूमि-पूजन स्थल पर प्रवेश की अनुमति दी थी।

मंदिर के शिलान्यास के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन को ध्यान में रखते हुए सीतामढ़ी में प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त की गयी थी। जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुनौरा धाम को केंद्र मानते हुए 5 किलोमीटर के एरिया में स्थित क्षेत्र को अस्थायी रेड जोन / नो ड्रोन फ्लाई जोन घोषित किया है।

अमृत भारत का मिला उपहार

मोदी सरकार ने सीतामढ़ी को ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ का भी उपहार दिया है। सीतामढ़ी से दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन को अमित शाह ने शिलान्यास के अवसर पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

पुनौरा धाम के साथ बिहार की नीतीश सरकार भगवान राम और माँ सीता से जुड़े फुलहर जैसे अन्य स्थलों का भी पुनरुद्धार कर रही है। इतना ही नहीं अयोध्या से पुनौरा धाम को सीधे जोड़ने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग का भी निर्माण हो रहा है। वहीं पर्यटन सुविधाओं के विकास के तहत परिसर में होटल, रेस्टहाउस, संग्रहालय, स्मृति द्वार और स्मारक भवन का निर्माण किया जाएगा।

गौरतलब है कि राम मंदिर के वास्तुकार रहे आशीष सोमपुरा ही इस मंदिर के भी आर्किटेक्ट हैं। उनका कहना है कि हमारी पूरी कोशिश है कि माँ जानकी के मंदिर का आर्किटेक्चर राम मंदिर के जैसा ही भव्य हो। बता दें कि मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों (रेड सैंडस्टोन) से किया जा रहा है।

मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने के लिए सुंदर जलाशय और फव्वारे लगाए जाएँगे और बगीचों का निर्माण भी किया जाएगा। साथ ही, ‘सीता-वाटिका’ और ‘लव-कुश वाटिका’ का भी विकास किया जाएगा।



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