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हैदराबाद में पकड़ा गया चाइल्ड पोर्न वाला गैंग, IIT इंजीनियर भी था मेम्बर: मानव तस्करी में भी शामिल होने का शक, पीड़िता ने बताया- ₹1.10 लाख में बेचा था


हैदराबाद में गिरफ्तारी

हैदराबाद में बुधवार (18 जून 2025) को बाल यौन शोषण से संबंधित अश्लील वीडियो रखने, देखने और सोशल मीडिया पर अपलोड करने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में एक आईआईटी खड़गपुर से पास आउट छात्र भी शामिल हैं जो फिलहाल हैदराबाद के सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है। इसके अलावा एक और इंजीनियर है जो फिलहाल काम नहीं कर रहा है और बाकी ग्रेजुएट हैं।

इन सभी आरोपितों की उम्र 19 साल से 50 साल के बीच है। इनलोगों को POCSO एक्ट और आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है। इनलोगों ने जो पॉर्न शेयर किए हैं उनमें विदेशी लड़कियाँ ज्यादा हैं। इनकी उम्र 6 से 14 साल के बीच है। अब पुलिस वीडियो के सोर्स का पता लगा रही है और ये भारत कैसे आए? इसकी जाँच की जा रही है।

TGCSB निदेशक शिखा गोयल के मुताबिक ऑनलाइन यूजर्स ऐप के जरिए बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री शेयर करते हैं। अब ये पता लगाया जा रहा है कि ये लोग किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा तो नहीं हैं? पुलिस ने हैदराबाद, यदाद्रिगुट्टा, वारंगल, जगत्याल, करीमनगर, जगद्दिरिगट्टा जैसी जगहों पर एक साथ छापेमारी की और 15 लोगों को गिरफ्तार किया। अब बाल संरक्षण ब्यूरो सोशल मीडिया और डार्क वेब पर नजर रख रही है।

57 साइबर टिपलाइन शिकायतों के आधार पर तेलंगाना सुरक्षा ब्यूरो (TGCSB) की बाल सुरक्षा इकाई ने एक अभियान के तहत इन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। TGCSB की निदेशक शिखा गोयल ने जानकारी दी कि पिछले 4 महीनों में 294 एफआईआर दर्ज किए गए हैं और 110 लोग गिरफ्तार हुए हैं।

इस अभियान का उद्देश्य बाल यौन शोषण से संबंधित वीडियो अपलोड करने, संग्रहीत करने और प्रसारित करने वाले आरोपितों की पहचान करना है। शिखा गोयल के मुताबिक कोई भी व्यक्त जो ऐसे वीडियो देखे, डाउनलोड करे, शेयर करे तो ये गंभीर अपराध है और उस पर कारवाई की जाएगी।

गैंग जनजातीय महिलाओं को भी करता था टारगेट

ये गैंग जनजातीय महिलाओं को भी अपना शिकार बनाता था। ये दूरदराज के क्षेत्रों की महिलाओं को बहला-फुसला कर शहरों में ले जाते थे और उन्हें बेच देते थे। जाँच के दौरान एक पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसे मध्य प्रदेश के एक वेश्यालय में 1.10 लाख रुपये में बेच दिया गया था। वहाँ से वह किसी तरह भाग कर अपने घर पहुँची।

पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि गिरोह ने खास तौर पर केरमेरी और तिरयानी जैसे दूरदराज के मंडलों की आदिवासी महिलाओं को निशाना बनाया। इन इलाकों में पिछले कुछ सालों में कई महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी। जाँच में पुष्टि हुई कि इनमें से कम से कम कुछ महिलाओं की तस्करी इसी तरह से की गई थी।

जाँच के दौरान एक अन्य पीड़िता ने पुलिस से संपर्क कर बताया कि उसे मध्य प्रदेश के एक वेश्यालय में 1.10 लाख रुपये में बेच दिया गया था। वह किसी तरह भागकर पिछले महीने घर लौट आई।

इस मामले में पुलिस की मिलीभगत भी सामने आई है। आसिफाबाद पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से छह को अब तक गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में पुलिस कांस्टेबल कामेरी हरिदास भी शामिल है।

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